शिमला। हिमाचल प्रदेश में बुधवार रात भर हुई भारी बारिश के कारण जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में भूस्खलन (Landslide) से कई सड़कों पर वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई है। शिमला शहर में भारी बारिश (Heavy rain) से भूस्खलन और पेड़ों के गिरने का खतरा बढ़ गया है। सुबह-सुबह पहाड़ी से मलबा आने से शिमला-बिलासपुर राष्ट्रीय राजमार्ग (Shimla-Bilaspur National Highway) बाधित रहा।
भूस्खलन (Landslide) की यह घटना उपनगर गोल चक्कर के समीप बैरियर में सामने आई। इस दौरान राजमार्ग से गुजर रहे वाहन मलबे की जद में आने से बच गए। इसके बाद स्थानीय प्रशासन हरकत में आया और जेसीबी मशीनों की मदद से मलबा हटाकर राजमार्ग को एक तरफ के लिए बहाल किया गया। इस दौरान वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार राज्य भर में भूस्खलन (Landslide) से 115 सड़कें अवरुद्ध हैं। मंडी (Mandi) सबसे ज़्यादा प्रभावित ज़िला है, जहां 107 सड़कें अवरुद्ध हैं। चम्बा में चार, सोलन में तीन और कांगड़ा में एक सड़क बंद है। मंडी जिला (Mandi district) के सिराज उपमंडल में 39, करसोग में 28, थलौट में 22, सुंदरनगर में नौ, नेरचौक में पांच और मंडी उपमंडल में दो सड़कें भूस्खलन से ठप हैं।
भारी बारिश (Heavy rain) की वजह से 212 ट्रांसफार्मर खराब हो गए हैं। मंडी जिला में 147, कुल्लू में 42, चम्बा में 16 और सोलन में सात ट्रांसफार्मरों के बंद होने से बिजली गुल है। व्यापक वर्षा से शिमला जिला के ठियोग उपमंडल में 10 और कुमारसेन में सात पेयजल स्कीमें भी ठप हैं।
मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार मंडी जिला (Mandi district) के सुंदरनगर में सबसे ज्यादा 110 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। इसके अलावा पालमपुर में 109, बागी और शिमला में 84-84, गोहर में 80, सोलन में 79, मशोबरा में 78, जोगिन्दर नगर में 75 और बैजनाथ में 70 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी है। मौसम विभाग ने कहा है कि किन्नौर के रिकांगपिओ में 53 किलोमीटर प्रति घंटे और ताबो में 38 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं।