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ट्रंप का एजेंडा फेल?

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New Delhi, Feb 25 (ANI): US President Donald Trump interacting with business leaders, in New Delhi on Tuesday. (ANI Photo)

ट्रंप प्रशासन यूरोप और खासकर यूक्रेन को अपने प्रस्ताव पर राजी नहीं कर पाया, तो उसे ट्रंप के एक प्रमुख एजेंडे की नाकामी के रूप में देखा जाएगा। इससे चीन के साथ रूस की धुरी कमजोर करने की उनकी मंशा को भी धक्का लगेगा।

डॉनल्ड ट्रंप का भ्रम टूट चुका है कि रूस के राष्ट्रपति को उनके एक फोन करते ही यूक्रेन युद्ध ठहर जाएगा। इससे उपजे असंतोष का इज़हार अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पेरिस में किया, जब उन्होंने कहा कि कुछ दिनों के अंदर नतीजा नहीं निकला, तो अमेरिका युद्ध रुकवाने के प्रयास छोड़ देगा। अमेरिकी मीडिया के मुताबिक रुबियो ने ट्रंप की भावना को जाहिर किया। ट्रंप ने कुछ रोज पहले अपने प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक में असंतोष जताया था कि यूक्रेन युद्ध पर बातचीत कहीं आगे नहीं बढ़ रही है, इसलिए अमेरिका इससे हाथ खींचने को तैयार है।

समझा जाता है कि अब आखिरी कोशिश के तौर पर युद्धविराम समझौते के प्रस्ताव का मसविदा लेकर रुबियो यूरोपीय सहयोगी देशों से चर्चा करने गए हैँ। खबरों के मुताबिक इस प्रस्ताव में क्राइमिया को रूस का हिस्सा मान लेने और युद्ध में यूक्रेन के जिन इलाकों पर रूस ने कब्जा किया है, उसे उसी के पास रहने देने की बातें भी शामिल हैं। इसके अलावा यूक्रेन को नाटो में शामिल ना करने का वादा भी इसमें है। यूक्रेन इस पर तब तक राजी नहीं होगा, जब तक यूरोपीय देश भी इसके लिए दबाव नहीं डालते। मगर इन बिंदुओं पर राजी होने का मतलब यूरोपीय देशों का भी हार मान लेना होगा। इसलिए ट्रंप के एजेंडे की राह कठिन नजर आती है।

ट्रंप की व्यापार एवं रक्षा संबंधी अन्य प्राथमिकताओं के कारण यूरोप और उनके प्रशासन के बीच खाई पहले ही काफी चौड़ी हो चुकी है। इसे पाटने की कोशिश में इटली की प्रधानमंत्री जोर्जा मिलोनी वॉशिंगटन गईं। वहां उनकी सद्भावपूर्ण मौहाल में ट्रंप से बातचीत हुई। लेकिन विवाद के मुद्दों पर कितनी प्रगति हुई, यह अभी मालूम नहीं है। यूक्रेन युद्ध का क्या होगा, यह काफी कुछ अमेरिका और यूरोप के संबंधों पर निर्भर करता है। बहरहाल, ट्रंप प्रशासन यूरोप और खासकर यूक्रेन को अपने प्रस्ताव पर राजी नहीं कर पाया, तो उसे ट्रंप के एक प्रमुख एजेंडे की नाकामी के रूप में देखा जाएगा। इससे चीन के साथ रूस की धुरी कमजोर करने की उनकी मंशा को भी धक्का लगेगा।

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