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चारधाम यात्रा का आगाज 30 अप्रैल यानी कल से, आस्था का कारवां चला भक्तिरस के द्वार

चारधाम यात्रा

अक्षय तृतीया का पावन पर्व इस वर्ष 30 अप्रैल को एक विशेष महत्व लेकर आया है। इस दिन यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट विधिवत रूप से खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा 2025 का शुभारंभ हो जाएगा।

इसके पश्चात 2 मई को केदारनाथ और 4 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट भी श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। सरकार का दावा है कि इस बार चारधाम यात्रा को लेकर समस्त तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं ताकि तीर्थयात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।

चारधाम यात्रा को लेकर देश-विदेश से श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता है। अब तक लगभग 22 लाख से अधिक श्रद्धालु चारों धामों के दर्शन हेतु अपना पंजीकरण करा चुके हैं। यह पंजीकरण यात्रा में भाग लेने के लिए अनिवार्य है — बिना रजिस्ट्रेशन के कोई भी यात्री चार धाम यात्रा नहीं कर पाएगा।

सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया है कि यात्रा के मुख्य मार्गों पर पंजीकरण की सघन जांच की जाएगी। सोनप्रयाग, पांडुकेश्वर, हिना और बड़कोट जैसे महत्त्वपूर्ण स्थानों पर श्रद्धालुओं के रजिस्ट्रेशन की जाँच की जाएगी।

इसके लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रकार की व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है। श्रद्धालु हरिद्वार, ऋषिकेश, विकास नगर और हरबर्टपुर जैसे स्थलों पर ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।

ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन में उमड़ी भीड़

28 अप्रैल से ऑफलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पहले ही दिन 10,419 तीर्थयात्रियों ने चारों धामों की यात्रा के लिए अपना पंजीकरण करवाया। पूरे यात्रा मार्ग पर सरकार द्वारा 65 ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन काउंटर स्थापित किए गए हैं, जहाँ श्रद्धालुओं को सहायता और मार्गदर्शन भी प्रदान किया जा रहा है।

चार धाम यात्रा न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि आत्मशुद्धि और आध्यात्मिक अनुभव की दिशा में एक महान अवसर भी है। प्रशासन से लेकर स्थानीय सेवाओं तक, हर स्तर पर व्यवस्थाएं चाक-चौबंद कर दी गई हैं ताकि यह यात्रा श्रद्धालुओं के लिए सुखद, सुरक्षित और अविस्मरणीय बन सके।

चारधाम यात्रा की सुरक्षा के लिए विशेष कंट्रोल रूम

उत्तराखंड में हर वर्ष होने वाली चारधाम यात्रा को और अधिक सुरक्षित, सुव्यवस्थित और श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक बनाने के लिए इस बार पुलिस प्रशासन ने एक बड़ी पहल की है।

यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सहायता और निगरानी के लिए इस बार पुलिस द्वारा एक विशेष कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। यह कंट्रोल रूम यात्रियों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए चौबीसों घंटे सक्रिय रहेगा।

देहरादून से इस कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है, जिसके अंतर्गत दो हेल्पलाइन नंबर — 9897846203 और 0135-2714484 — जारी किए गए हैं।

श्रद्धालु इन नंबरों पर कॉल कर यात्रा से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या, सुझाव या सहायता की मांग कर सकते हैं। पुलिस विभाग ने श्रद्धालुओं को आश्वस्त किया है कि उनकी हर परेशानी को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाया जाएगा।

आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने चारधाम यात्रा ड्यूटी में तैनात सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को पूरी निष्ठा, सतर्कता और संवेदनशीलता के साथ कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि इस बार किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

हेल्पलाइन नंबर जारी और सैकड़ों CCTV कैमरे

भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए यात्रा मार्गों और चारधाम यात्रा में कुल 624 CCTV कैमरे लगाए गए हैं, जिनकी मदद से यात्रियों की हर गतिविधि पर निगरानी रखी जा सकेगी।

यह कैमरे यात्रा मार्गों, महत्वपूर्ण स्थानों, ट्रैफिक प्वाइंट्स और धामों के परिसरों में लगाए गए हैं। इसके अलावा सरकार द्वारा इस वर्ष CCTV कवरेज को और अधिक विस्तारित किया गया है ताकि कोई भी क्षेत्र निगरानी से अछूता न रहे।

इन 624 कैमरों में से 120 कैमरे केवल रुद्रप्रयाग जिले में लगाए गए हैं। अन्य जिलों में भी व्यापक कवरेज सुनिश्चित की गई है — जैसे चमोली में 79, उत्तरकाशी में 35, टिहरी में 102, हरिद्वार में 85, देहरादून में 107 और पौड़ी में 44 कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा चारों धामों के भीतर भी निगरानी के विशेष इंतजाम किए गए हैं:

केदारनाथ धाम में 5 कैमरे

बद्रीनाथ धाम में 16 कैमरे

गंगोत्री धाम में 24 कैमरे

यमुनोत्री धाम में 12 कैमरे

इस तरह की उच्च स्तरीय निगरानी और समर्पित कंट्रोल रूम की व्यवस्था से यह स्पष्ट है कि प्रशासन चारधाम यात्रा को श्रद्धालुओं के लिए पूरी तरह सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है।

श्रद्धालुओं से अनुरोध किया गया है कि किसी भी असुविधा की स्थिति में हेल्पलाइन नंबरों का उपयोग करें और सहयोग बनाए रखें, जिससे यह पावन यात्रा स्मरणीय और निर्बाध रूप से संपन्न हो सके।

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