Monday

10-03-2025 Vol 19

हरिशंकर व्यास

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क्षत्रपों को ही चुनाव लड़ना है

क्षत्रपों को ही चुनाव लड़ना है

लोकसभा में बड़ी हार के बाद लेफ्ट की वापसी हैरान करने वाली थी। परंतु इस बार लेफ्ट में बिखराव है और इसलिए उसकी  लड़ाई मुश्किल होने वाली है।
नीतीश, मायावती का सरेंडर

नीतीश, मायावती का सरेंडर

देश के अलग अलग प्रादेशिक क्षत्रप अलग अलग तरीके से राजनीति करते हैं।
नाम न पूछो बीहड़ का !

नाम न पूछो बीहड़ का !

न संस्कृत पांडुलिपियों की खोज हो पाती। न उनका संस्कृत से अंग्रेजी में अनुवाद हो पाता और न कश्मीर व भारत का इतिहास (जैसा भी हो) लिखा होता।
2025 में भारत में क्या?

2025 में भारत में क्या?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस के प्रमुख दोनों सितंबर में 75वें वर्ष में प्रवेश करेंगे।
2025 के विश्व में भारत क्या?

2025 के विश्व में भारत क्या?

बहुत खराब। इसलिए क्योंकि वैश्विक सुर्खियों, सोशल मीडिया नैरेटिव व लोक मान्यता में इस्लामोफोबिया, चाइनाफोबिया, एंटीसेमेटिज्म (यहूदी विरोधी भावना) की तरह दुनिया में अब हिंदुओं को लेकर एक हिंदूफोबिया...
डॉ. मनमोहन सिंह भारत के आखिरी बुद्धिवान और उम्दा प्रधानमंत्री !

डॉ. मनमोहन सिंह भारत के आखिरी बुद्धिवान और उम्दा प्रधानमंत्री !

शीर्षक चौंका सकता है। पर जरा समकालीन भारत अनुभवों और उनकी दिशा में झांके तो अगले बीस-पच्चीस वर्षों की क्या भारत संभावना दिखेगी?
2024: अविश्वास स्थापना वर्ष!

2024: अविश्वास स्थापना वर्ष!

यों 2024 की कई पहचान है। बतौर ‘वर्ष पुरूष’ गौतम अडानी हैं। अयोध्या का राम मंदिर है। नरेंद्र मोदी का प्रकट दैवीय अवतार है।
2024 की दुनिया में भारत

2024 की दुनिया में भारत

याद करें 2014 में विश्व राजधानियों में नरेंद्र मोदी को ले कर कैसा कौतुक था? शपथ समारोह में पड़ोसी देशों के राष्ट्राध्यक्षों के जमावड़े के साथ नए भारत का...
छात्रों, युवाओं के साथ धोखे का साल

छात्रों, युवाओं के साथ धोखे का साल

वर्ष 2024 अन्य कई बातों के साथ साथ युवाओं के भविष्य के साथ विश्वासघात के लिए भी जाना जाएगा।
एक देश एक परीक्षा में धोखे

एक देश एक परीक्षा में धोखे

युवाओं के साथ धोखे का यह सिर्फ एक पहलू है। अगर केंद्र सरकार की बात करें तो ‘एक देश, एक कुछ भी’ की जिद में सरकार ने ‘एक देश,...
किसानों से किया वादा कब पूरा होगा

किसानों से किया वादा कब पूरा होगा

पंजाब और हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों के धरने के 10 महीने हो गए।
खबर एक ही है, सिर्फ एक- मौसम!

खबर एक ही है, सिर्फ एक- मौसम!

हरे भरे चरागाहों, संसाधनों तथा जिंदगी जीने लायक अनुकूल मौसम और स्थितियों को तलाशते रहने की नियति लिए हुए है!
जैसा मोदी राज वैसी ही संसद!

जैसा मोदी राज वैसी ही संसद!

झटका लगा जब सुना कि धक्कामुक्की हुई और नेता प्रतिपक्ष को टारगेट बना कर सरकार के सांसदों ने कोतवाल के यहां जा कर शिकायत दर्ज कराई!
जो सावरकर, हेडगेवार, गोलवलकर के नहीं हुए वे क्या अंबेडकर के होंगे?

जो सावरकर, हेडगेवार, गोलवलकर के नहीं हुए वे क्या अंबेडकर के होंगे?

इस सप्ताह नीतीश कुमार को भारत रत्न देने का कयास सुना तो वही उद्धव ठाकरे ने सावरकर को भारत रत्न देने की मांग की।
भाजपा का जवाब उसी के हथियार से

भाजपा का जवाब उसी के हथियार से

कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियां भाजपा से निपटने के लिए उसी के हथियार आजमा रही है।
आसन पर कोतवाल को बैठा दें

आसन पर कोतवाल को बैठा दें

विपक्ष के सांसद आरोप लगाते हैं कि पीठासीन अधिकारी हेडमास्टर की तरह सदन की कार्यवाही का संचालन करते हैं।
कोतवाल कड़क होना चाहिए!

कोतवाल कड़क होना चाहिए!

संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त हो गया है लेकिन उसकी गर्मी अभी बची रहेगी। अब संसद की नई इमारत पुलिस के हवाले होगी।
बच्चे पैदा करने से ज्यादा जरूरी हिंदू बच्चों को भेड़ नहीं सत्यवादी इंसान बनाएं!

बच्चे पैदा करने से ज्यादा जरूरी हिंदू बच्चों को भेड़ नहीं सत्यवादी इंसान बनाएं!

अपने सिन्हा साहब ने दिल्ली लौट पुश्तैनी प्रदेश के हाल बताए। लखनऊ के महानगर इलाके में उनके भाई-बंदों का घर है।
अडानी पर कुरबान भारत!

अडानी पर कुरबान भारत!

भारत पूंजीवाद का नया इतिहास रच रहा है! भारत मानों गौतम अडानी का गिरवी हो गया है! यदि अडानी ग्रुप का कोई भी भंडा फूटे तो वह दुश्मन के...
राहुल हटाओ, अडानी बचाओ!

राहुल हटाओ, अडानी बचाओ!

सोनिया गांधी इसलिए समस्या हैं क्योंकि वह पुत्रमोह में हैं और इसके चलते वे उनसे कांग्रेस की कमान नहीं लेती हैं तो जिद्दी राहुल को बोलने से रोक भी...
अडानी मुद्दे से कन्नी काटती विपक्षी पार्टियां

अडानी मुद्दे से कन्नी काटती विपक्षी पार्टियां

संसद के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस के कन्नी काटी और अडानी मुद्दे पर संसद ठप्प करने में शामिल होने से इनकार किया।
विपक्षी गठबंधन आगे कैसा?

विपक्षी गठबंधन आगे कैसा?

तेलंगाना राष्ट्र समिति का नाम बदल कर भारत राष्ट्र समिति किया था और अपने को राष्ट्रीय नेता बताना शुरू किया था लेकिन वे चुनाव में पीट गए थे।  
‘मीडिया पार्ट’ की रिपोर्ट का अधूरा इस्तेमाल

‘मीडिया पार्ट’ की रिपोर्ट का अधूरा इस्तेमाल

जब इसने लड़ाकू विमान राफेल की खरीद के मामले में घोटाले का आरोप लगाया और कई तरह के तथ्य प्रकाशित किए तो भाजपा के लिए यह भारत विरोधी टूलकिट...
राहुल का एजेंडा क्या है?

राहुल का एजेंडा क्या है?

कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी पर आरोप है कि वे देश में विकास को बाधित कर रहे हैं, निवेश रोकना चाहते हैं, देश को बदनाम कर रहे हैं आदि...
उपसंहारः मध्यकाल की ओर!

उपसंहारः मध्यकाल की ओर!

हम हिंदुओं की नियति है कि आगे बढ़ते हैं, फिर पीछे लौटते हैं। आधुनिकता की ओर कदम बढ़ाते हैं और पुरातन में लौटते हैं!
मुसलमान को धिम्मी बनाकर रखेंगे या धर्मांतरित करेंगे या मारेंगे?

मुसलमान को धिम्मी बनाकर रखेंगे या धर्मांतरित करेंगे या मारेंगे?

कितना खराब है जो भारत ने संविधान में ‘सेकुलर’ रखा हुआ है और व्यवहार उस हिंदूपने का है, जिसमें न उद्देश्य मालूम है और न स्पष्टता और न बहादुरी...
संविधान में ‘सेकुलर’ और बगल में बुलडोजर!

संविधान में ‘सेकुलर’ और बगल में बुलडोजर!

आखिर भारत हिंदुओं का अपना घर, घरौंदा है। वे जो चाहेंगे वही होना चाहिए। खासकर तब जब हमें नरेंद्र मोदी, अमित शाह, योगी आदित्यनाथ, गिरिराज सिंह जैसे योद्धा और...
समस्या मुसलमान से नहीं  हिंदू ‘निरुद्देश्यता’ से है!

समस्या मुसलमान से नहीं  हिंदू ‘निरुद्देश्यता’ से है!

दुनिया भर में भटकते, खटकते, मरते हुए भी यहूदियों ने अपनी जिजीविषा में अपना बौद्धिक बल बनाए रखा। वे हम हिंदुओं की तरह कलियुगी बुद्धि में कलुषित नहीं हुए।
जिन्ना का सपना पूरा करना या भारत के टुकड़े?

जिन्ना का सपना पूरा करना या भारत के टुकड़े?

हम हिंदू फड़ाफड़ा रहे हैं! इतिहास में लौट रहे हैं। और नरेंद्र मोदी हों या योगी आदित्यनाथ, कोई बूझ नहीं रहा है कि वे मनसा, वाचा, कर्मणा भारत के...
विदेशी पर्यटक क्यों गंदी हवा, गंदे ट्रैफिक, गंदी भीड़ में भारत घूमें?

विदेशी पर्यटक क्यों गंदी हवा, गंदे ट्रैफिक, गंदी भीड़ में भारत घूमें?

भारत की आबोहवा, ट्रैफिक और इंफ्रास्ट्रक्चर आदि की अव्यवस्थाओं, असुरक्षाओं के अनुभव दुनिया को मालूम है।
मनोरंजन के नाम पर यह क्या?

मनोरंजन के नाम पर यह क्या?

पता नहीं यह आंकड़ा कितना सही या गलत है कि भारत में 78 प्रतिशत लोग अपना समय फोन ऐप, सोशल मीडिया पर गुजारते हैं!
विदेशी पक्षी भी भारत नहीं आते!

विदेशी पक्षी भी भारत नहीं आते!

विदेशी प्रवासी पक्षी, जो पहले बड़ी संख्या में आते थे, वे भारत नहीं आ रहे है। खासतौर से सर्दियों में उनका आना बहुत कम हो गया है।
विदेशी किताबों को आने से रोका जा रहा!

विदेशी किताबों को आने से रोका जा रहा!

भारत में लोगों के लिए नई विदेशी किताबों को पढ़ना मुश्किल हो गया है! इसकी हकीकत बौद्धिक भानु प्रताप मेहता ने बताई।
मनोरंजन में लाइसेंस राज लौटा

मनोरंजन में लाइसेंस राज लौटा

भारत में अभी तक सेंसर बोर्ड फिल्मों को सेंसर करता था। अब खबर है कि ओटीटी यानी ओवर द टॉप प्लेटफॉर्म पर दिखाए जाने वाले सीरिज भी नियंत्रित किए...
हम हिंदू क्या चाहते है?

हम हिंदू क्या चाहते है?

क्या मुसलमान का भुर्ता बनाना हैं? उन्हे पालतू बनाना हैं? या आ बैल मुझे मार में 1947 से पहले के मुस्लिम डायरेक्ट एक्शन को न्योतना है? 
पर वसूलना सब तरफ से

पर वसूलना सब तरफ से

GST Modi government: सरकार औसतन हर महीने एक लाख 60 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी वसूल रही है। इसका मतलब है कि...
अडानीः मोदी का राजधर्म!

अडानीः मोदी का राजधर्म!

याद करें भारत में कौन सा राजा (सम्राट अशोक से लेकर पृथ्वीराज चौहान या मुस्लिम-अंग्रेज शासकों के कार्यकाल में), प्रधानमंत्री ऐसा हुआ, जिसने किसी उद्योगपति-व्यापारी की पैरोकारी को अपना...
विपक्ष न बेईमान और न एकजुट!

विपक्ष न बेईमान और न एकजुट!

जो हरियाणा में हुआ वह महाराष्ट्र में है! ऐसा ही आगे दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश में भी होगा। इसलिए क्योंकि विपक्ष लगातार मोदी-शाह को कमतर आंकते हुए है।
मोदी-अडानी का सचमुच बना इतिहास!

मोदी-अडानी का सचमुच बना इतिहास!

गजब है! आदमी की भूख की, भ्रष्टाचार की निश्चित ही सीमा नहीं होती! खरबपति भी टुच्चे ठगों जैसा बिजनेस प्लान लिए होता है!
बीहड़ में प्रदूषण!

बीहड़ में प्रदूषण!

फिर वहीं राग पुराना है! आंखों में जलन, गले में खराश, दिल में धुआं और दिमाग में बेचैनी कि करें तो क्या करें!
हरियाणा ने सोखी दिलचस्पी!

हरियाणा ने सोखी दिलचस्पी!

भूपिंदर सिंह हुड्डा, राहुल गांधी, सैलजा आदि को पता नहीं होगा कि उनके कारण देश की राजनीति में कैसा सूखा बना है। हरियाणा से पूरे देश में सियासी दिलचस्पी...
राहुल हों या अखिलेश, एक ही अंदाज

राहुल हों या अखिलेश, एक ही अंदाज

कांग्रेस और राहुल गांधी का कैनवास अखिल भारतीय है। इसलिए विपक्ष की दुर्गति का राहुल गांधी पर ठीकरा फूटना स्वाभाविक है।
सब तरफ सन्नाटा है

सब तरफ सन्नाटा है

सोशल मीडिया में लगभग सन्नाटा है। यूट्यूब चैनल्स पर भी कोई खास शोर-शराबा नहीं है।
बारीक बदलावों की अनदेखी

बारीक बदलावों की अनदेखी

जब मतदान करने जा रहे हैं तो उनकी अस्मिता बदल जा रही है। वे हिंदू अस्मिता ओढ़ ले रहे हैं।
राहुल गांधी फीडबैक भी लेते है?

राहुल गांधी फीडबैक भी लेते है?

इस बात में संदेह है कि राहुल गांधी किसी भी राज्य से फर्स्ट हैंड फीडबैक लेते होंगे।
कांग्रेस कोई सबक नहीं सीखती

कांग्रेस कोई सबक नहीं सीखती

एक तरफ देश की बदलती हुई राजनीति है तो दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी है, जो कुछ भी सीखने के लिए तैयार नहीं दिख रही है।
पहिया पीछे घूम रहा है!

पहिया पीछे घूम रहा है!

अच्छा है या बुरा, पता नहीं लेकिन पहिया पीछे की ओर घूम रहा है। हिंदू महाभारत के द्वापर युग में लौट रहे हैं।
हिंदू 2014 में और 2024 में!

हिंदू 2014 में और 2024 में!

तब अच्छे दिनों का ख्याल था। अब बंटने और कटने का ख्याल है। तब भारत में मध्यम वर्ग मजबूत था अब जर्जर और घटता हुआ है।