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दिल्ली: मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शराब नीति पर कैग की रिपोर्ट प्रस्तुत की

New Delhi, Feb 23 (ANI): Delhi Chief Minister Rekha Gupta addresses a press conference ahead of the Delhi Assembly session, which will commence on February 24, at the Delhi BJP office in New Delhi on Sunday. (ANI Photo/Ishant)

Rekha Gupta : दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को नई आबकारी नीति मामले के संबंध में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट विधानसभा में प्रस्तुत की। (Rekha Gupta)

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सरकार से संबंधित भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा दिल्ली में शराब के विनियमन एवं आपूर्ति पर निष्पादन लेखा परीक्षा प्रतिवेदन वर्ष 2024 का प्रतिवेदन संख्या 1 की प्रतियां सदन पटल पर प्रस्तुत करती हूं।

मुख्यमंत्री की तरफ से कैग की रिपोर्ट विधानसभा में प्रस्तुत किए जाने के बाद विधानसभा के स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने इसकी प्रतियां सदन के अन्य सदस्यों को वितरित करने का निर्देश दिया।

इसके बाद विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि मैं आपको भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट को सदन में प्रस्तुत करने से अवगत कराना चाहता हूं। सदन में सीएजी की रिपोर्ट पर चर्चा करने के लिए इसे उजागर करना जरूरी है।

उन्होंने कहा कि अब यह रिपोर्ट सदन में विचाराधीन है। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि सदन के कई सदस्य पहली बार चुनकर आए हैं। इस पृष्ठभूमि से अवगत होने के बाद उन्हें इसमें रचनात्मक रूप से भाग लेने में मदद मिलेगी।

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उन्होंने आगे कहा कि सीएजी एक संवैधानिक संस्था है। यह संस्था जवाबदेही और सुशासन को बढ़ावा देती है। इसे संवैधानिक प्रहरी भी कहा जाता है। इसकी कार्यप्रणाली को सर्वोच्च न्यायालय ने संविधान की मूल संरचना कहा है। सीएजी जनता, विधायिका और कार्यपालिका को यह स्वतंत्र और विश्वसनीय आश्वासन देती है कि एकत्रित सार्वजनिक धन का प्रभावी ढंग से कुशलतापूर्वक उपयोग किया जा रहा है। (Rekha Gupta)

उन्होंने कहा कि यह एक आश्चर्यजनक तथ्य है कि वर्ष 2017 और 2018 के बाद सीएजी की रिपोर्ट को सदन में प्रस्तुत नहीं किया गया। इस संबंध में विपक्ष के तत्कालीन नेता के नेतृत्व में तत्कालीन विधायकों ने सीएजी की रिपोर्ट को सदन में प्रस्तुत करने के लिए राष्ट्रपति, तत्कालीन मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से अनुरोध किया था कि राज्य की वित्तीय हालत के बारे में जानकारी प्राप्त करना जरूरी है। मैं इस बात से पीड़ित हूं कि सीएजी रिपोर्ट को दबा दिया गया।

उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने सीएजी की रिपोर्ट को सदन में प्रस्तुत न करके संवैधानिक प्रावधानों का जानबूझकर उल्लंघन किया।

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