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भारत हमेशा डब्ल्यूटीओ फ्रेमवर्क में काम करेगा: पीयूष गोयल

पीयूष गोयल

New Delhi, Mar 29 (ANI): Union Commerce and Industry Minister Piyush Goyal addresses the 'India: The New Global Manufacturing Hub' seminar, in New Delhi on Saturday. (ANI Photo/Amit Sharma)

 केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत हमेशा विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के फ्रेमवर्क में ही काम करेगा, लेकिन डब्ल्यूटीओ में सुधार जरूरी हैं। 

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने विकासशील देशों की परिभाषा का दोबारा मूल्यांकन करने की जरूरत समझाई और ई-कॉमर्स नियमों, कृषि निर्णयों और मत्स्य पालन वार्ताओं पर स्पष्टता का आह्वान किया। 

उन्होंने 9वें ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट में कहा, “भारत हमेशा डब्ल्यूटीओ फ्रेमवर्क के भीतर काम करेगा। अमेरिका और यूरोपीय संघ सहित हमारे द्विपक्षीय समझौते इसके दायरे में काम करते हैं।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने वैश्विक व्यापार को नया रूप देने में खासकर संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे विश्वसनीय भागीदारों के साथ भारत के लिए आगे के अवसरों पर प्रकाश डाला।

भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बताते हुए केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा, “भारत में अवसरों की भरमार है। अगले दो से ढाई दशकों में भारत 1.4 अरब भारतीयों की आकांक्षाओं के बल पर आठ गुना वृद्धि करेगा। इससे घरेलू मांग में भारी वृद्धि होगी और वैश्विक स्तर पर पहचाने जाने वाले पैमाने के लाभ मिलेंगे।

पीयूष गोयल ने भारत के व्यापार संबंधों और चीन से एफडीआई पर अपनी बात रखी

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पिछले दो वर्षों में ही कम से कम आठ उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भारत आए हैं, जो देश के साथ मजबूत व्यापार संबंध बनाने में दुनिया की बढ़ती दिलचस्पी का संकेत है।

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उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत के मौजूदा टैरिफ संरक्षण उपाय मुख्य रूप से गैर-बाजार अर्थव्यवस्थाओं पर केंद्रित हैं।

उन्होंने कहा, “भारत उन देशों के साथ द्विपक्षीय साझेदारी करने के लिए अच्छी स्थिति में है जो पारस्परिकता, विश्वास और निष्पक्षता को महत्व देते हैं।

भारत के व्यापार निर्णयों पर बाहरी दबाव की चिंताओं को खारिज करते हुए गोयल ने कहा, “कोई दबाव नहीं है।

भारत के पास ऐसे अवसर होना अपने आप में बहुत रोमांचक है। आज हमारे निर्यात हमारे सकल घरेलू उत्पाद का अपेक्षाकृत छोटा हिस्सा हैं, लेकिन हमारा मजबूत घरेलू बाजार और महत्वाकांक्षी युवा भारतीय उद्योग को वैश्विक स्तर पर ले जाने के लिए तैयार हैं। 

चीन को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा, “भारत हमेशा अपने हितों को सबसे पहले रखेगा। अभी तक, चीन से बहुत कम एफडीआई आया है और ऐतिहासिक रूप से भी, चीनी निवेश न्यूनतम रहा है। हमारा प्रयास उन विकसित अर्थव्यवस्थाओं के साथ इंटीग्रेशन पर केंद्रित है, जिनकी बिजनेस प्रैक्टिस सही मायने में बेहतर हैं।

Pic credit : ANI

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