Mohan Yadav : मध्य प्रदेश में जनजातीय संस्कृति के संरक्षण के लिए राज्य सरकार विशेष पहल करने जा रही है और जनजातीय क्षेत्रों में देवलोक विकसित किए जाएंगे। यह ऐलान मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि जनजातियों की संस्कृति के संरक्षण और उनके त्योहार तथा पूजा आदि की विशेष व्यवस्था के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। पश्चिमी मध्य प्रदेश में शीघ्र ही भगोरिया की शुरुआत हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय समुदायों की संस्कृति, पूजा पद्धतियों के संरक्षण के लिए प्रदेश में जनजातीय देवलोक विकसित किया जाएगा। (Mohan Yadav)
जनजातीय समाज और उनकी परंपराएं भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग हैं। इन परंपराओं और उपासना पद्धतियों को जीवंत बनाए रखने तथा वर्तमान और आगामी पीढ़ियों को इनसे अवगत कराने के लिए शासकीय योजनाओं का लाभ लेते हुए कार्य योजना का क्रियान्वयन आवश्यक है।
जनजातीय आस्था के प्रतीक रूप में देवलोक की स्थापना पर जोर (Mohan Yadav)
मुख्यमंत्री यादव ने आगे कहा कि प्रदेश में सात प्रमुख जनजातियां और इनकी उपजातियों सहित 43 जनजातीय समुदाय निवास करते हैं। जनजातियों ने प्रकृति, प्रतीक और प्रतिमा में अपने देवधारणाओं को स्थापित किया है और इनके माध्यम से वे अपनी आस्था और धारणाओं का प्रकटीकरण करते हैं।
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उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश के अलग-अलग भौगोलिक क्षेत्रों में निवासरत जनजातीय समुदायों के देवी-देवता और उनके प्रतीक भिन्न-भिन्न हैं। इसलिए राज्य के जनजातीय समुदायों की मान्यताओं, आस्था, प्रतीकों के देवलोक को एक स्थान पर लाने के लिए प्रयास करना आवश्यक है। (Mohan Yadav)
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि इन प्रयासों में जनजातीय समुदायों के ओझा, पटेल, पुजारा, तड़वी, भुमका, पंडा, गुनिया आदि के विचारों को भी समाहित किया जाए। देवलोक की स्थापना के लिए सभी जनजातियों के आवागमन की सुगमता को ध्यान में रखते हुए भूमि चिन्हित की जाए।