लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का महाकुंभ को लेकर किया गया एक दावा बुरी तरह से उलटा पड़ गया है। मुख्यमंत्री विधानसभा में दिए अपने ही बयान में फंस गए हैं। उन्होंने एक दिन पहले दावा किया था कि महाकुंभ के दौरान एक व्यक्ति ने अपनी नौकाओं से 30 करोड़ रुपए की कमाई की थी। उनके दावे के तुरंत बाद इस पर सवाल उठे थे और कहा गया था कि ऐसे ही नौका मालिकों ने श्रद्धालुओं से कई गुना ज्यादा पैसे लेकर कमाई की थी। लेकिन अब पता चला है कि जिस व्यक्ति का जिक्र मुख्यमंत्री ने किया वह हिस्ट्रीशीटर है और दो हत्याओं सहित उसके ऊपर 20 से ज्यादा मुकदमे हैं।
असल में मुख्यमंत्री ने पिंटू माहरा के नाम का जिक्र किया था, जिसके परिवार ने नाव के किराए से 30 करोड़ रुपए कमाए। बताया जा रहा है कि पिंटू सहित परिवार के ज्यादातर सदस्य शातिर अपराधी हैं। कई सदस्य जेल जा चुके हैं। माहरा परिवार के मुखिया पिंटू माहरा के खिलाफ गंभीर धाराओं में 21 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। उसके खिलाफ दो बार गुंडा एक्ट और गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जा चुकी है। महाकुंभ के दौरान भी उसके खिलाफ़ रंगदारी मांगने और मारपीट करने की एफआईआर दर्ज हुई है।
दबंगई और वर्चस्व की लड़ाई में परिवार के पांच सदस्यों की हत्या हो चुकी है और खुद पिंटू माहरा पर दो हत्या के मामले हैं। अब विपक्ष कह रहा है कि मुख्यमंत्री ने जिसको पोस्टरब्वॉय बनाया वह अपराधी है। उस पर आरोप है कि यह परिवार सिर्फ दिखाने के लिए नाव चलाता है, जबकि इसका असली काम नाविकों से रंगदारी वसूलने का है। यह भी कहा जाता है कि पिंटू माहरा का माफिया डॉन अतीक अहमद से संबंध था। माहरा पहले अतीक के लिए भी काम करता था। यहां तक कहा जा रहा है कि उसकी शह पर ही महाकुंभ के दौरान देशी और विदेशी श्रद्धालुओं से कई गुना ज्यादा किराया वसूला गया।