Sunday

09-03-2025 Vol 19

श्रुति व्यास

अमेरिकी संसद में भी वैसा ही जैसे भारत में!

अमेरिकी संसद में भी वैसा ही जैसे भारत में!

donald trump : अमेरिका और भारत एक-दूसरे से करीब आठ हज़ार मील दूर है। मगर वहां की हालिया राजनीति, भारत जैसी ही लग रही है।
ट्रंप टूट पड़े, मगर जेलेंस्की डटे रहे!

ट्रंप टूट पड़े, मगर जेलेंस्की डटे रहे!

वह कूटनीति नहीं है। विचार-विमर्श नहीं था। बहस भी नहीं थी। वह अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप और उपराष्ट्रपति वेंस का यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की पर मानों टूट पड़ना था।
‘वाशिंगटन पोस्ट’ भी तबाह!

‘वाशिंगटन पोस्ट’ भी तबाह!

अखबार बौने हो गए हैं, लोगों ने टीवी पर खबरें देखना बंद कर दिया है और नकारात्मक खबरों का बोलबाला हो गया है।
जर्मनी में भी ‘मध्यमार्गी’ पिटे!

जर्मनी में भी ‘मध्यमार्गी’ पिटे!

दुनिया रूढिवाद के सैलाब में डूब-उतरा रही है। मध्यमार्गी ‘बेचारे’ हो चले हैं। वे मध्य-दक्षिणपंथियों और लोकलुभावनवादी दक्षिणपंथियों से पिट रहे हैं। जर्मनी इस सैलाब का सबसे नया शिकार...
व्हाईट हाऊस में महामूर्ख की शोभा!

व्हाईट हाऊस में महामूर्ख की शोभा!

White House...ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की शुरुआती हलचलें, अराजक नीतियां और वैश्विक प्रभाव! क्या अमेरिका नए युग में प्रवेश कर रहा है?
ट्रंप को पुतिन से ‘बड़े फायदे’!

ट्रंप को पुतिन से ‘बड़े फायदे’!

russia ukraine war : पिछले हफ्ते-दस दिन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दो दुष्ट व्यक्तियों की झोली को ढेर सारी खुशियों से भर दिया है।
सनकी हाथों में अमेरिका!

सनकी हाथों में अमेरिका!

donald trump :बांग्लादेश, नेपाल, अफगानिस्तान, श्रीलंका और दक्षिण एशिया के अन्य भागों में जो परियोजनाएं ये लोग चला रहे थे, उनमें रातों-रात कटौती कर दी गई।
क्या दिल्ली को साफ हवा मिल सकेगी?

क्या दिल्ली को साफ हवा मिल सकेगी?

सारा खेल 'परसेप्शन' का है - धारणाओं का है। चाहे आपको भला लगे या बुरा, मगर हकीकत है कि चुनावों में जीत-हार में 'परसेप्शन' की बहुत बड़ी भूमिका रहती...
तो ट्रंप अब गाजा लेंगे

तो ट्रंप अब गाजा लेंगे

डोनाल्ड ट्रंप बेतुकी बातों के बादशाह हैं। वे उतावले भी हैं। बोलते पहले हैं और सोचते बाद में हैं।
तानाशाही में म्यांमार हर तरह से बरबाद!

तानाशाही में म्यांमार हर तरह से बरबाद!

myanmar dictatorship: इस लड़ाई के चलते 3,000 से अधिक नागरिकों को अपने घरों से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा है और मणिपुर हाई अलर्ट पर है।
उथलपुथल का नया इतिहास!

उथलपुथल का नया इतिहास!

आज करीब 35 साल बाद, दुनिया में उदारवादी लोकतंत्रों से कहीं अधिक संख्या में तानाशाहियां हैं।
ट्रंप की शुरू आर्थिक जंग

ट्रंप की शुरू आर्थिक जंग

ट्रंप साहब बरसते भी हैं और काटते भी हैं। अब यह साफ़ है कि ट्रंप के इस राष्ट्रपति काल में कोरी बातें ही नहीं होंगी।
तो गाजा के फिलीसस्तीनी इंडोनेशिया जाए?

तो गाजा के फिलीसस्तीनी इंडोनेशिया जाए?

गाजा  और फिलिस्तीनी, दोनों का एक ही सवाल है, इनका भविष्य क्या है?
मनुष्यों की जान की कीमत ही क्या है!

मनुष्यों की जान की कीमत ही क्या है!

mahakumbh 2025 : एक छोटी बच्ची, थोड़ी देर पहले ही संगम में डुबकी लगाई थी। बाल अभी भी गीले थे, लेकिन शरीर ठंडा, मृत पड़ा था।
डीपसीक का तुरंत ही भूचाल!

डीपसीक का तुरंत ही भूचाल!

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या एआई) वह दिमाग, वह औजार है, जो हमें जल्दी ही बेरोजगार बना देगा।
ऑशविट्ज:  प्रतीक, मनुष्यों की पशुता का!

ऑशविट्ज: प्रतीक, मनुष्यों की पशुता का!

सोवियत संघ के युद्धबंदियों, समलैंगिक पुरूषों, राजनैतिक बंदियों और अन्यों का भी कत्ल किया गया था। ऑशविट्ज इस बात का प्रतीक है कि मनुष्य पशुओं से भी गिरा-गुज़रा हो...
नेताओं का आईने में इतराना !

नेताओं का आईने में इतराना !

बच्चों की एक प्रसिद्ध कहानी “स्नोवाइट और सात बौने” की एक पात्र है एक दुष्ट रानी। उसके पास एक जादुई आईना है, जिससे वह रोज़ सुबह उठने के बाद...
पश्चिम एशिया में चैन के लम्हे!

पश्चिम एशिया में चैन के लम्हे!

आखिरकार वह दिन आ ही गया। वह दिन जब दुनिया राहत की सांस ले सकती है। हमास-इजराइल युद्ध विराम लागू हो गया है। हालांकि यह केवल कुछ समय के...
‘ट्रम्पवाद’ का समय आया!

‘ट्रम्पवाद’ का समय आया!

कल सुबह (21 जनवरी) दुनिया ट्रंपकाल में प्रवेश करेगी। और ‘ट्रम्पवाद’ आने वाले समय का प्रतीक चिन्ह होगा।
बाइडन, ट्रंप दोनों के कारण युद्धविराम

बाइडन, ट्रंप दोनों के कारण युद्धविराम

आखिरकार गाजा में युद्धविराम हो ही गया। आठ महीने चली थकाऊ बातचीत के बाद अमरीका के पुराने और नए प्रशासन तथा मिस्र व कतर की साझा कोशिशों
कुंभ तब और अब

कुंभ तब और अब

क्या आपने महाकुंभ की तस्वीरें देखी हैं? यकीनन देखी होंगीं। उन पर किसी की नजर न पड़े यह मुमकिन ही नहीं है।
ट्रंप क्या-क्या कब्जाएंगे?

ट्रंप क्या-क्या कब्जाएंगे?

सन् 1848 में दो साल लम्बी जंग के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका और मेक्सिको में एक संधि हुई थी।
झूठ का और बनेगा बोलबाला!

झूठ का और बनेगा बोलबाला!

इस बार सभी की कोशिश है कि ट्रंप उन पर मेहरबान बने रहे। 2021 में संसद भवन इलाके में हुई हिंसा के बाद सभी ने उनका साथ छोड़ दिया...
कही भूकंप, कही आग से शुरूआत!

कही भूकंप, कही आग से शुरूआत!

मनुष्यों ने जब से तापमान नापना सीखा है, तबसे लेकर आज तक 2024 सबसे गर्म साल रहा है।
जस्टिन ट्रूडो का नशा उतरा!

जस्टिन ट्रूडो का नशा उतरा!

पिछली रात ट्रूडो ने अपना पद छोड़ने का फैसला लिया। आंसू भरी आँखों और टूटे दिल के साथ ट्रूडो अपनी उम्र से काफी बड़े नजर आ रहे थे।
बांग्लादेश की ‘वाह’ हो रही!

बांग्लादेश की ‘वाह’ हो रही!

दि इकोनोमिस्ट’ ने बांग्लादेश को ‘कंट्री ऑफ़ द इयर 2024’ चुना है। यह एकदम सही चुनाव है।
उम्मीद कभी मरती नहीं है!

उम्मीद कभी मरती नहीं है!

देश के निराशाजनक माहौल और दुनिया जिस दिशा में जा रही है, उसके बारे में सोचने से बेहतर हम या तो उसे नजरअंदाज करना सीख लें या कहीं से...
भारत नहीं आ रहे घुमक्कड़!

भारत नहीं आ रहे घुमक्कड़!

कुछ समय से भारत पर्यटकों का स्वर्ग का दर्जा खोता जा रहा है।
सम्मान नहीं हल्ला चाहिए!

सम्मान नहीं हल्ला चाहिए!

हम बहुत भद्दे, गंदे समय में जी रहे हैं। एक बुरी तरह बंटे और कटे हुए समाज में जी रहे हैं। हर आदमी सही है और हर आदमी गलत...
ओह! वह समय और अब

ओह! वह समय और अब

सिर्फ दस साल पहले की बात है, मगर मानों ज़माना गुज़र गया हो। दस साल पहले भारत भूखा था नए विजन, नई दृष्टि का।
समय बस यूं ही बीते वही छुट्टी!

समय बस यूं ही बीते वही छुट्टी!

मेरे लिए छुट्टी का मतलब है स्लो-मोशन में ज़िन्दगी जीना। बिलकुल भागदौड़ नहीं। कुछ समय तक कुछ न करना, घड़ी की सुईयों से मुक्ति
हर जगह बस कुंभ का रेलमपेला है!

हर जगह बस कुंभ का रेलमपेला है!

घूमने के सारे ठिकाने, पर्यटन स्थल चाहे कितने ही मनमोहक क्यों न हों, वहां कुंभ की रेलमपेल मची रहती है। जबकि छुट्टियों का एक मकसद भीड़-भाड़ से दूर जाना...
साल 2024 ऐसे ही गुजर गया!

साल 2024 ऐसे ही गुजर गया!

हम 2024 के अंतिम दौर में हैं और पीछे मुड़ कर जायज़ा ले सकते हैं कि साल कैसा गुज़रा।
‘रील’ में लिपटे, फंसे नौजवान!

‘रील’ में लिपटे, फंसे नौजवान!

कल शाम मैं दिल्ली के वसंत विहार में थी। यह इलाका राजधानी का फैशनेबुल हिस्सा है।
पैसा बेटे से मां, बाप, बहन की हत्या करा देता है!

पैसा बेटे से मां, बाप, बहन की हत्या करा देता है!

दिल्ली विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के विद्यार्थी अर्जुन ने अपने पूरे परिवार की निर्ममता से हत्या कर दी।
इस्लामवादी आंदोलनों को नई सांस!

इस्लामवादी आंदोलनों को नई सांस!

मुसलमानों में बदलाव आ रहा है। पिछले कुछ सालों से धर्म के प्रति उनका रवैया बदल रहा था। वे पुराने बंधनों को तोड़ रहे थे।
इस युग को क्या कहें?

इस युग को क्या कहें?

संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ एक समय वैश्विक महाशक्तियां कहलाते थे और पूरी दुनिया में उनकी तूती बोलती थी।
सीरियाः एक इस्लामिक प्रकाश स्तंभ?

सीरियाः एक इस्लामिक प्रकाश स्तंभ?

सीरिया किसका होगा? वहां मची अफरातफरी का फायदा कौन-कौन उठाएगा? वहां की ज़मीन पर किसकी मर्जी चलेगी?
सीरिया में कैसे संभव नई शुरूआत?

सीरिया में कैसे संभव नई शुरूआत?

असद परिवार के पचास साला राज के खात्मे का सभी और स्वागत है। सीरिया में लोगों ने राहत की सांस ली।
सीरिया एक नर्क से दूसरे नर्क में?

सीरिया एक नर्क से दूसरे नर्क में?

सीरिया के राष्ट्रपति असद भाग गए है। देश में सेना, प्रशासन और सरकार खत्म है। बांग्लादेश की हसीना वाजेद के हालिया पतन के बाद एक और तानाशाह के पतन...
2025 केकीस्ट्रोक्रेसी का साल!

2025 केकीस्ट्रोक्रेसी का साल!

‘केकीस्टोक्रेसी’ का अर्थ है ऐसा समाज जिसका शासन सबसे बुरे और सबसे कम काबिल लोगों के हाथ में हो।
राष्ट्रपति का मार्शल लॉ टाय टाय फुस्स!

राष्ट्रपति का मार्शल लॉ टाय टाय फुस्स!

तीन दिसंबर 2024 को दक्षिण कोरिया में जो हुआ, उसकी कल्पना वहां के निवासियों ने शायद ही की होगी। तीन दिसंबर दक्षिण कोरिया में किसी भी आम दिन की...
अब सीरिया के गृहयुद्ध में मोड़!

अब सीरिया के गृहयुद्ध में मोड़!

अफगानिस्तान के बाद अब सीरिया की बारी है। तीन दिन से भी कम समय में इस्लामिक विद्रोहियों ने सीरिया के दूसरे सबसे बड़े शहर अलेप्पो, जो एक प्राचीन किले...
ट्रंप का एजेंडा और ‘बदला टीम’ तैयार!

ट्रंप का एजेंडा और ‘बदला टीम’ तैयार!

डोनाल्ड ट्रंप का एजेंडा तैयार है। उन्होंने अपने इरादे साफ कर दिए हैं।
कुछ तो शांति हुई!

कुछ तो शांति हुई!

पश्चिम एसिया में तनिक शांति लौटी है। पिछले 14 महीनों से हिज़बुल्लाह और इजराइल की तकरार, लड़ाई कल थमी।
बाइडन अब विरासत की हडबड़ी में!

बाइडन अब विरासत की हडबड़ी में!

जो बाइडन का राष्ट्रपति के रूप में कार्यकाल अंत की ओर है। उन्हें जनवरी में व्हाइट हाउस छोड़ना है इसलिए   उन्हे अपना सामान बांधना है तो अपनी विरासत को...
पाक में इमरान के दिवानों का हंगामा!

पाक में इमरान के दिवानों का हंगामा!

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सुर्खियों में रहना पसंद है। भले ही उन्हें जेल में डाल दिया गया हो। मगर इमरान लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचने...
पृथ्वी हो बरबाद, किसे चिंता?

पृथ्वी हो बरबाद, किसे चिंता?

विकासशील देशों की 1,300 अरब डालर की मांग की तुलना में समझौते में बहुत कम राशि दी गई।