मारी अन्ना की कहानी टीवी पर दिखाएगा सिडबी

प्रयागराज। देश में मुद्रा योजना से लाभ उठाकर कैसे मारी अन्ना ने अपने इडली-डोसा के कारोबार को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया या फिर छेदी गुप्ता ने पान की दुकान से खुद को स्थापित किया, ऐसे कई छोटे उद्यमियों की सफलता कहानी उन्हीं की जुबानी टीवी पर दिखाने की सिडबी ने तैयारी की है। भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के महाप्रबंधक राजीव कुमार ने बताया कि तिरुनेलवेली से मुंबई आकर इडली-डोसा की दुकान खोलने वाले मारी अन्ना और छपरा से रांची आकर पान की दुकान खोलने वाले छेदी गुप्ता जैसे कई छोटे उद्यमियों ने मुद्रा योजना में ऋण लेकर सफलता के झंडे गाड़े जिनसे दूसरे लोग प्रेरणा ले सकते हैं।
नौकरी की तलाश में मुंबई आए मारी अन्ना ने एक रेस्तरां में हेल्पर का काम करते समय कभी सोचा नहीं था कि उनका इडली-वड़ा मुंबई में इतना मशहूर हो जाएगा कि लोग इसके दीवाने हो जाएंगे। कभी उधार ली हुई साइकिल पर इडली-वड़ा बेचने वाले मारी अन्ना आजकल नवी मुंबई में एक किराये की दुकान से इडली-डोसा बेचते हैं जहां दो कुक के अलावा दो वेटर्स और चार डिलिवरी बॉय काम करते हैं।
राजीव कुमार ने बताया कि अधिक से अधिक लोग मुद्रा योजना के तहत ऋण लेकर अपने उद्यम को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकें और नए लोग उद्यम लगाने की प्रेरणा लें, इस उद्देश्य ने सिडबी ने छोटे उद्यमियों की सफलता को लघु फिल्म के माध्यम से टीवी पर दिखाने की तैयारी की है। यहां कुम्भ मेले के सेक्टर एक में सिडबी के पंडाल में आ रहे लोगों की प्रतिक्रिया के बारे में कुमार ने बताया कि इस पंडाल में लोग स्क्रीन पर कौन बनेगा उद्यमी क्विज में काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। इस क्विज में लोग उद्यमी बन सकते हैं या नहीं, इसकी संभावना तलाश सकते हैं। क्विज में 10 सवाल पूछे जाते हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा, सिडबी ने बेचैन सपनों को पंख शीर्षक से रेडियो पर जिंगल बजाने की तैयारी की है। इसका गीत प्रसिद्ध गीतकार प्रसून जोशी ने तैयार किया है, जबकि सुखविंदर सिंह ने इसे अपनी आवाज दी है। कुमार ने बताया कि अप्रैल, 2015 में मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई मुद्रा योजना के अंतर्गत ऋण का औसत आकार 48,000 रुपये रहा है और सबसे अधिक 90 प्रतिशत ऋण शिशु (50,000 रुपये तक) वर्ग में लिए गए। उल्लेखनीय है कि मुद्रा योजना के तहत उद्यमियों को बिना रेहन के ऋण प्रदान किए जाते हैं। 31 मार्च, 2018 तक जहां अन्य बैंकों और वित्तीय संस्थानों का दूसरे ऋणों का सकल एनपीए 10 प्रतिशत से अधिक रहा, वहीं मुद्रा के तहत ऋण का एनपीए 5.38 प्रतिशत रहा।
नीचे नजर आ रहे कॉमेंट अपने आप साइट पर लाइव हो रहे है। हमने फिल्टर लगा रखे है ताकि कोई आपत्तिजनक शब्द, कॉमेंट लाइव न हो पाए। यदि ऐसा कोई कॉमेंट- टिप्पणी लाइव हुई और लगी हुई है जिसमें अर्नगल और आपत्तिजनक बात लगती है, गाली या गंदी-अभर्द भाषा है या व्यक्तिगत आक्षेप है तो उस कॉमेंट के साथ लगे ‘ आपत्तिजनक’ लिंक पर क्लिक करें। उसके बाद आपत्ति का कारण चुने और सबमिट करें। हम उस पर कार्रवाई करते उसे जल्द से जल्द हटा देगें। अपनी टिप्पणी खोजने के लिए अपने कीबोर्ड पर एकसाथ crtl और F दबाएं व अपना नाम टाइप करें।
आपका कॉमेट लाइव होते ही इसकी सूचना ईमेल से आपको जाएगी।
बताएं अपनी राय!