Tuesday

15-04-2025 Vol 19
विचारना हमारा है ही नहीं!

विचारना हमारा है ही नहीं!

भारत गजब की मायावी विश्वगुरूता में है! गुजरे सप्ताह पूरी दुनिया में डोनाल्‍ड ट्रंप से उथलपुथल हुई।
मोदी, संघ में क्या विचार?

मोदी, संघ में क्या विचार?

इसलिए क्योंकि हम हिंदुओं में महिमा ‘गद्दी’ की है विचार की नहीं!  ‘गद्दी’ याकि ‘आसन’ जो होता है उस पर कोई भी बैठे वही फिर सर्वज्ञ है, देवज्ञ है।
मदुरै में लेफ्ट की दुविधा

मदुरै में लेफ्ट की दुविधा

लेफ्ट पार्टियों के लिए अगला एक साल करो या मरो का साल है। उसे अगले साल मई में केरल की अपनी सत्ता बचानी है।
माओवादियों व सीपीआई के बुरे दिन

माओवादियों व सीपीआई के बुरे दिन

उग्र वामपंथी यानी माओवादी संगठनों के बहुत बुरे दिन है। केंद्र सरकार ने ऐलान किया है कि अगले साल मार्च तक पूरे देश से नक्सलवाद का सफाया हो जाएगा।
अहमदाबाद में कांग्रेस की पुरानी रट

अहमदाबाद में कांग्रेस की पुरानी रट

कांग्रेस बिना ठोस विचारों के है। संक्रमण के दौर से गुजर रही है। राहुल गांधी नए प्रयोग कर रहे हैं।
अमेरिका की ‘मुक्ति’ चीन की ‘बरबादी’!

अमेरिका की ‘मुक्ति’ चीन की ‘बरबादी’!

एक झटके में डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया बदली। उन्होंने दो अप्रैल 2025 के दिन अमेरिका को ‘मुक्त’ किया।
चीन से अमेरिका की मुक्ति तो भारत की कब?

चीन से अमेरिका की मुक्ति तो भारत की कब?

सोचें, डोनाल्ड ट्रंप, उनके मंत्रियों, नौकरशाहों, व्यापारी सभी को विश्वास है कि हम वापिस स्वदेशी उत्पादन की फैक्टरियां बना सकते हैं।
टैरिफ युद्धः भारत के लिए मौका

टैरिफ युद्धः भारत के लिए मौका

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया के 60 देशों पर जैसे को तैसा शुल्क लगाने का ऐलान किया तो भारत को छोड़ कर दुनिया भर के देशों की...
मौका पर खत्म एमएसएमई धंधे

मौका पर खत्म एमएसएमई धंधे

भारत का कपड़ा क्षेत्र भी लाभ उठाने की स्थिति है। पड़ोसी देशों के मुकाबले कम शुल्क की वजह से देश के परिधान और वस्त्र क्षेत्र को बढ़ावा देने में...
चीन से निर्यात घटाने क्या हिम्मत?

चीन से निर्यात घटाने क्या हिम्मत?

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व्यापार नीति से भारत को लंबा फायदा अपने सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योगों को पुनर्जीवित करने से मुमकिन है।
मुसलमान कबूल करेगा या खारिज?

मुसलमान कबूल करेगा या खारिज?

Saugat-e-Modi : समय की लीला बेजोड़ है! नरेंद्र मोदी ईद पर मुसलमान को ‘सौगात-ए-मोदी’ दे रहे हैं और फिर उन्हें सौगात-ए-वक्फ बोर्ड मिलेगा!
विपक्ष क्या करे?

विपक्ष क्या करे?

BJP vs Congress: लाख टके का सवाल है कि वक्फ बोर्ड मामले में मुस्लिम मौलानाओं के साथ खड़े तेजस्वी यादव से कितने यादव वोट छिटक भाजपा को जाएंगे?
वोट नहीं फिर सौगात क्यों?

वोट नहीं फिर सौगात क्यों?

Eid : भक्त भड़के हुए हैं। ईद के मौके पर सौगात ए मोदी ने उनको भड़काया है।
पुरानी दुविधाः धर्म या जाति!

पुरानी दुविधाः धर्म या जाति!

भारतीय जनता पार्टी के सामने यह बड़ी दुविधा है कि वह धर्म और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति पर आगे बढ़े या जाति के दांव से चुनाव जीतने का अभियान...
वोट नहीं मिलेंगे तो बांटने की रणनीति

वोट नहीं मिलेंगे तो बांटने की रणनीति

मुस्लिम वोट को लेकर भाजपा की एक रणनीति यह भी है कि जहां संभव हो वहां वोट बांटने का प्रयास होना चाहिए।
पूरा प्रदेश नफरत का मैदान!

पूरा प्रदेश नफरत का मैदान!

manipur violence : 2023 की मई के पहले हफ्ते में कुकी और मैती समूहों के बीच जातीय हिंसा शुरू हुई थी, जिसमें तीन सौ के करीब लोग मरे हैं...
नफरत है राष्ट्र धर्म!

नफरत है राष्ट्र धर्म!

आश्चर्य नहीं है जो हिंदू राजनीति में औरंगजेब का कंकाल उपयोगी है और काला रंग संसद को स्थगित करवा देता है!
पूर्वोत्तर में चौतरफा अविश्वास है

पूर्वोत्तर में चौतरफा अविश्वास है

मणिपुर के जातीय दंगों और अलग अलग समुदायों के लोगों का एक दूसरे को पहचान कर उन पर हमला करने की खबरे आए दिन आती रहती है।
सब तो एक-दूसरे से छिटके हुए!

सब तो एक-दूसरे से छिटके हुए!

इन दिनों बेंगलुरू में आरएसएस की प्रतिनिधि सभा की बैठक हो रही है।
सब तहस नहस का अभियान

सब तहस नहस का अभियान

लंबे समय तक भारत की विकास गाथा महाराष्ट्र की विकास गाथा रही है। लेकिन आज जिस तरह से भारत गाथा यानी इंडिया स्टोरी दिशाहीन दिख रही है वैसे ही...
मोदीजी, भूटान से ही सीख लीजिए!

मोदीजी, भूटान से ही सीख लीजिए!

modi learn from bhutan : दुनिया बाधक है! डोनाल्‍ड ट्रंप हों या चीन या फ्रांस, ब्रिटेन, यूरोप सभी भारत को सिर्फ भीड़ और बाजार समझते हैं। तो भारत क्या...
मोदीजी, सीखें वियतनाम से शिक्षा!

मोदीजी, सीखें वियतनाम से शिक्षा!

vietnam education : शिक्षा के नाम पर भारत में बीस सालों में तैयार पचास करोड़ नौजवानों की भीड़, बेगार वाली है वही बजट में खर्चा ढाई-तीन प्रतिशत!
चीन, यूरोप, कनाडा से सीखें कूटनीति

चीन, यूरोप, कनाडा से सीखें कूटनीति

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार राष्ट्रपति चुने जाने के बाद पूरी दुनिया की भू राजनीतिक स्थितियां बदल रही हैं।
मोदीजी, तुर्की से पर्यटन कमाई सीखें!

मोदीजी, तुर्की से पर्यटन कमाई सीखें!

यह बात बेतुकी लगेगी कि भला भारत और तुर्की में क्या तुलना हो सकता है।
स्वास्थ्य सेवाओं में चीन से ही सीखें!

स्वास्थ्य सेवाओं में चीन से ही सीखें!

यों इस मामले में भारत किसी भी देश से सीख सकता है। अमेरिका, यूरोप या ब्रिटेन की बात छोड़ें तो भारत ताइवान या चीन से सीख सकता है।
हिंदुओं ने सभी को हरा दिया!

हिंदुओं ने सभी को हरा दिया!

जाहिर है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आस्थावान हिंदुओं को परमहंस अवस्था में पहुंचा दिया है। इस अमृतकाल से भारत अमृतमय हो गया है और बाकी सभी...
जो है वह कांग्रेस की देन!

जो है वह कांग्रेस की देन!

मैं इन दिनों ‘जनसत्ता’, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के समय के अपने संस्मरण खंगालता हुआ हूं।
लोकप्रिय नैरेटिव से बाहर है कांग्रेस

लोकप्रिय नैरेटिव से बाहर है कांग्रेस

कांग्रेस पिछले एक दशक से ज्यादा समय से चुनाव हार रही है। लेकिन उससे पहले जब वह जीती और दो बार लगातार केंद्र में सरकार में रही तब भी...
कुंभ और कांग्रेस

कुंभ और कांग्रेस

पिछले कई महीनों से देश में महाकुंभ का नैरेटिव बना। कांग्रेस ने उस पर सोचा ही नहीं। वह चाहती तो इसका हिस्सा बन सकती थी।
महाकुंभ से गैरहाजिर विपक्ष

महाकुंभ से गैरहाजिर विपक्ष

कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों ने सिर्फ महाकुंभ का नैरेटिव मिस नहीं किया, बल्कि यहां भी ऐतिहासिक गलती कर बैठे, जिससे समूचा विपक्ष आम हिंदुओं के निशाने पर आया।
नए चेहरे और भाजपा भविष्य!

नए चेहरे और भाजपा भविष्य!

New Faces of BJP : इंदिरा गांधी ने असली कांग्रेस को पार्टी तोड़ कर खत्म किया था। वही नरेंद्र मोदी ने बिना कुछ किए ही भाजपा और संघ परिवार...
भागवत, मोदी और विपक्ष

भागवत, मोदी और विपक्ष

इस वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत दोनों 75 वर्ष के होंगे।
राहुल कैसे तैयार कर रहे हैं दूसरी लाइन

राहुल कैसे तैयार कर रहे हैं दूसरी लाइन

rahul gandhi : राहुल गांधी 35 साल की उम्र में 2004 में सांसद बने थे। तब से यानी पिछले 20 साल से अपनी टीम बनाने की कोशिश में हैं।
असुरक्षा बोध और वंशवाद से बरबादी

असुरक्षा बोध और वंशवाद से बरबादी

indian politics : भारतीय राजनीति के बारे में कुछ सत्य ऐसे हैं, जो सार्वभौमिक हैं। जैसे आंदोलन या जनता के बीच काम करके नेता नहीं पैदा हो रहे हैं।
क्षेत्रीय पार्टियों में दूसरी लाइन समाप्त

क्षेत्रीय पार्टियों में दूसरी लाइन समाप्त

indian political parties : सभी प्रादेशिक क्षत्रपों के साथ कभी एक करिश्मा जुड़ा था या एक जातीय समीकरण था, जिसके दम पर वे सफल हुए।
ट्रंप मेहरबान हैं!

ट्रंप मेहरबान हैं!

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से खुश हैं। वाशिंगटन में ट्रंप और मोदी वार्ता, प्रेस कांफ्रेंस की भाव-भंगिमा और साझा बयान का लब्बोलुआब है कि सब ठीक है।
मौका गंवाने का नाम है भारत!

मौका गंवाने का नाम है भारत!

डोनाल्ड ट्रंप ने 2016 से 2020 के पहले कार्यकाल में चीन का बाजा बजाया था। वैश्विक पैमाने पर चीन के खिलाफ जो माहौल बना तो उससे पश्चिमी निवेशक चीन...
एआई में भारत का जबरदस्त मौका!

एआई में भारत का जबरदस्त मौका!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसे समय में फ्रांस की राजधानी पेरिस में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई के एक्शन समित की सह अध्यक्षता की, जब पूरी दुनिया में इसकी धूम...
ट्रंप से क्या सीखना चाहिए?

ट्रंप से क्या सीखना चाहिए?

भारत का मेक इन इंडिया अभियान अभी तक सफल नही हो सका है। ट्रंप से सबक लेकर भारत भी चीन के उत्पादों पर पाबंदी लगा कर या अतिरिक्त शुल्क...
केजरीवाल जीतें या हारें, बहुत अहम!

केजरीवाल जीतें या हारें, बहुत अहम!

delhi election result: यदि अरविंद केजरीवाल हार गए तो हरियाणा के क्वार्टर फाइनल, महाराष्ट्र के सेमी फाइनल के बाद दिल्ली का चुनाव नतीजा फाइनल है।
हथकड़ी में भारतीय!

हथकड़ी में भारतीय!

indian migrants: और हथकड़ी केवल हाथों में ही नहीं, पांवों और दिमाग में भी! अमेरिका ने मोदी राज में भारतीयों को सचमुच औकात दिखाई है।
डाल-डाल, पात-पात का प्रबंधन

डाल-डाल, पात-पात का प्रबंधन

delhi election:चुनाव के बाद यह मुद्दा उठाया। ऐसे ही हरियाणा में प्रॉक्सी फाइट की रणनीति को भी कांग्रेस समय रहते नहीं भांप पाई।
कांग्रेस का क्या होगा?

कांग्रेस का क्या होगा?

delhi asseimbly election : कांग्रेस पार्टी के लिए दिल्ली का विधानसभा चुनाव बहुत उलझा हुआ था। पार्टी को सिद्धांत रूप में यह तय करना था कि उसका बड़ा दुश्मन...
किसका नैरेटिव कितना चला

किसका नैरेटिव कितना चला

delhi assembly election: बारीक प्रबंधन के अलावा चुनाव नैरेटिव पर भी लड़ा जाता है। लेकिन सिर्फ नैरेटिव के दम पर हर बार चुनाव नहीं लड़ा जा सकता है।
कुंभ को तो कुंभ रहने देते!

कुंभ को तो कुंभ रहने देते!

Mahakumbh 2025: जो अद्भुत था वह अब शो है! जो व्यक्ति के निर्वाण का मौका था वह एक मुख्यमंत्री की वोट संख्या का अखाड़ा है!
ममता कुलकर्णी को क्यों नहीं मानेंगे महामंडलेश्वर?

ममता कुलकर्णी को क्यों नहीं मानेंगे महामंडलेश्वर?

Mamta Kulkarni: कुंभ और महाकुंभ में तो परंपरागत तौर पर अखाड़ों और शंकराचायों का महात्म्य है।
महाकुंभ के महाइवेंट से पाया क्या?

महाकुंभ के महाइवेंट से पाया क्या?

Mahakumbh 2025: सभी धर्मों के सालाना उत्सव होते हैं। मुस्लिम समाज के लोग हर साल हज के लिए जाते हैं तो उर्स के लिए भी निकलते हैं।
चप्पलों का समाजशास्त्र

चप्पलों का समाजशास्त्र

mahakumbh stampede: कह सकते हैं कि लोग जूते पहन कर घाट पर कैसे जाते इसलिए ज्यादातर लोगों ने चप्पलें पहनी थीं।