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19-04-2025 Vol 19
कुंभ को तो कुंभ रहने देते!

कुंभ को तो कुंभ रहने देते!

Mahakumbh 2025: जो अद्भुत था वह अब शो है! जो व्यक्ति के निर्वाण का मौका था वह एक मुख्यमंत्री की वोट संख्या का अखाड़ा है!
ममता कुलकर्णी को क्यों नहीं मानेंगे महामंडलेश्वर?

ममता कुलकर्णी को क्यों नहीं मानेंगे महामंडलेश्वर?

Mamta Kulkarni: कुंभ और महाकुंभ में तो परंपरागत तौर पर अखाड़ों और शंकराचायों का महात्म्य है।
महाकुंभ के महाइवेंट से पाया क्या?

महाकुंभ के महाइवेंट से पाया क्या?

Mahakumbh 2025: सभी धर्मों के सालाना उत्सव होते हैं। मुस्लिम समाज के लोग हर साल हज के लिए जाते हैं तो उर्स के लिए भी निकलते हैं।
चप्पलों का समाजशास्त्र

चप्पलों का समाजशास्त्र

mahakumbh stampede: कह सकते हैं कि लोग जूते पहन कर घाट पर कैसे जाते इसलिए ज्यादातर लोगों ने चप्पलें पहनी थीं।
महाकुंभ का मुख्य विमर्श क्या रहा?

महाकुंभ का मुख्य विमर्श क्या रहा?

Mahakumbh 2025: एक तो सरकारी विमर्श था, जिसमें पहले घंटे से बताया जाने लगा कितने लाख या कितने करोड़ लोगों ने डुबकी लगा ली।
वहां देशभक्ति यहां वोट भक्ति!

वहां देशभक्ति यहां वोट भक्ति!

डोनाल्ड ट्रंप और नरेंद्र मोदी में क्या फर्क है, इस पर 2017 में मैंने ट्रंप के पहले महीने के फैसलों के हवाले लिखा था।
वहां काबिलियत यहां आरक्षण!

वहां काबिलियत यहां आरक्षण!

डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर वहा हड़ताल नहीं हुई। न विरोधी पार्टी और सांसदों का हल्ला हुआ।
वहां विपक्ष और भारत में विपक्ष!

वहां विपक्ष और भारत में विपक्ष!

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप चार साल राष्ट्रपति रहे और चुनाव हार गए। चार साल विपक्ष में रहे तो उन्होंने क्या किया? पुराने ही मुद्दों की राजनीति। अपने विचार में...
वहां अमल यहां झांसा!

वहां अमल यहां झांसा!

भारत दस वर्षों से नाकाबिल-लालफीताशाह-भ्रष्ट नौकरशाही से ‘मेक इन इंडिया’ का फर्जीवाड़ा बनाए हुए है। चीन पर निर्भरता कम करने, स्वदेशीकरण का राग अपनाए हुए है।
काबिल और कारिंदे!

काबिल और कारिंदे!

भारत में जिसको सुनिए वो कहेगा कि काबिल लोगों की कमी नहीं हैं। कमी नहीं है तो फिर कहां हैं काबिल लोग?
‘बीहड़’ में किसकी, कब ‘आजादी’?

‘बीहड़’ में किसकी, कब ‘आजादी’?

‘गुलामी’ और ‘स्वतंत्रता’ दोनों मनुष्य जनित हैं! मनुष्य वह जानवर है, जिससे पृथ्वी पर गुलाम, पालतू, बंधुआ और ‘स्वतंत्र’ ‘आजाद’, ‘स्वच्छंद’ की विभिन्न किस्मों के विभिन्न वर्ग तथा सिस्टम...
आजादी का मान घटाने की मुहिम

आजादी का मान घटाने की मुहिम

जो यह मानते हैं कि भारत दो सौ साल के करीब गुलाम रहा और फिर कांग्रेस की लड़ाई से आजादी मिली।
उफ! ‘हिंदू’ स्वतंत्रता का यह सत्तापथ!

उफ! ‘हिंदू’ स्वतंत्रता का यह सत्तापथ!

मोहन भागवत के कहे पर व्यर्थ का बवंडर है। इसकी सघनता से अपना शक है कि मोदी सरकार व भाजपा में उनके विरोधियों ने इस पर तिल का ताड़...
संघ, भाजपा की कुंठा गहरी

संघ, भाजपा की कुंठा गहरी

आजादी की लड़ाई को लेकर भाजपा और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के लोग इतनी कुंठा में रहते हैं, जिसकी मिसाल नहीं है।
ताकि संघ को भी मिले श्रेय

ताकि संघ को भी मिले श्रेय

सवाल है भाजपा और आरएसएस में अनेक लोगों द्वारा ऐसा क्यों हो रहा है?
आजादी के नारे लगे तो देशद्रोह!

आजादी के नारे लगे तो देशद्रोह!

अगर कन्हैया की तरह उन्होंने ‘हमें चाहिए आजादी’ का नारा लगाया तो देशद्रोही घोषित कर दिए जाएंगे।
केजरीवाल का अहंकार जीतेगा या मोदी का?

केजरीवाल का अहंकार जीतेगा या मोदी का?

2014 में नरेंद्र मोदी और अरविंद केजरीवाल दोनों एक ही समय जनभावनाओं से उभरे और छाये सूरमा हैं।
चंद्रबाबू की चांदी ही चांदी!

चंद्रबाबू की चांदी ही चांदी!

वे आंध्र प्रदेश में चौथी बार मुख्यमंत्री बने हैं और मोदी सरकार को अपनी पार्टी का समर्थन देते हुए सर्वाधिक लाभ ले रहे हैं।
नवीन पटनायक योद्धा क्षत्रप हैं

नवीन पटनायक योद्धा क्षत्रप हैं

एक श्रेणी उन क्षत्रपों की है, जो कांग्रेस के साथ गठबंधन में होते हैं और भाजपा से लड़ते हैं।
क्षत्रपों को ही चुनाव लड़ना है

क्षत्रपों को ही चुनाव लड़ना है

लोकसभा में बड़ी हार के बाद लेफ्ट की वापसी हैरान करने वाली थी। परंतु इस बार लेफ्ट में बिखराव है और इसलिए उसकी  लड़ाई मुश्किल होने वाली है।
नीतीश, मायावती का सरेंडर

नीतीश, मायावती का सरेंडर

देश के अलग अलग प्रादेशिक क्षत्रप अलग अलग तरीके से राजनीति करते हैं।
2025 में भारत में क्या?

2025 में भारत में क्या?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस के प्रमुख दोनों सितंबर में 75वें वर्ष में प्रवेश करेंगे।
2025 के विश्व में भारत क्या?

2025 के विश्व में भारत क्या?

बहुत खराब। इसलिए क्योंकि वैश्विक सुर्खियों, सोशल मीडिया नैरेटिव व लोक मान्यता में इस्लामोफोबिया, चाइनाफोबिया, एंटीसेमेटिज्म (यहूदी विरोधी भावना) की तरह दुनिया में अब हिंदुओं को लेकर एक हिंदूफोबिया...
2024: अविश्वास स्थापना वर्ष!

2024: अविश्वास स्थापना वर्ष!

यों 2024 की कई पहचान है। बतौर ‘वर्ष पुरूष’ गौतम अडानी हैं। अयोध्या का राम मंदिर है। नरेंद्र मोदी का प्रकट दैवीय अवतार है।
2024 की दुनिया में भारत

2024 की दुनिया में भारत

याद करें 2014 में विश्व राजधानियों में नरेंद्र मोदी को ले कर कैसा कौतुक था? शपथ समारोह में पड़ोसी देशों के राष्ट्राध्यक्षों के जमावड़े के साथ नए भारत का...
छात्रों, युवाओं के साथ धोखे का साल

छात्रों, युवाओं के साथ धोखे का साल

वर्ष 2024 अन्य कई बातों के साथ साथ युवाओं के भविष्य के साथ विश्वासघात के लिए भी जाना जाएगा।
एक देश एक परीक्षा में धोखे

एक देश एक परीक्षा में धोखे

युवाओं के साथ धोखे का यह सिर्फ एक पहलू है। अगर केंद्र सरकार की बात करें तो ‘एक देश, एक कुछ भी’ की जिद में सरकार ने ‘एक देश,...
किसानों से किया वादा कब पूरा होगा

किसानों से किया वादा कब पूरा होगा

पंजाब और हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों के धरने के 10 महीने हो गए।
जैसा मोदी राज वैसी ही संसद!

जैसा मोदी राज वैसी ही संसद!

झटका लगा जब सुना कि धक्कामुक्की हुई और नेता प्रतिपक्ष को टारगेट बना कर सरकार के सांसदों ने कोतवाल के यहां जा कर शिकायत दर्ज कराई!
जो सावरकर, हेडगेवार, गोलवलकर के नहीं हुए वे क्या अंबेडकर के होंगे?

जो सावरकर, हेडगेवार, गोलवलकर के नहीं हुए वे क्या अंबेडकर के होंगे?

इस सप्ताह नीतीश कुमार को भारत रत्न देने का कयास सुना तो वही उद्धव ठाकरे ने सावरकर को भारत रत्न देने की मांग की।
भाजपा का जवाब उसी के हथियार से

भाजपा का जवाब उसी के हथियार से

कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियां भाजपा से निपटने के लिए उसी के हथियार आजमा रही है।
आसन पर कोतवाल को बैठा दें

आसन पर कोतवाल को बैठा दें

विपक्ष के सांसद आरोप लगाते हैं कि पीठासीन अधिकारी हेडमास्टर की तरह सदन की कार्यवाही का संचालन करते हैं।
कोतवाल कड़क होना चाहिए!

कोतवाल कड़क होना चाहिए!

संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त हो गया है लेकिन उसकी गर्मी अभी बची रहेगी। अब संसद की नई इमारत पुलिस के हवाले होगी।
राहुल हटाओ, अडानी बचाओ!

राहुल हटाओ, अडानी बचाओ!

सोनिया गांधी इसलिए समस्या हैं क्योंकि वह पुत्रमोह में हैं और इसके चलते वे उनसे कांग्रेस की कमान नहीं लेती हैं तो जिद्दी राहुल को बोलने से रोक भी...
अडानी मुद्दे से कन्नी काटती विपक्षी पार्टियां

अडानी मुद्दे से कन्नी काटती विपक्षी पार्टियां

संसद के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस के कन्नी काटी और अडानी मुद्दे पर संसद ठप्प करने में शामिल होने से इनकार किया।
विपक्षी गठबंधन आगे कैसा?

विपक्षी गठबंधन आगे कैसा?

तेलंगाना राष्ट्र समिति का नाम बदल कर भारत राष्ट्र समिति किया था और अपने को राष्ट्रीय नेता बताना शुरू किया था लेकिन वे चुनाव में पीट गए थे।  
‘मीडिया पार्ट’ की रिपोर्ट का अधूरा इस्तेमाल

‘मीडिया पार्ट’ की रिपोर्ट का अधूरा इस्तेमाल

जब इसने लड़ाकू विमान राफेल की खरीद के मामले में घोटाले का आरोप लगाया और कई तरह के तथ्य प्रकाशित किए तो भाजपा के लिए यह भारत विरोधी टूलकिट...
राहुल का एजेंडा क्या है?

राहुल का एजेंडा क्या है?

कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी पर आरोप है कि वे देश में विकास को बाधित कर रहे हैं, निवेश रोकना चाहते हैं, देश को बदनाम कर रहे हैं आदि...
विदेशी पर्यटक क्यों गंदी हवा, गंदे ट्रैफिक, गंदी भीड़ में भारत घूमें?

विदेशी पर्यटक क्यों गंदी हवा, गंदे ट्रैफिक, गंदी भीड़ में भारत घूमें?

भारत की आबोहवा, ट्रैफिक और इंफ्रास्ट्रक्चर आदि की अव्यवस्थाओं, असुरक्षाओं के अनुभव दुनिया को मालूम है।
मनोरंजन के नाम पर यह क्या?

मनोरंजन के नाम पर यह क्या?

पता नहीं यह आंकड़ा कितना सही या गलत है कि भारत में 78 प्रतिशत लोग अपना समय फोन ऐप, सोशल मीडिया पर गुजारते हैं!
विदेशी पक्षी भी भारत नहीं आते!

विदेशी पक्षी भी भारत नहीं आते!

विदेशी प्रवासी पक्षी, जो पहले बड़ी संख्या में आते थे, वे भारत नहीं आ रहे है। खासतौर से सर्दियों में उनका आना बहुत कम हो गया है।
विदेशी किताबों को आने से रोका जा रहा!

विदेशी किताबों को आने से रोका जा रहा!

भारत में लोगों के लिए नई विदेशी किताबों को पढ़ना मुश्किल हो गया है! इसकी हकीकत बौद्धिक भानु प्रताप मेहता ने बताई।
मनोरंजन में लाइसेंस राज लौटा

मनोरंजन में लाइसेंस राज लौटा

भारत में अभी तक सेंसर बोर्ड फिल्मों को सेंसर करता था। अब खबर है कि ओटीटी यानी ओवर द टॉप प्लेटफॉर्म पर दिखाए जाने वाले सीरिज भी नियंत्रित किए...
पर वसूलना सब तरफ से

पर वसूलना सब तरफ से

GST Modi government: सरकार औसतन हर महीने एक लाख 60 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी वसूल रही है। इसका मतलब है कि...
मोदी-अडानी का सचमुच बना इतिहास!

मोदी-अडानी का सचमुच बना इतिहास!

गजब है! आदमी की भूख की, भ्रष्टाचार की निश्चित ही सीमा नहीं होती! खरबपति भी टुच्चे ठगों जैसा बिजनेस प्लान लिए होता है!
हरियाणा ने सोखी दिलचस्पी!

हरियाणा ने सोखी दिलचस्पी!

भूपिंदर सिंह हुड्डा, राहुल गांधी, सैलजा आदि को पता नहीं होगा कि उनके कारण देश की राजनीति में कैसा सूखा बना है। हरियाणा से पूरे देश में सियासी दिलचस्पी...
राहुल हों या अखिलेश, एक ही अंदाज

राहुल हों या अखिलेश, एक ही अंदाज

कांग्रेस और राहुल गांधी का कैनवास अखिल भारतीय है। इसलिए विपक्ष की दुर्गति का राहुल गांधी पर ठीकरा फूटना स्वाभाविक है।
सब तरफ सन्नाटा है

सब तरफ सन्नाटा है

सोशल मीडिया में लगभग सन्नाटा है। यूट्यूब चैनल्स पर भी कोई खास शोर-शराबा नहीं है।