पटना। बिहार में भाजपा के साथ मिल कर नीतीश कुमार के सरकार बनाने के करीब डेढ़ महीने के बाद आखिरकार मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ। शुक्रवार को सरकार में 21 नए मंत्री बनाए गए। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर शुक्रवार की शाम को 21 मंत्रियों को शपथ दिलाई। Bihar Cabinet Expansion
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भाजपा के 12 और जनता दल यू के कोटे से नौ मंत्री बने। भाजपा कई पुराने मंत्रियों का पत्ता काट दिया। उसने अपने कोटे में छह नए मंत्री बनाए, जबकि जनता दल यू के सभी पुराने चेहरे सरकार में शामिल किए गए हैं। पिछली सरकार के मंत्री संजय झा राज्यसभा चले गए है तो उनकी जगह महेश्वर हजारी को मंत्री बनाया गया है।
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विस्तार के बाद नीतीश कुमार की सरकार में अब मुख्यमंत्री सहित कुल 30 मंत्री हो गए हैं। इनमें से भाजपा के 15, जनता दल यू के 13, हिंदुस्तान आवाम मोर्चा और निर्दलीय कोटे से एक एक मंत्री बनाए गए हैं। पिछली बार यानी 2020 में जब एनडीए की सरकार बनी थी, तब भी यही फॉर्मूला था। लेकिन इस बार खास बात यह है कि इस मंत्रिमंडल विस्तार में कोई यादव मंत्री नहीं बनाया गया है, जबकि जनता दल यू की ओर से एक मुस्लिम को जगह मिली है।
पिछली सरकार में भी जमा खां मंत्री थे और भाजपा कोटे से सैयद शाहनवाज हुसैन को मौका मिला था। बहरहाल, अगर पूरा मंत्रिमंडल देखे तो जदयू की तरफ से पहले विस्तार में विजेंद्र यादव मंत्री बने थे, जबकि नंदकिशोर यादव को स्पीकर बनाया गया था।
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मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए लोकसभा चुनाव से पहले हुए सभी वर्गों को साधने की कोशिश की गई है। भाजपा ने अपने कोर वोट बैंक यानी सवर्ण कोटे से छह मंत्री बनाए हैं। नीतीश कुमार के कोर वोट बैंक यानी पिछड़ा और अति पिछड़ा से कुल आठ मंत्री बनाए गए हैं। इनमें अति पिछड़ा से चार और पिछड़ा वर्ग से चार मंत्री हैं।
नीतीश सरकार में छह दलित मंत्री बनाए गए हैँ। शुक्रवार को शपथ लेने वाले 21 मंत्रियों में से सिर्फ छह नए मंत्री बने हैं। सभी भाजपा कोटे से हैं। इनमें संतोष सिंह, दिलीप जायसवाल, हरी सहनी, सुरेंद्र मेहता, कृष्णनंदन पासवान, केदार प्रसाद गुप्ता शामिल हैं।