Naya India-Hindi News, Latest Hindi News, Breaking News, Hindi Samachar

विकास यात्रा में परखा जा रहा विश्वास

भोपाल। प्रदेश में विकास यात्राओं के माध्यम से मौजूदा विधायकों पर जनता का कितना विश्वास है, यह परखा जा रहा है। भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस की निगाहें भी इन विकास यात्राओं पर लगी हुई है और जहां जहां विधायकों का विरोध हो रहा है वहां कांग्रेस अपनी संभावनाएं तलाश रही है लेकिन कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां विश्वास फेविकोल की तरह चिपक गया है।

प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारी है। दोनों ही प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस तैयारियों में जुट गए हैं। सत्तारूढ़ दल भाजपा विकास यात्राओं के माध्यम से पूरे प्रदेश का फीडबैक ले रही है। खासकर मौजूदा जो विधायक या मंत्री है उनकी क्षेत्र में क्या स्थिति है इसका आंकलन बारीकी से हो रहा है और यही आंकलन टिकट वितरण के समय आधार बन सकता है क्योंकि बार-बार सत्ता और संगठन अपने विधायकों को परफारमेंस सुधारने जनता के बीच रहने और कार्यकर्ताओं से संवाद बनाए रखने की हिदायत दे रहा है। इन विकास यात्राओं के बाद भी क्षेत्रों में एंटी इनकंबेंसी रहेगी।

वहां फिर नए विकल्प की तलाश की जाएगी क्योंकि अब समय चुनाव के लिए कम रह गया है। ऐसे में अब परफारमेंस सुधरेगा इसकी उम्मीद किसी को नहीं है। यही कारण है की मौजूदा विधायक और मंत्री विकास यात्रा को गंभीरता से ले रहे हैं और एक- एक ही गांव पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि इसके बाद गर्मी का मौसम शुरू हो जाएगा और फिर बरसात आ जाएगी और तब तक सितंबर महीने में आचार संहिता भी लग जाएगी। अभी वह वक्त है जब विकास यात्रा के माध्यम से उपलब्धियां बता सकते हैं और जो समस्याएं मिलती हैं उनका निराकरण भी कर सकते हैं और पिछले कार्यकाल के अनुभव के आधार पर जनता के बीच कितनी विश्वसनीयता है यह भी परखी जा रही है। कार्यकर्ताओं से जो दूरियां बन गई थी उनको भी दूर किया जा रहा है।

बहरहाल, दोनों ही प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस 2023 में सरकार बनाने के लिए इस तरह प्रतिबद्ध हैं कि किसी भी प्रकार की कमी नहीं छोड़ना चाहते। पिछले तीन दशक से हुए विधानसभा आम चुनाव को देखें तो हर बार मौजूदा मंत्री भी चुनाव हारते रहे हैं। 2018 में मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा सरकारों के 41 मंत्री चुनाव हार गए थे। मध्यप्रदेश में 11 भाजपा सरकार के मंत्री चुनाव हार गए थे इनमें से यदि सात मंत्री भी चुनाव जीत जाते तो भाजपा सरकार में आ जाती यही कारण है कि इस बार पार्टी केवल जीतने वालों को ही टिकट देगी। चाहे वह मंत्री हो या कितना ही बड़ा नेता हो और किसी का टिकट बेवजह नहीं काटा जाएगा जिससे कि पार्टी को नुकसान उठाना पड़े इसलिए बार-बार मंत्रियों को हिदायतें दी जा रहे हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने फिर कहा है कि यह मौका है विकास यात्रा के माध्यम से सभी अपना अपना परफारमेंस सुधार ले।

कुल मिलाकर 25 फरवरी तक चलने वाली विकास यात्राएं अब अपने अंतिम पड़ाव पर हैं और सभी विधायक और मंत्री पूरा जोर लगा रहे हैं कि इन यात्रा के माध्यम से अरे अपना सकारात्मक वातावरण क्षेत्र में बना लें और फिर से जब वह जनता के बीच जाए तो विश्वास प्राप्त कर सके।

Exit mobile version