Monday

10-03-2025 Vol 19

हरिशंकर व्यास

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उत्सवधर्मिता संकट में तो है!

उत्सवधर्मिता संकट में तो है!

धर्म, धार्मिकता का शोर कितना ही हो, लाईटें और दिखावा कितना ही हो परिवार में उत्सवधर्मिता का मजा वैसा नहीं है, जैसा पहले था।
दिवालीः जगमग अंधेरा!

दिवालीः जगमग अंधेरा!

छोटी-छोटी बातें हैं लेकिन इन्हीं से तो दिवाली बड़ा त्योहार था। दिवाली तब साल का एक इंतजार था।
आंखों के आगे इतिहास!

आंखों के आगे इतिहास!

अमेरिकी मतदाता तय करेंगे कि वे अपने सभ्यतागत मूल्यों और सांचे की निरंतरता में कमला हैरिस को जिताते हैं या वैयक्तिक तानाशाही जिद्द वाले डोनाल्ड़ ट्रंप को
अमेरिका क्या बरबादी न्योतेगा?

अमेरिका क्या बरबादी न्योतेगा?

यों कोई भी देश हार्ट अटैक से नहीं मरा करता। सभ्यता-संस्कृति अचानक मुर्दा नहीं बनती।
चीन रत्ती भर पीछे नहीं!

चीन रत्ती भर पीछे नहीं!

भारत के प्रति चीन इंच भर (हां, इंच भर) न नर्म होगा, न पीछे हटेगा। इसका फिर प्रमाण 23 अक्टूबर 2024 की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिन...
भारत क्यों पुतिन-शी का मोहरा बने?

भारत क्यों पुतिन-शी का मोहरा बने?

लाख टके का सवाल है कि भारत का रूपया चीन की युआन, रूस के रूबल करेंसी के लेन-देन में सुरक्षित है या डालर की व्यवस्था में?
मोदी को विदेश में जलवे का भरोसा

मोदी को विदेश में जलवे का भरोसा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार लोकसभा चुनाव में झटका लगने के बाद से ग्लोबल हो गए हैं। उनके विदेश दौरे बढ़ गए हैं।
चीन के प्रत्यक्ष निवेश पर पहरा

चीन के प्रत्यक्ष निवेश पर पहरा

भारत में चीन के निवेश की कहानी और रहस्यमय है। भारत का कारोबार चीन से बढ़ रहा है। 
चीन से आत्मनिर्भर भारत!

चीन से आत्मनिर्भर भारत!

दिवाली नजदीक है और सोशल मीडिया में मजाक है। पूछा जा रहा है कि चीनी की झालरों का विरोध करना है या नहीं?
गृहयुद्ध कितने दशक बाद?

गृहयुद्ध कितने दशक बाद?

सवाल चौंका सकता है। लेकिन यदि विदेशियों के शासन को छोड़ कर सोचें तो हिंदू शासनों के दौरान हिंदुस्तान में स्थिरता कब, कहां, कितनी रही है?
खून लेंगे, जूस पैक देंगे!

खून लेंगे, जूस पैक देंगे!

महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव में मुफ्त की रेवड़ियों की घोषणा देखें तो हैरानी होगी कि इन सरकारों के पास कितना पैसा है, जो इतने खुले दिल से बांट...
‘घृणा’ अब अपना धर्म

‘घृणा’ अब अपना धर्म

कैसा तो विकसित भारत होगा? कैसे एक भारत, श्रेष्ठ भारत जैसी जुमलेबाजी कोई शक्ल लेगी?
हरियाणा का उदाहरण

हरियाणा का उदाहरण

सत्य को हरियाणा से समझें। याद करें, मोदी-शाह कब से हरियाणा विधानसभा के चुनाव की चिंता करते हुए हैं? खट्टर की जगह सैनी को मुख्यमंत्री बनाने के निर्णय से...
सोनिया गांधी तो समझें!

सोनिया गांधी तो समझें!

पता नहीं इन दिनों सोनिया गांधी की सेहत और उनकी समर्थता कितनी है। लगता है कि वे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को अपनी समझ और राय भी नहीं...
कांग्रेस (विपक्ष) के मूर्खों जमीन और भावनाओं की राजनीति करो!

कांग्रेस (विपक्ष) के मूर्खों जमीन और भावनाओं की राजनीति करो!

लोगों की नजर में नरेंद्र मोदी की कला उतरती हुई और राहुल गांधी की चढ़ती हुई है।
कांग्रेस मुख्यालय कितना बिकाऊ?

कांग्रेस मुख्यालय कितना बिकाऊ?

यों भारत का राजनैतिक इतिहास हिंदुओं के बिकाऊ माल का सत्य लिए हुए है।
बटोगे तो कटोगे!

बटोगे तो कटोगे!

यह भारत का नया नारा है! मोदी-शाह, संघ का हिंदुओं से नया आह्वान है। राहुल गांधी, उमर अब्दुल्ला, उद्धव ठाकरे, केजरीवाल, अखिलेश, तेजस्वी जैसे विरोधियों की कमान में दुश्मनों...
मुसलमान क्या मनुष्य नहीं?

मुसलमान क्या मनुष्य नहीं?

दि ऐसा है तो गाजा, पश्चिमी बैंक, लेबनान, सीरिया आदि में इजराइली सेना की कार्रवाई से बचने के लिए भयाकुल, भूखे-बेहाल मुसलमानों को बगल के इस्लामी देश शरण क्यों...
इस्लाम असहाय!

इस्लाम असहाय!

मुसलमान अब अशक्त हैं। 9/11 से सात अक्टूबर 2023 के मध्य इस्लाम ने दुनिया को जैसा हैरान, परेशान किया था वह खत्म है।
इजराइल कब थकेगा?

इजराइल कब थकेगा?

पर शायद इजराइल थकने के लिए नहीं है। यहूदियों की यह नंबर एक खूबी है जो सदियों दरबदर रहे तथा विपरित परिस्थितियों में भी इनकी जिजीविषा खत्म नहीं हुई।
भारत में शोक और विलाप

भारत में शोक और विलाप

इजराइल से लड़ने के लिए बने हिजबुल्लाह के चीफ हसन नसरल्लाह के मारे जाने का जैसा शोक पश्चिम एशिया के या दूसरे इस्लामिक देशों में है उससे कम भारत...
कश्मीर में सियासी मुद्दा

कश्मीर में सियासी मुद्दा

29 सितंबर को जम्मू कश्मीर में तीसरे और आखिरी चरण के मतदान के लिए प्रचार का आखिरी दिन था।
शिया और सुन्नी का डिवाइड

शिया और सुन्नी का डिवाइड

हिजबुल्लाह के चीफ हसन नसरल्लाह के इजराइली हमले में मारे जाने के बाद भारत में या दुनिया के दूसरे देशों में ज्यादातर विरोध प्रदर्शन शिया मुस्लिमों की ओर से...
मोदी और सरकार तटस्थ

मोदी और सरकार तटस्थ

पश्चिम एशिया में चल रही जंग पर भारत सरकार का रूख तटस्थ है। उसकी ओर से शांति की अपील तो की जा रही है लेकिन वह सीधे तौर पर...
सौ साल के जिमी कार्टर!

सौ साल के जिमी कार्टर!

वे अमेरिकी इतिहास के पहले शतायु राष्ट्रपति हैं। इसलिए स्वाभाविक है जो मंगलवार को अमेरिका उनका अभिनंदन करता हुआ होगा।
मोदी-शाह को नहीं चाहिए संघ!

मोदी-शाह को नहीं चाहिए संघ!

हां, लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का कहा गया यह वाक्य जस का तस सत्य है कि पार्टी को अब आरएसएस की आवश्यकता नहीं है।
मंत्र, जात और जोड़ तोड़!

मंत्र, जात और जोड़ तोड़!

नरेंद्र मोदी और अमित शाह हकीकत में जीते हैं। और दोनों ने जान लिया है कि उनका लोगों में क्रेज खत्म है। वे बासी हो गए हैं।
हरियाणा में दयनीय दशा

हरियाणा में दयनीय दशा

उधर हरियाणा में भी लगातार 10 साल राज करने के बाद भाजपा उन्हीं मुद्दों पर वोट मांग रही है, जिन मुद्दों पर 2014 या 2019 में मांगा था।
न मुद्दे और न कहानी

न मुद्दे और न कहानी

लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद दो राज्यों में विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं।
मोदी के चुने चेहरों की परीक्षा

मोदी के चुने चेहरों की परीक्षा

नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने 10 साल पहले जब सरकार और पार्टी की कमान संभाली थी तब उन्होंने भाजपा के पुराने और जमे जमाए नेताओं को हटा कर...
मोदी राज का ‘प्रसादम्’

मोदी राज का ‘प्रसादम्’

तब मैंने और प्राण प्रतिष्ठा के लिए अयोध्या गए सभी हिंदू भद्रजनों, साधु-संतों ने पशुचर्बीयुक्त घी का प्रसाद खाया? और बतौर मुख्य यजमान मोदी ने उसी का भोग रामलला...
‘अनहोनी’ न हो कश्मीर में!

‘अनहोनी’ न हो कश्मीर में!

हां, कश्मीर घाटी में लोग अफवाहों में जीते हैं। और श्रीनगर में अफवाह है कि उमर अब्दुल्ला दोनों सीटों में फंसे हुए हैं।
दांव पर अमित शाह की राजनीति!

दांव पर अमित शाह की राजनीति!

कोई न माने इस बात को लेकिन जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव अमित शाह की राजनीतिक चतुराई की परीक्षा है।
हरियाणा में सारे उपाय

हरियाणा में सारे उपाय

लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्यों में हो रहे चुनाव के महत्व को समझ रहे हैं।
महाराष्ट्र और झारखंड की चिंता

महाराष्ट्र और झारखंड की चिंता

भारतीय जनता पार्टी को जम्मू कश्मीर और हरियाणा से ज्यादा चिंता महाराष्ट्र और झारखंड की है।
बीहड़ (भारत) में बारिश!

बीहड़ (भारत) में बारिश!

सुध नहीं इसलिए ओझल है अन्यथा मौजूदा भारत बीहड़ है। तभी भारत का हर दिन बीहड़ कथा का दिन है। और कथा दिन में एक नहीं, बल्कि असंख्य।
कहानी में अब है क्या!

कहानी में अब है क्या!

‘गपशप’ लिखते-लिखते चालीस साल बाद अब वह मुकाम है जब न सुर्खियों और चेहरों से कहानी निकलती है और न सत्ता और राजनीति से कहानी में तड़का है।
मोदी के भाईजान ट्रंप!

मोदी के भाईजान ट्रंप!

कल्पना करें अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यदि कमला हैरिस से बहस कर रहे होते तो क्या मोदी हूबहू ट्रंप की तरह बोलते हुए...
विपक्ष के पास भी कहानी नहीं

विपक्ष के पास भी कहानी नहीं

संदेह नहीं है कि नई सदी के पहले दशक में जिस भारत गाथा की चर्चा शुरू हुई थी और भारत को लेकर दुनिया में जो कौतुक बना था वह...
योगी और हिमंता क्या कहानी बना पाएंगे?

योगी और हिमंता क्या कहानी बना पाएंगे?

भाजपा में नए चेहरे उभर रहे हैं। वाजपेयी और आडवाणी के बाद मोदी और शाह की जोड़ी आई और अब योगी आदित्यनाथ और हिमंता बिस्व सरमा के आने की...
सोशल सेक्टर भी बंजर हुआ

सोशल सेक्टर भी बंजर हुआ

जंतर मंतर से लेकर रामलीला मैदान तक में हुए प्रदर्शनों में कितने ही सामाजिक कार्यकर्ता उभरे थे।
गधेड़ो!

गधेड़ो!

क्या ‘गधा’ मनुष्य हो सकता है? हां, भारत में सब संभव है! वह राजा बन सकता है, मंत्री बन सकता है, कलेक्टर, तहसीलदार, पटवारी कुछ भी बन सकता है।
सोचें, क्या है मोदी एजेंडा?

सोचें, क्या है मोदी एजेंडा?

PM Narendra Modi: यों कहने को अभी नरेंद्र मोदी ने सिंगापुर में कहा है कि वे भारत में कई सिंगापुर बनाएंगे। लेकिन यह जुमला है एजेंडा नहीं।
ममता, योगी हार नहीं मानेंगे!

ममता, योगी हार नहीं मानेंगे!

इस सप्ताह ममता बनर्जी ने विधानसभा में कानून बना मोदी सरकार के पाले में गेंद डाली तो योगी आदित्यनाथ से मोदी, शाह को फिर मैसेज मिला
हरियाणा में खट्टर ही मालिक

हरियाणा में खट्टर ही मालिक

हरियाणा में उम्मीदवारों की घोषणा के बाद भाजपा में घमासान मचा है। एक दर्जन नेताओं ने पार्टी छोड़ी है, जिनमें दो मंत्री और कई विधायक हैं।
रोजमर्रा की राजनीतिक में आरएसएस का एजेंडा

रोजमर्रा की राजनीतिक में आरएसएस का एजेंडा

राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ, आरएसएस लगातार कहता रहा है कि उसका राजनीति से कोई लेना देना नहीं है और वह राष्ट्र निर्माण के लिए काम करने वाला एक सांस्कृतिक संगठन...
अब परिवारवाद का सहारा

अब परिवारवाद का सहारा

खट्टर ने सिर्फ मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पर ही ताकत नहीं दिखाई। कहा जा रहा है कि वे अमित शाह के साथ भी जोर आजमाइश कर चुके हैं।
राजनीति हमें बीहड़ में ले आई!

राजनीति हमें बीहड़ में ले आई!

बंगाल बदनाम है और बांग्ला मानस घायल। उधर बांग्लादेश में हिंदुओं को जान के लाले पड़े हैं। और नरेंद्र मोदी, अमित शाह, हिमंत बिस्वा सरमा उसमें हवा दे रहे...