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मध्य प्रदेश में विकास निधि पर सियासी तकरार

Mohan Yadav

Tokyo, Jan 28 (ANI): Madhya Pradesh Chief Minister Mohan Yadav addresses during an interactive session on investment opportunities in the state, in Tokyo on Tuesday. (ANI Photo)

Mohan Yadav : मध्य प्रदेश में विधायकों को दी जाने वाली विकास निधि पर सियासी तकरार बढ़ गई है। कांग्रेस जहां विकास निधि देने में भेदभाव बरतने का आरोप लगा रही है, वहीं सत्ताधारी दल का कहना है कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ भाजपा की नीति है। (Mohan Yadav)

कांग्रेस की ओर से आरोप लगाया जा रहा है कि राज्य में भाजपा की सरकार है और वह विधायकों को विकास निधि देने में भेदभाव बरत रही है। भाजपा के विधायकों को जहां 15 करोड़ रुपए वार्षिक दिए जा रहे हैं, वहीं कांग्रेस विधायकों को विकास निधि नहीं मिल रही है।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने तो इस मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र भी लिखा है। कांग्रेस के विधायक और पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह का सरकार पर आरोप है कि वह विधायक निधि देने में भेदभाव कर रही है। इस मामले को उनकी ओर से विधानसभा में भी उठाया गया है।

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विकास निधि पर सियासी संग्राम: कांग्रेस का आरोप, सरकार का पलटवार (Mohan Yadav)

उन्होंने कहा कि मोहन यादव जैसे ही मुख्यमंत्री बने थे तो उन्होंने भाजपा विधायकों के साथ बैठक की थी और उसमें उन्होंने आश्वासन दिया था कि हर भाजपा विधायक को वर्ष 2024-25 में 15 करोड़ की राशि दी जाएगी। अब फिर 15 करोड़ देने की बात आ रही है। सवाल उठता है कि क्या मुख्यमंत्री सिर्फ भाजपा के हैं, क्या जो विधायक विपक्ष में हैं, वे प्रदेश के नहीं हैं। हमारा अधिकार है और हमें भी क्षेत्र के विकास के लिए 15 करोड़ रुपए मिलना चाहिए। यह जो भेदभाव कर रहे हैं, वह उचित नहीं है। यह पूर्ण रूप से संविधान के खिलाफ है। (Mohan Yadav)

कांग्रेस के आरोपों के बीच राज्य सरकार के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि राज्य में भाजपा की सरकार है और कभी भी, किसी भी विधायक के साथ भेदभाव नहीं करती। ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ हमारी नीति है। सभी को साथ लेकर चलने की हमारी कोशिश होती है। उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा का कहना है कि किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जा रहा है।

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