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09-03-2025 Vol 19
नक्सलवाद पर नकेल के लिए पुख्ता इंतजाम

नक्सलवाद पर नकेल के लिए पुख्ता इंतजाम

प्रदेश और केंद्र सरकार नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए जिस तरह से प्रतिबद्ध है और उसे टारगेट को पूरा करने के लिए विभिन्न राज्यों में ईमानदार और कर्मठ...
नेताओं का चरित्र और पैनी निगाहे

नेताओं का चरित्र और पैनी निगाहे

दुनिया भर के राजनेताओं के चरित्र और आचरण पर जनता और मीडिया की पैनी निगाह हमेशा लगी रहती है।
भारत विरोध बांग्लादेश को भारी पड़ेगा

भारत विरोध बांग्लादेश को भारी पड़ेगा

बांग्लादेश में चार महीने पहले जब शेख हसीना का तख्तापलट हुआ था तब माना गया था कि कूटनीतिक रूप से यह भारत के लिए बड़ा झटका है।
भारतीय मध्य वर्ग का ऐसे ढहना!

भारतीय मध्य वर्ग का ऐसे ढहना!

भारत में मध्य वर्ग सिकुड़ रहा है, ये तथ्य अब देश की मार्केट एजेंसियां और कॉरपोरेट सेक्टर भी बताने लगा है।
भावनात्मक आघात से आगे बढ़ने की कहानी

भावनात्मक आघात से आगे बढ़ने की कहानी

ये फ़िल्म इसी नाम से 2016 में छपे कोलीन हूवर के मशहूर उपन्यास पर आधारित है।
अदालतों का बोझ घटाना जरूरी

अदालतों का बोझ घटाना जरूरी

हमारे देश में जब-जब सरकारी तंत्र अप्रभावी होता है तो उसके ख़िलाफ़ कोई न कोई अदालत का रुख़ कर लेता है।
अंधेरा और घना होता जा रहा है!

अंधेरा और घना होता जा रहा है!

रिटायर हुए चीफ जस्टिस चन्द्रचूड़ ने सन् 2022 में ज्ञानवापी मामले में एक टिप्पणी करके 1991 के शांति और सौहार्द के कानून को कमजोर कर दिया।
व्यापार और लाभ का लक्ष्य रखे तब गणतंत्र का सर्वनाश

व्यापार और लाभ का लक्ष्य रखे तब गणतंत्र का सर्वनाश

वर्तमान गणतांत्रिक व्यवस्था की हजारों साल की यात्रा का उद्देश्य आम नागरिक को सर्वाधिक सुविधा सुलभ कराना ही सत्ता का लक्ष्य होता हैं।
देश को कौन सी दिशा में ले जाने का प्रयास..?

देश को कौन सी दिशा में ले जाने का प्रयास..?

प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी के तीसरे कार्यकाल में आखिर देश के मुस्लिम आराधना स्थलों के सर्वेक्षण की आवश्यक्ता क्यों महसूस की जा रही है?
मस्जिदों में मंदिर की मूर्ति की खोज…? क्या यह धर्मांधता नहीं है…?

मस्जिदों में मंदिर की मूर्ति की खोज…? क्या यह धर्मांधता नहीं है…?

यूनाइटेड अरब अमीरात, कतार आदि ऐसे ही मुस्लिम राष्ट्र है जहां हिन्दुओं ने मंदिरों का निर्माण किया हैं।
नए साल में नए कलेवर में दिखेंगे दल

नए साल में नए कलेवर में दिखेंगे दल

जातीय समीकरण साधे और कांग्रेस जहां विजयपुर विधानसभा जीतने में सफल हो गई वहीं बुधनी जैसी कठिन सीट पर वह मामूली अंतर से चुनाव हारी।
उद्योग से चमकेंगे एमपी के जिले और गांव

उद्योग से चमकेंगे एमपी के जिले और गांव

ऐसा शगुन लगता है मध्यप्रदेश में बड़े शहरों से आगे निकल पहली बार उद्योग धंधों की धमक और चमक गांवों तक सुनाई और दिखाई भी देगी
कैसे धूल में मिल गईं वो उम्मीदें?

कैसे धूल में मिल गईं वो उम्मीदें?

हर चुनावी जीत पर आह्लादित होना और हर पराजय की जिम्मेदारी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में हेरफेर और निर्वाचन प्रक्रिया में भेदभाव पर डाल कर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त...
कांग्रेस का छद्म संविधान प्रेम

कांग्रेस का छद्म संविधान प्रेम

कांग्रेस का संविधान के प्रति सम्मान प्रदर्शित करना एक दिखावा है। असल में संविधान और संसदीय लोकतंत्र के लिए उसके मन में तनिक भी श्रद्धा या सम्मान नहीं है।
‘पंथनिरपेक्ष’ हमारा सनातन दर्शन!

‘पंथनिरपेक्ष’ हमारा सनातन दर्शन!

इस 26 नवंबर को देश में 75वां संविधान दिवस मनाया गया। इस अवसर पर पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संयुक्त सभा को संबोधित किया।
प्रियंका गांधी के संसद प्रवेश का बीजगणित

प्रियंका गांधी के संसद प्रवेश का बीजगणित

भले ही उत्तर प्रदेश में लड़की के न लड़ पाने की तोहमत हम प्रियंका पर मढ़ दें, मगर अपनी नई भूमिका में उन की संप्रेशण दक्षता देश भर की...
प्रदूषणः जहां चाह वहाँ राह!

प्रदूषणः जहां चाह वहाँ राह!

हम और आप जब भी कोई वाहन ख़रीदते हैं तो हम उस वाहन की क़ीमत के साथ-साथ रोड टैक्स, जीएसटी आदि टैक्स भी देते हैं।
जब तक ईवीम है तब तक मोदी हैं!

जब तक ईवीम है तब तक मोदी हैं!

महाराष्ट्र में भाजपा की अविश्वसनीय स्ट्राइक रेट। और ईवीएम पर सवाल तेज हुआ तो सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट सवाल की शक्ल में आ जाता है कि जीतने पर चुप...
राजनीति के लिए ‘एक’: सत्ता के लिए ‘अलग’..!

राजनीति के लिए ‘एक’: सत्ता के लिए ‘अलग’..!

कुल मिलाकर यदि यह कहा जाए कि महाराष्ट्र में अब सत्ता की लड़ाई पक्ष-विपक्ष के बीच नही बल्कि पक्ष के बीच ही है तो कतई गलत नही होगा
मोदी के हाथ..झारखंड में झाडू, महाराष्ट्र में मोदक.!

मोदी के हाथ..झारखंड में झाडू, महाराष्ट्र में मोदक.!

चुनाव परिणामों ने जहां मोदी जी की कथित ‘एक-छत्रता’ की स्थिति को स्पष्ट कर दिया है वहीं देश का वास्तविक राजनीतिक चरित्र भी लाकर सामने खड़ा दिया है।
बटेंगे-बहुसंख्यक और वक़्फ़ ने बदली चुनावी चाल

बटेंगे-बहुसंख्यक और वक़्फ़ ने बदली चुनावी चाल

यूपी और राजस्थान में उप चुनाव में भाजपा को पहले से ज्यादा कामयाबी देकर लोकसभा चुनाव में जो झटका दिया था उस पर मरहम लगाने का काम मतदाता माइबाप...
ड्रग्स में अब उड़ता भारत!

ड्रग्स में अब उड़ता भारत!

आए दिन देश में ऐसी अनेकों खबरें आती रहती हैं कि करोड़ों के मूल्य के नशीले पदार्थ पकड़े जाते हैं।
उठापटक बढ़ायेंगे उपचुनाव के परिणाम

उठापटक बढ़ायेंगे उपचुनाव के परिणाम

प्रदेश की राजनीति में उठापटक बढाने वाले साबित होंगे भले ही भाजपा और कांग्रेस ने एक-एक सीट जीत ली हो लेकिन दोनों ही दलों में इन परिणामों के संदेश...
नीदरलैंड में दिखी नफरत के क्या मायने?

नीदरलैंड में दिखी नफरत के क्या मायने?

बीते दिनों यूरोपीय देश नीदरलैंड की राजधानी एम्सटर्डम में यहूदियों को फिलीस्तीन समर्थकों द्वारा निशाना बनाया गया। सदियों से यहूदी मजहबी कारणों से ईसाइयत और इस्लाम के निशाने पर...
क्या जी-20 की अब कोई जरूरत?

क्या जी-20 की अब कोई जरूरत?

ब्राजील का शहर रियो द जनेरो जी-20 की अप्रसांगिकता का गवाह बना। दरअसल, यहां यह जाहिर हुआ कि कैसे हर गुजरते साल के साथ इस मंच की उपयोगिता संदिग्ध...
एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे

एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे

च महीने में ही उनको समझ में आ गया कि महाराष्ट्र के लिए क्या अच्छा है। इसलिए उन्होंने सकारात्मक और विकासोन्मुख राजनीति को चुन लिया।
क्लासिक फ़िल्मों के शीर्षक कौन बचाएगा?

क्लासिक फ़िल्मों के शीर्षक कौन बचाएगा?

सलमान खान ने सलीम-जावेद पर बनी डॉक्यूमेंट्री में फराह खान से बातचीत में ‘शोले’ और ‘दीवार’ के रीमेक बनाने की ख़्वाहिश जताई।
शिक्षा पर सार्थक फिल्मों की जरुरत

शिक्षा पर सार्थक फिल्मों की जरुरत

राजनीतिक घटनाक्रमों और राजनेताओं पर हमेशा फ़िल्में बनती रहीं हैं। जब जिस विचारधारा का ज़्यादा प्रभाव रहता है, उसके पक्ष की कहानियां प्रमुखता पातीं हैं
अपने राजमार्गों के हादसे कब रूकेंगे?

अपने राजमार्गों के हादसे कब रूकेंगे?

बुनियादी सवाल यह है कि किसी अमीर व्यक्ति द्वारा चलाई जाने वाली महँगी लक्ज़री कार हो या किसी मामूली ट्रक या बस ड्राइवर द्वारा चलाये
मोदीजी, मणिपुर की लाइव फिल्म देखिए!

मोदीजी, मणिपुर की लाइव फिल्म देखिए!

प्रधानमंत्री कश्मीर फाइल्स, केरल स्टोरी, द साबरमती रिपोर्ट फिल्मों की तारीफ करते हैं मगर सामने वास्तविक रूप से घट रहे मणिपुर पर आंखे मूंदे हैं।
फिल्म “द साबरमती रिपोर्ट” पर सियासत हुई तेज

फिल्म “द साबरमती रिपोर्ट” पर सियासत हुई तेज

फिल्म “द साबरमती रिपोर्ट” पर प्रदेश में सियासत तेज हो गई है मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने जहां इस फिल्म को प्रदेश में टैक्स फ्री किया है
‘हम’ उसी राह पर: सुप्रीम कोर्ट की सफाई…!

‘हम’ उसी राह पर: सुप्रीम कोर्ट की सफाई…!

भारत की न्याय पालिका हमारे संविधान की मंशा के अनुरूप ही काम कर रही है तथा भारत का सर्वोच्च न्यायालय अमेरिका जैस नही है
जन्मदिन पर कमलनाथ ने दिखाया जलवा

जन्मदिन पर कमलनाथ ने दिखाया जलवा

राजनीतिक उतार चढ़ाव के बीच पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 28 साल बाद अपने गृह नगर छिंदवाड़ा में जन्मदिन पर जलवा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
क्या दिल्ली में कभी पहले वाली ‘सर्दी’ आएगी?

क्या दिल्ली में कभी पहले वाली ‘सर्दी’ आएगी?

क्या दिल्ली में अब कभी वह सर्दी आएगी जो पहले आती थी? वह सर्दी जिसमें हम दिल्लीवासी साफ़ हवा में सांस लेते थे?  क्या सर्दियों में नीला आकाश देखने...
वेद और शब्द नित्य एकरस हैं

वेद और शब्द नित्य एकरस हैं

शब्द दो प्रकार का होता है-एक नित्य और दूसरा कार्य। इनमें जो शब्द, अर्थ और सम्बन्ध परमेश्वर के ज्ञान में हैं, वे सब नित्य होते हैं, और जो लोगों...
ऐसी शिक्षा किस काम की जिससे रोजगार नहीं!

ऐसी शिक्षा किस काम की जिससे रोजगार नहीं!

पिछले 25 वर्षों में सरकार की उदार नीति के कारण देशभर में तकनीकि शिक्षा व उच्च शिक्षा देने के लाखों संस्थान छोटे-छोटे कस्बों तक में कुकरमुत्ते की तरह उग...
परिणाम की प्रतीक्षा में गुणा-भाग

परिणाम की प्रतीक्षा में गुणा-भाग

मतदान होने के बाद से ही पोलिंग एजेंट से रिपोर्ट लेने के बाद राजनीतिक दलों की धड़कने बढ़ी हुई है।
झुग्गियों की कतार, गंदगी के अंबार और बुखार की भरमार…

झुग्गियों की कतार, गंदगी के अंबार और बुखार की भरमार…

कल तक सफाई में नम्बर वन रहने वाला मध्यप्रदेश इन दिनों पूरा मध्यप्रदेश मौसमी बीमारियों की चपेट में है।
भगत सिंह का पाकिस्तान में अपमान!

भगत सिंह का पाकिस्तान में अपमान!

जो समूह भारत-पाकिस्तान संबंध और ‘सिख-मुस्लिम सद्भावना’ की संभावनाओं पर बल देते है, वह हालिया घटनाक्रम पर क्या कहेंगे?
रोजगार की बहस और अहम सवाल

रोजगार की बहस और अहम सवाल

आज भारत में जो हालात हैं, उनके बीच रोजगार के अधिकतम अवसर पैदा करने की सबसे व्यावहारिक योजना क्या हो सकती है?
रीमेक की धुंध में पुरानी फ़िल्में

रीमेक की धुंध में पुरानी फ़िल्में

शरत चंद्र चट्टोपाध्याय का ‘देवदास’ ऐसा उपन्यास है जिस पर देश में बार-बार और कई भाषाओं में फ़िल्में बनी हैं।
ये चुनाव एकजुटता के मुद्दे पर

ये चुनाव एकजुटता के मुद्दे पर

यह वास्तविकता है कि महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा का चुनाव हिंदू एकजुटता और देश की एकता व अखंडता के मुद्दे पर केंद्रित हो गया है।
लाला लाजपत राय आर्यसमाजी भी थे!

लाला लाजपत राय आर्यसमाजी भी थे!

स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय (28 जनवरी 1865- 17 नवम्बर 1928) आर्य समाज के भी प्रबल समर्थक थे।
हिंदुत्व की म्यान और सजते धनुष-बाण

हिंदुत्व की म्यान और सजते धनुष-बाण

पिछले दस साल में, और ख़ासकर पिछले पांच बरस में, मैं ने संघ-प्रमुख मोहन भागवत जी का जो आचार-विचार-व्यवहार देखा है
पिता के सान्निध्य के लिए बच्चों की ‘तिकड़म’

पिता के सान्निध्य के लिए बच्चों की ‘तिकड़म’

ओटीटी पर छोटे बजट की फिल्मों का महत्व: ओटीटी पर ऐसी फिल्मों का आना यह दर्शाता है कि अब कहानियों के पैमाने से ज्यादा उनकी गहराई पर ध्यान दिया...
न्यायपालिका ही प्रजातंत्र की सही संरक्षक…!

न्यायपालिका ही प्रजातंत्र की सही संरक्षक…!

भारत में प्रजातंत्र का एकमात्र आधार स्तंभ न्यायपालिका ही रह गया है और इसकी न्यायिक व्यवस्था ने भारतीय प्रजातंत्र पर अपनी छाप छोड़ी है
हर साल वायु प्रदूषण फिर भी समाधान नहीं!

हर साल वायु प्रदूषण फिर भी समाधान नहीं!

पर्यावरण विशेषज्ञ, नेता और संबंधित सरकारी विभागों के अफसर हर साल की तरह इस साल भी इस समस्या को लेकर सिर खपा रहे हैं।
अब भाजपा का संगठन चुनाव पर फोकस

अब भाजपा का संगठन चुनाव पर फोकस

बुधनी और विजयपुर विधानसभा के उप चुनाव संपन्न होने के बाद भाजपा का पूरा फोकस संगठन चुनाव पर है।