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अब सारी राजनीति अडानी के ईर्द गिर्द

AdaniImage Source: ANI

Adani: भारतीय जनता पार्टी के नेता और सोशल मीडिया में भाजपा का इकोसिस्टम यह सवाल उठा सकता है कि गौतम अडानी से जुड़ा हर विवाद संसद के किसी न किसी सत्र से पहले ही क्यों आता है?

यह भी कहा जा सकता है कि इसके पीछे अंतरराष्ट्रीय साजिश है क्योंकि संसद के शीतकालीन सत्र में ‘एक देश, एक चुनाव’ से लेकर वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन का विधेयक आना है और उससे ठीक पहले अडानी से जुड़ा एक बड़ा विवाद सामने आ गया।

गौरतलब है कि संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार, 25 नवंबर से शुरू हो रहा है। उससे चार दिन पहले 21 नवंबर को खबर आई कि अमेरिका की एक अदालत में 20 नवंबर को गौतम अडानी के ऊपर भारतीय अधिकारियों को घूस देने, अमेरिका के नागरिकों और वहां के शेयर बाजार की निगरानी करने वाली एजेंसी को धोखा देने और न्याय में बाधा डालने के आरोप लगे हैं और इस आरोप में उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है।

सो, अब यह तय है कि संसद का शीतकालीन सत्र इस मसले पर हंगामे में जाया होगा। यह खबर आने के तुरंत बाद राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। (Adani)

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संसद के शीतकालीन सत्र

उनको जयपुर एक निजी समारोह में शामिल होने के जाना था। लेकिन उनकी यात्रा का कार्यक्रम आगे बढ़ाया गया और उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि अडानी को गिरफ्तार किए बिना कुछ नहीं हो पाएगा। उन्होंने गिरफ्तारी की मांग की और सारे मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति बनाने की भी मांग की।

जाहिर है संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्ष इसी मुद्दे पर कार्यवाही रोकेगा। गौतम अडानी की गिरफ्तारी और सोलर ऊर्जा प्रोजेक्ट में हुई गड़बड़ियों की जांच की मांग की जाएगी।

राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में सेबी प्रमुख माधवी पुरी बुच को भी कठघरे में खड़ा किया और कहा कि वे अडानी की प्रोटेक्टर हैं। विपक्ष उनकी भी जांच की मांग कर रहा है।

संसद में सरकार अब विपक्ष की मांग की अनदेखी आसानी से नहीं कर सकती है क्योंकि विपक्ष की ताकत बढ़ गई है। ‘इंडिया’ ब्लॉक के 204 सांसद लोकसभा में हैं और उसके बाद ममता बनर्जी के 29 सांसद हैं। यानी 233 सांसद अगर कोई मांग करते हैं तो सरकार के लिए मुश्किल होगी।(Adani) 

महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे

संसद के बाहर भी सारा राजनीतिक विमर्श अडानी के ईर्द गिर्द घूमेगा। शनिवार, 23 नवंबर को महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे आएंगे और 14 राज्यों की 47 विधानसभा व दो लोकसभा सीटों पर उपचुनाव के भी नतीजे आएंगे लेकिन उसमें भी ज्यादा ध्यान महाराष्ट्र पर होगा क्योंकि वहां भी गौतम अडानी चुनाव मुद्दा बने हैं।

उद्धव ठाकरे ने ऐलान किया है कि अगर महा विकास अघाड़ी की सरकार बनती है तो धारावी के पुनर्विकास का जो प्रोजेक्ट अडानी समूह को दिया गया है वह छीन लिया जाएगा।

राहुल गांधी पहले कह चुके हैं कि अडानी को एक लाख करोड़ रुपए की जमीन भाजपा गठबंधन की सरकार ने दी है। यानी अगर अघाड़ी की सरकार बनती है तो वह जमीन भी ले ली जाएगी।

अगर भाजपा गठबंधन भी किसी तरह से सरकार बनाए तो अब अडानी का फेवर करना आसान नहीं होगा। गौरतलब है कि झारखंड के गोड्डा में भी अडानी का पावर प्रोजेक्ट विवादों में रहा है।

वहां से बांग्लादेश को बिजली की आपूर्ति होती थी, जो अब लगभग बंद है। उसका क्या होगा और क्या राज्य सरकार के साथ पावर परचेज एग्रीमेंट होगा, इसका भी पता चलेगा चुनाव नतीजों के बाद।

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By हरिशंकर व्यास

मौलिक चिंतक-बेबाक लेखक और पत्रकार। नया इंडिया समाचारपत्र के संस्थापक-संपादक। सन् 1976 से लगातार सक्रिय और बहुप्रयोगी संपादक। ‘जनसत्ता’ में संपादन-लेखन के वक्त 1983 में शुरू किया राजनैतिक खुलासे का ‘गपशप’ कॉलम ‘जनसत्ता’, ‘पंजाब केसरी’, ‘द पॉयनियर’ आदि से ‘नया इंडिया’ तक का सफर करते हुए अब चालीस वर्षों से अधिक का है। नई सदी के पहले दशक में ईटीवी चैनल पर ‘सेंट्रल हॉल’ प्रोग्राम की प्रस्तुति। सप्ताह में पांच दिन नियमित प्रसारित। प्रोग्राम कोई नौ वर्ष चला! आजाद भारत के 14 में से 11 प्रधानमंत्रियों की सरकारों की बारीकी-बेबाकी से पडताल व विश्लेषण में वह सिद्धहस्तता जो देश की अन्य भाषाओं के पत्रकारों सुधी अंग्रेजीदा संपादकों-विचारकों में भी लोकप्रिय और पठनीय। जैसे कि लेखक-संपादक अरूण शौरी की अंग्रेजी में हरिशंकर व्यास के लेखन पर जाहिर यह भावाव्यक्ति -

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