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बदले-बदले से पुरस्कार समारोह

जो कुछ भी घट रहा है उससे फिल्म पुरस्कार समारोह भी कैसे बचे रह सकते हैं। इस बार के फिल्मफेयर पुरस्कारों में ‘द कश्मीर फाइल्स’ के कोई भी पुरस्कार नहीं जीतने पर अभिनेता अनुपम खेर ने ट्वीट किया कि ‘इज्जत एक महंगा तोहफा है, इसकी उम्मीद सस्ते लोगों से न रखें’।‘ असल में ‘कश्मीर फ़ाइल्स’ सात श्रेणियों में नॉमिनेट हुई थी और उसे एक भी पुरस्कार नहीं मिला। खुद अनुपम खेर इसके लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए नॉमिनेट हुए थे। मगर यह पुरस्कार ‘बधाई दो’ के लिए राजकुमार राव को मिला। ‘कश्मीर फ़ाइल्स’ के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने तो एक दिन पहले ही कह दिया था कि वे इस फिल्मफेयर अवॉर्ड समारोह में शामिल नहीं होंगे। उनका कहना था कि बॉलीवुड के भ्रष्ट और अनैतिक सिस्टम के विरोध में वे ऐसा कर रहे हैं। किसी की फिल्म सात श्रेणियों में नॉमिनेट हुई है और वह उस समारोह का बहिष्कार कर रहा है, यह एक अजीब बात है। मगर उतना ही अजीब यह भी है कि सात श्रेणियों में नॉमिनेट हुई फिल्म हर श्रेणी में हार जाए।

उधर, संगीतकार और गायक एआर रहमान ने कभी सोचा नहीं होगा कि बदले हुए माहौल का झोंका उन्हें भी छूकर गुजरने वाला है। विकटन सिनेमा अवॉर्ड्स समारोह में रहमान को सम्मानित किया गया तो उन्होंने अपनी पत्नी सायरा को भी मंच पर बुला लिया और उनसे भी कुछ बोलने को कहा। साथ ही यह भी कहा कि वे हिंदी में नहीं, तमिल में बोलें। मगर सायरा अंग्रेज़ी में बोलीं। मुस्कुराते हुए उन्होंने कहा कि माफ कीजिएगा, मैं तमिल धाराप्रवाह नहीं बोल सकती। वे आगे बोलीं कि रहमान को मिले सम्मान से मैं बेहद खुश हूं क्योंकि इस आवाज़ को मैं प्यार करती हूं।

अब देखिए रहमान कैसे फंसे। एक तरफ, इस प्रकरण को लेकर हिंदी वाले उन्हें हिंदी विरोधी बता रहे हैं जबकि तमिल प्रेमी हैरानी जता रहे हैं कि अरे, आपकी पत्नी को तमिल नहीं आती? तमिल अभिनेत्री कस्तूरी शंकर ने रहमान से यहां तक पूछा कि आखिर सायरा घर पर क्या बोलती हैं? परिवार में वे कैसे बातचीत करती हैं? एआर रहमान ने जवाब में लिखा, ‘रेस्पेक्ट द लव’। ध्यान रहे, बात हिंदी की कट्टरता की हो या तमिल की, हैं तो वे एक ही सिक्के की उलट-पलट।

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