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महाकुंभ 2025 : अमृत स्नान को लेकर श्रद्धालुओं पर हुई पुष्पवर्षा

Prayagraj, Jan 14 (ANI): Devotees gather to take a dip at Triveni Sangam on the occasion of first 'Amrit Snan' during the Maha Kumbh 2025, in Prayagraj on Tuesday. (ANI Photo)

महाकुंभ नगर। महाकुंभ के पहले अमृत स्नान मकर संक्रांति के दिन मंगलवार को संगम तट पर डुबकी लगाने पहुंचे करोड़ों श्रद्धालुओं पर योगी सरकार ने हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा कराई। हेलीकॉप्टर से सभी घाटों और अखाड़ों पर स्नान के दौरान श्रद्धालुओं पर फूलों की बारिश की गई। गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश देख संगम तट पर मौजूद श्रद्धालुओं ने अभिभूत होकर ‘जय श्री राम’ और ‘हर हर महादेव’ के नारे लगाए।

महाकुंभ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं पर स्नान पर्वों के मौके पर पुष्प वर्षा को लेकर योगी सरकार के निर्देश पर उद्यान विभाग ने पिछले काफी समय से तैयारी कर रखी थी। इसके लिए गुलाब की पंखुड़ियों की खास तौर पर व्यवस्था की गई थी। महाकुंभ के सभी स्नान पर्वों पर पुष्प वर्षा कराने की तैयारी की गई है।

प्रत्येक स्नान पर्व पर लगभग 20 क्विंटल गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश करने की तैयारी है, जिसकी श्रृंखला में पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा स्नान पर सोमवार को श्रद्धालुओं पर गुलाब की पंखुड़ियां बरसाईं गई थीं, जबकि दूसरे दिन यानी मंगलवार को मकर संक्रांति पर अमृत स्नान के दौरान भी पुष्पवर्षा से श्रद्धालु अभिभूत नजर आए।

उद्यान विभाग की ओर से पहले दो दिनों के लिए पर्याप्त फूलों की व्यवस्था की गई है। उद्यान विभाग की ओर से इन दो दिनों के लिए 40 क्विंटल से अधिक मात्रा में गुलाब के फूलों का स्टॉक जमा किया गया था। महाकुंभ के प्रथम अमृत स्नान का शुभारंभ मकर संक्रांति के पावन अवसर पर हुआ। संगम के त्रिवेणी तट पर लाखों श्रद्धालुओं और साधु-संतों का अद्भुत संगम देखने को मिला।

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इस ऐतिहासिक अवसर पर स्नान कर श्रद्धालुओं ने अपनी आस्था को नया आयाम दिया। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने घाट पर ही अपने ईष्ट देव की पूजा-अर्चना की। इस पूजन में तिल, खिचड़ी और अन्य पूजन सामग्रियों का उपयोग किया गया। श्रद्धालुओं ने तिल और खिचड़ी का दान कर धर्म लाभ प्राप्त किया। दान-पुण्य के इस क्रम ने पर्व को और पवित्र बना दिया।

मकर संक्रांति के इस पावन दिन संगम के घाटों पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। आस्था और उल्लास का ऐसा नजारा था, जिसने हर किसी के मन को भावविभोर कर दिया। स्नान के दौरान हर कोई अपने जीवन को पवित्र और सुखमय बनाने की प्रार्थना करता दिखा। स्नान के दौरान श्रद्धालुओं ने सूर्य को अर्घ्य देकर पुण्य और मोक्ष की कामना की।

मकर संक्रांति भगवान सूर्य को ही समर्पित पर्व है। मकर संक्रांति पर सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं और दिन लंबे और रात छोटी होने लगती है। स्नान के दौरान ही कई श्रद्धालुओं ने गंगा आरती की। वहीं, श्रद्धालुओं ने घाट पर ही मकर संक्रांति का पूजन-अर्चन किया और तिल-खिचड़ी का दान कर पुण्य कमाया।

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