Sunday

09-03-2025 Vol 19
मौन की भाषा: ‘बर्लिन’

मौन की भाषा: ‘बर्लिन’

ऐसा अक्सर होता है कि बहुत बड़ी फिल्मों के अग्रेसिव प्रमोशन के शोर में कई छोटी और दिलचस्प फ़िल्मों की तरफ़ ध्यान थोड़ी देर से जाता है।
समरभूमि और मुमुक्षु भवन के दोराहे पर

समरभूमि और मुमुक्षु भवन के दोराहे पर

यह बेगानी शादी के अब्दुल्लाओं के आपस में लड़-मरने का दौर है।
नज़र लागी ‘रानी’ तेरे बंगले पर…!

नज़र लागी ‘रानी’ तेरे बंगले पर…!

अब इस राजनीति का स्तर निचले पायदन की ओर अग्रसर है, जिसका स्तर राजनीति से गिरकर बंगलों तक आ गया हैI
नेताओं का ऐसा बोलना शर्मनाक

नेताओं का ऐसा बोलना शर्मनाक

चुनावी सभा हो या संसद सदन जब भी नेताओं के बोल बिगड़ते हैं तो सुर्ख़ियाँ बनते देर नहीं लगती।
घोषणा के पहले माहौल बना रही भाजपा

घोषणा के पहले माहौल बना रही भाजपा

जिस तरह से भाजपा नेता अपने पसंद का जिला अध्यक्ष बनने के लिए एडी चोटी का जोर लगा रहे हैं
पत्रकारिता भारत में सबसे जोखिम का काम

पत्रकारिता भारत में सबसे जोखिम का काम

देश में पत्रकार और पत्रकारिता इस समय अपने सबसे कमजोर समय में है। विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत लगातार गिरता जा रहा है।
जिलाध्यक्ष का पता नहीं प्रदेश अध्यक्ष की चर्चाएं

जिलाध्यक्ष का पता नहीं प्रदेश अध्यक्ष की चर्चाएं

पिछले एक सप्ताह से भाजपा के जिला अध्यक्षों की सूची का इंतजार हो रहा है लेकिन बुधवार शाम तक जिला अध्यक्षों का कोई अता पता नहीं है
राम से ज्यादा राम के भक्तों का ख्याल जरूरी है

राम से ज्यादा राम के भक्तों का ख्याल जरूरी है

रोज - रोज नए वादे और इरादे पानी-बिजली की समस्याओं को नहीं दूर कर पा रहे हैं..!
शिक्षा का संगम स्थल भी रहा प्रयागराज

शिक्षा का संगम स्थल भी रहा प्रयागराज

गंगा, यमुना और गुप्त सरस्वती के त्रिवेणी संगम स्थल पर अवस्थित उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में आगामी 13 जनवरी 2025 से भव्य रूप से आयोजित होने वाले कुम्भ मेले के...
देशी गाय के महत्व को जाने-समझे!

देशी गाय के महत्व को जाने-समझे!

युवा वैज्ञानिक श्री सत्यनारायण दास बताते हैं कि विदेशी इतिहासकारों और मार्क्सवादी चिंतकों ने वैदिक शास्त्रों में प्रयुक्त संस्कृत का सतही अर्थ निकाल कर बहुत भ्रांति फैलाई है।
हमारी फ़िल्में हमें कहां ले आईं

हमारी फ़िल्में हमें कहां ले आईं

जिस 2024 से हम हाल में गुज़र कर आए हैं, उसकी शुरूआत ‘मेरी क्रिसमस’ से हुई थी जो बॉक्स ऑफ़िस पर अपनी लगभग 30 करोड़ की लागत तक भी...
डॉ. अंबेडकर का संघ से नहीं था विरोध!

डॉ. अंबेडकर का संघ से नहीं था विरोध!

स्वतंत्रता के बाद भारतीय राजनीति में कांग्रेस के घटते प्रभाव और संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव रामजी अंबेडकर (1891-1956) की बढ़ती लोकप्रियता के बीच क्या कोई संबंध है?
मनमोहन सिंह की विरासत

मनमोहन सिंह की विरासत

डॉ. मनमोहन सिंह ने 15 साल तक (पांच वित्त मंत्री और दस साल प्रधानमंत्री के रूप में) प्रत्यक्ष ने रूप से भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रशासन (अथवा प्रबंधन) संभाला।
विधायी और आर्थिक उपलब्धियों का वर्ष

विधायी और आर्थिक उपलब्धियों का वर्ष

नव वर्ष 2025 की संभावनाओं का आकलन कई पहलुओं से किया जा रहा है।
ज़िद जो न कराए: ‘सिकंदर का मुकद्दर’

ज़िद जो न कराए: ‘सिकंदर का मुकद्दर’

निर्देशक नीरज पांडे ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि वे थ्रिलर शैली के मास्टर हैं।
पूर्णविराम की ऊहापोह से उपजा संकल्प

पूर्णविराम की ऊहापोह से उपजा संकल्प

वैसे तो इस विषैले अमृतकाल में इतना पुण्य भी कम नहीं है कि आप ने मूंछों पर ताव देना छोड़ने की कसम भले ही खा ली हो, मगर अधम...
एक के बाद एक विमान हादसों का क्या सबक?

एक के बाद एक विमान हादसों का क्या सबक?

ताजा विमान हादसे ने दुनिया भर के हवाई यात्रियों और विमानन विशेषज्ञों के मन में एक बार फिर से कई तरह के सवाल उठा दिए हैं।
सुर-राग के धनी इंद्रेशजी

सुर-राग के धनी इंद्रेशजी

वृंदावन की व्यासपीठ के 26 वर्षीय युवा इंद्रेशजी जनमानस के आत्मविकास में लगे हुए हैं।
कुंभ का बहुत धार्मिक महत्व

कुंभ का बहुत धार्मिक महत्व

भारत में पवित्र नदियों के किनारे अवस्थित चार स्थानों - हरिद्वार, उज्जैन, नासिक और प्रयागराज में कुम्भ (कुंभ) मेला का पवित्र आयोजन सदियों से होता रहा है।
कांग्रेस हरियाणा नहीं हारती तो 25 की शुरूआत अलग होती

कांग्रेस हरियाणा नहीं हारती तो 25 की शुरूआत अलग होती

अगर हरियाणा नहीं गंवाया होता तो महाराष्ट्र में भी सीन यह नहीं होता। और 2025 कांग्रेस बहुत उत्साह से शुरू करती।
वैज्ञानिक है भारतीय कालगणना

वैज्ञानिक है भारतीय कालगणना

अधिकांश देशों में नववर्ष की शुरुआत आंग्ल कैलेंडर के अनुसार प्रथम जनवरी से होती हैं।
मनमोहन सिंह की विनम्रता का जवाब नहीं!

मनमोहन सिंह की विनम्रता का जवाब नहीं!

दुनिया से जाने के बाद इंसान के सद्गुणों को याद करने की परंपरा है। इसलिए आज भारतवासी ही नहीं दुनिया के तमाम देशों के महत्वपूर्ण लोग डॉ मनमोहन सिंह...
मेडिकल बीमा कंपनियों ने खुद मोल लिया है जन आक्रोश

मेडिकल बीमा कंपनियों ने खुद मोल लिया है जन आक्रोश

सीईओ ब्रायन थॉम्पसन की चार दिसंबर की सुबह जब न्यूयॉर्क में एक होटल के बाहर गोली मार कर हत्या कर दी गई
राष्ट्र, धर्म और प्रगति की कसौटी वाला वर्ष…

राष्ट्र, धर्म और प्रगति की कसौटी वाला वर्ष…

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भव्य राम मंदिर का उद्घाटन करके सनातनधर्मियों का गौरव बढ़ाया।
किसी एक की सल्तनत के अंत का आरंभ

किसी एक की सल्तनत के अंत का आरंभ

खिल भारतीय संत समिति के महासचिव जितेंद्रानंद सरस्वती से ले कर रामभद्राचार्य तक और चक्रपाणि जैसों से ले कर देवकीनंदन ठाकुर जैसों तक को मोहन भागवत की कही बात...
जैसे भी हो वोटर को लुभाना है!

जैसे भी हो वोटर को लुभाना है!

दिल्ली में विधान सभा चुनावों का माहौल बन रहा है और सभी की नज़र चुनावी तैयारियों  पर है।
बिना संगठन और सख्ती के राहुल की सारी मेहनत बेकार

बिना संगठन और सख्ती के राहुल की सारी मेहनत बेकार

अगर कांग्रेस कर्नाटक के उत्तर पश्चिम में बसे ऐतिहासिक बेलगाम या बेलगाव जाकर लेना चाहे तो उसमें भी कोई बुराई नहीं है।
पाठविधि के कारण वेद में मिलावट संभव नहीं

पाठविधि के कारण वेद में मिलावट संभव नहीं

सभी विद्याओं का मूल वेद है। इसमें संसार के आदिकाल में ईश्वर ने मनुष्यों को जीवन जीने की कला की उपदेश दी है।
अपने मूल दायित्व के प्रति उदासीन ‘माननीय’..?

अपने मूल दायित्व के प्रति उदासीन ‘माननीय’..?

हमारा देश लोकतंत्र या जनतंत्र के मामले में चाहे विश्वगुरू माना जाता रहा हो, किंतु हम ही यह जानते है कि इस प्रजातांत्रिक व्यवस्था में हमारे जन प्रतिनिधियों की...
पार्टी की घोषणा के बिना ही नेताजी मैदान में

पार्टी की घोषणा के बिना ही नेताजी मैदान में

खुद भाजपा के नेता भी अपने बूते 70 में से 20 से 25 सीटें जीत पाने के दम के साथ केजरीवाल की सरकार एक बार बनते देख रहे हैं।
विपक्ष अपनी नकारात्मक भूमिका छोड़े

विपक्ष अपनी नकारात्मक भूमिका छोड़े

देश के नागरिकों ने क्या विपक्ष का चुनाव उसी काम के लिए किया है, जो विपक्षी पार्टियों ने संसद के शीतकालीन सत्र में किया है?
वर्जनाओं को तोड़ने की एक सार्थक पहल

वर्जनाओं को तोड़ने की एक सार्थक पहल

इस शब्द के किसी पब्लिक प्लेस या फिर घर की गैदरिंग में भी उच्चारण मात्र से ऐसा लगता है जैसे कोई बम फट जाता हो।
अंडे शाकाहारी कतई नहीं हैं!

अंडे शाकाहारी कतई नहीं हैं!

विज्ञापन जगत ने आम जनता के मन में एक बात बिठा दी है कि अंडे शाकाहारी नहीं हैं।
अंबेडकर और अमित शाह का सेल्फ गोल!

अंबेडकर और अमित शाह का सेल्फ गोल!

यह सब बातें अपना असर कर ही रहीं थीं कि अमित शाह का यह बयान आ गया। सीधा अंबेडकर के खिलाफ।
मोदी का नया दांव….एक देश-एक चुनाव…!

मोदी का नया दांव….एक देश-एक चुनाव…!

प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी अब अपने तीसरे कार्यकाल को यादगार बनाने के लिए एक नई पहल शुरू करने जा रहे है
सड़क से सदन तक कांग्रेस का शक्ति प्रदर्शन…

सड़क से सदन तक कांग्रेस का शक्ति प्रदर्शन…

विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस प्रदेश में फिर से सक्रिय हो गई है।
नाजुक दौर में मुसलमान विवेक न छोड़े

नाजुक दौर में मुसलमान विवेक न छोड़े

भारत के मुसलमानों को चाहिये कि वे कट्टरपंथी और दहशतगर्दों से बचकर रहे। इतना ही नहीं इनको पकड़वाने और इनके हौसले नाकामयाब करने में सक्रिय हों।
कांग्रेस और आप की सूची में भाजपा की उम्मीदें

कांग्रेस और आप की सूची में भाजपा की उम्मीदें

दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस और आप उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी होने से क्या भाजपा की उम्मीदें बढ़ीं हैं ?
बदला हुआ बांग्लादेश और भारत

बदला हुआ बांग्लादेश और भारत

भारत और बांग्लादेश की सूरत यह है कि यहां उन प्रश्नों पर राजनीतिक को संगठित करने वाली विश्वसनीय ताकत का अभाव हो गया है।
एक साथ चुनाव से सशक्त बनेगा देश

एक साथ चुनाव से सशक्त बनेगा देश

देश सचमुच बदल रहा है। न सिर्फ बदल रहा है, बल्कि शक्तिशाली हो रहा है। लोकतंत्र सशक्त हो रहा है। वैश्विक स्तर पर देश का मान बढ़ रहा है।
जरूरी है ज्यादा हिंदू बच्चे पैदा होना!

जरूरी है ज्यादा हिंदू बच्चे पैदा होना!

क्या यह सच नहीं कि भारतीय उपमहाद्वीप (भारत सहित) में हिंदुओं की जनसंख्या, मुस्लिमों के अनुपात में लगातार घट रही है?
राहुल-प्रियंका और कांग्रेस की मध्यम-पंक्ति

राहुल-प्रियंका और कांग्रेस की मध्यम-पंक्ति

जब मैं यह सवाल उठा रहा हूं तो मेरा सवाल इंडिया-समूह के कथित साथियों के बारे में नहीं है। इंडिया-समूह तो समझ लीजिए कि तिरोहित हो चुका है।
राज कपूर: हम तुम्हारे रहेंगे सदा

राज कपूर: हम तुम्हारे रहेंगे सदा

राज कपूर हिंदी सिनेमा के एक ऐसे सितारा हैं, जिसका व्यक्तित्व बहुआयामी एवं बहुवचनात्मकता का पर्याय है।
संसद का गतिरोध कैसे ख़त्म हो?

संसद का गतिरोध कैसे ख़त्म हो?

संसद का शीतकालीन सत्र पहले दिन से हंगामेदार बना हुआ है। विपक्ष ने सरकार को अडानी मुद्दे पर घेर रखा है।
लोकतंत्र: निर्भीक अदालत जो सत्ता की लगाम हो..!

लोकतंत्र: निर्भीक अदालत जो सत्ता की लगाम हो..!

नौ सदस्यीय अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में हकीकत हार गई और उपकरत जजों ने ट्रम्प को निर्दोष सा बात दिया।
मोक्षदा एकादशी: गीता जयंती और सियाराम बाबा का जाना

मोक्षदा एकादशी: गीता जयंती और सियाराम बाबा का जाना

Siyaram Baba Death: एकादशी पर जन्मे और एकादशी के दिन ही सियाराम बाबा का देवलोक गमन हुआ।
लोकतंत्र की चुनावी व्यवस्था क्या वास्तव में जनता के हित का शासन हैं?

लोकतंत्र की चुनावी व्यवस्था क्या वास्तव में जनता के हित का शासन हैं?

घोषणा के तत्काल बाद ही वहां के सभी सांसदों ने बल्कि आम जनता ने त्वरित विरोध करते हुए सड़कों पर उतार आई।
10 दिसम्बर को विश्व मानवाधिकार दिवस

10 दिसम्बर को विश्व मानवाधिकार दिवस

उनकी सलाह है कि आराम करना और पढ़ना चाहिए। आंख तो हमेशा घूमती रहती है, और अगर वह चल नहीं रही है तो आप मृत हैं।