Monday

10-03-2025 Vol 19

अजीत द्विवेदी

चुनाव आयोग की साख का क्या होगा?

चुनाव आयोग की साख का क्या होगा?

प्रधानमंत्री से लेकर अनेक बड़े सत्तारूढ़ नेताओं के खिलाफ आई शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की उलटे कार्रवाई का दबाव डालने वाले आयुक्त सरकारी एजेंसियों की कार्रवाई का शिकार...
अगले चुनाव में संस्कृतियों का संघर्ष भी!

अगले चुनाव में संस्कृतियों का संघर्ष भी!

2024 के लोकसभा चुनाव में राजनीतिक मुद्दों से इतर संस्कृति, भाषा, पंरपरा, खान-पान और मान्यताओं से जुड़े मुद्दे भी मुख्य भूमिका में होंगे।
नागरिकों का प्रजा में बदल जाना

नागरिकों का प्रजा में बदल जाना

लोकतंत्र में नागरिक होते हैं, जिनको संविधान से अधिकार मिले होते हैं और शासक उनकी जनरल विल यानी सामान्य इच्छा का प्रतिनिधित्व करते हैं, जबकि सामंती व्यवस्था में प्रजा...
अस्तित्व की चिंता में अकेले देवगौड़ा की नहीं

अस्तित्व की चिंता में अकेले देवगौड़ा की नहीं

उनकी यह चिंता जायज है कि अलग रहे तो भाजपा या कांग्रेस उनकी पार्टी और वोट बैंक दोनों को समाप्त कर देंगे।  
जी-20 का डंका बजता रहेगा

जी-20 का डंका बजता रहेगा

अभी तक भारत को जी-20 की अध्यक्षता मिलने और उसके आयोजन की तैयारियों को लेकर जय-जयकार हो रही थी लेकिन अब सफल आयोजन का डंका बजेगा।
‘इंडिया’ की राजनीति का जवाब भारत से

‘इंडिया’ की राजनीति का जवाब भारत से

हम ऐसे समय में रह रहे हैं, जब सब कुछ राजनीति से, राजनीति के लिए और राजनीति द्वारा संचालित है। हर विचार, विमर्श और घटना के केंद्र में राजनीति...
सनातन विरोध की राजनीति के लिए देश तैयार नहीं

सनातन विरोध की राजनीति के लिए देश तैयार नहीं

तमिलनाडु के खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म पर दिए बयान के विरोध का दायरा बढ़ रहा है। हालांकि अभी तक इसे सिर्फ धर्म के एकांगी दृष्टिकोण से...
सिर्फ बातों से तो नहीं हारेगी भाजपा

सिर्फ बातों से तो नहीं हारेगी भाजपा

यह हकीकत है कि विपक्षी नेताओं की भाजपा को हराने की सदिच्छा तभी पूरी होगी, जब भाजपा का वोट कम होगा।
एक साथ चुनाव की मुश्किलें

एक साथ चुनाव की मुश्किलें

देश के सारे चुनाव एक साथ कराने का विचार अच्छा है और बहुत पुराना भी है। लेकिन सिर्फ विचार अच्छा होने से जरूरी नहीं है कि वह व्यावहारिक भी...
महंगाई अब स्थायी, बढ़ती रहेगी!

महंगाई अब स्थायी, बढ़ती रहेगी!

वित्त मंत्री ने पहले ही अपना दांव चलते हुए कहा कि नीतिगत ब्याज दर में बढ़ोतरी से अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने की प्रक्रिया प्रभावित होगी यानी विकास दर...
विपक्ष सोशल मीडिया से बचे, रियलिटी बूझे

विपक्ष सोशल मीडिया से बचे, रियलिटी बूझे

सोशल मीडिया में सक्रिय हर व्यक्ति टिटहरी की तरह उलटा लटका है और समझ रहा है कि आसमान उसने थाम रखा है।
अगला चुनाव जाति के मुद्दे पर?

अगला चुनाव जाति के मुद्दे पर?

नरेंद्र मोदी 2014 में प्रधानमंत्री पद के दावेदार के रूप में चुनाव लड़ रहे थे तब चुनाव लगभग पूरी तरह से सत्ता विरोधी लहर पर लड़ा गया था। भाजपा...
2024 में चुनावी मुकाबला नजदीकी का

2024 में चुनावी मुकाबला नजदीकी का

सी-वोटर के सर्वेक्षण के मुताबिक एनडीए को एक बार फिर तीन सौ से ज्यादा सीटें मिलेंगी और भाजपा अकेले पूर्ण बहुमत हासिल करेगी।
‘मुफ्त की रेवड़ी’ पर राज्यों में चुनाव

‘मुफ्त की रेवड़ी’ पर राज्यों में चुनाव

पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस बार के चुनाव की खास बात यह है कि राज्यों में चुनाव ‘मुफ्त की रेवड़ी’ यानी कथित कल्याणकारी योजनाओं पर...
नए कानून क्या न्याय की गारंटी होंगे?

नए कानून क्या न्याय की गारंटी होंगे?

भारतीय दंड संहिता की जगह अब भारतीय न्याय संहिता लागू की जाएगी। अपराध प्रक्रिया संहिता की जगह अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता लागू होगी और साक्ष्य कानून की जगह...
नए संविधान की बात पर विवाद क्यों?

नए संविधान की बात पर विवाद क्यों?

जैसे ही संविधान समीक्षा या उस पर विचार करने या नया संविधान बनाने की बात होती है वैसे ही विवाद शुरू हो जाता है।
कुल मिलाकर खड़गे की टीम अच्छी

कुल मिलाकर खड़गे की टीम अच्छी

इस साल के विधानसभा चुनावों के अलावा अगले साल के लोकसभा चुनाव और कांग्रेस संगठन की मजबूती को ध्यान में रखते हुए भी खड़गे ने नए और पुराने सदस्यों...
चुनाव आयोग का निष्पक्ष दिखना भी जरूरी

चुनाव आयोग का निष्पक्ष दिखना भी जरूरी

पहले भी चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति केंद्र सरकार करती थी और नए बिल के कानून बन जाने के बाद भी नियुक्ति का अधिकार सरकार के हाथ में ही रहेगी।
हम आजादी में जी रहे या पाबंदियों में?

हम आजादी में जी रहे या पाबंदियों में?

सवाल है कि सकारात्मक आजादी के सिद्धांत के तहत नागरिकों पर कितनी पाबंदियां हो सकती हैं? यह एक सार्वभौमिक और शाश्वत प्रश्न है।
बिहार में भाजपा के लिए पूरा मैदान

बिहार में भाजपा के लिए पूरा मैदान

भारतीय जनता पार्टी के सामने बिहार की राजनीति की केंद्रीय ताकत बनने का वास्तविक अवसर है।
बिना चर्चा के विधेयक पास होने के खतरे

बिना चर्चा के विधेयक पास होने के खतरे

कई विधेयक हैं, जिनसे केंद्र सरकार राज्यों के अधिकार छीन रही है, संघवाद की अवधारणा को चोट पहुंचा रही है और लोगों के निजता के अधिकार को भी चोट...
सरकार मजबूर है, समाजवादी नहीं!

सरकार मजबूर है, समाजवादी नहीं!

पहले उन्हें सिर्फ आयात शुल्क चुकाना होता था और अपने उत्पाद बेचने की छूट थी। अब उन्हें इसके लिए लाइसेंस यानी सरकार से मंजूरी लेनी होगी।
अब फिर राहुल की राजनीति होगी

अब फिर राहुल की राजनीति होगी

राहुल को राजनीति की केंद्रीय ताकत बनाने में दूसरा जोखिम यह है कि विपक्षी पार्टियों के बीच तनाव बढ़ सकता है। ध्यान रहे विपक्ष के गठबंधन ‘इंडिया’ से जुड़ी...
जाति जनगणना का मुद्दा वापस लौटा

जाति जनगणना का मुद्दा वापस लौटा

जातियों की गिनती, सामाजिक न्याय और आरक्षण की गेमचेंजर राजनीतिक मुद्दे के तौर पर वापसी हो गई है। और इसके साथ ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राजनीति...
नफरत मिटाने के साझा प्रयास की जरूरत

नफरत मिटाने के साझा प्रयास की जरूरत

पिछले कुछ समय से देश के अलग अलग हिस्सों में ऐसी घटनाएं हो रही हैं, जो समाज में बढ़ती नफरत, हिंसा और गुस्से की प्रवृत्ति को परिलक्षित करती हैं।
समान कानून पर थम गई चर्चा

समान कानून पर थम गई चर्चा

समान नागरिक कानून से आदिवासियों का विशेष दर्जा समाप्त हो जाएगा और उनकी जमीन लेने का रास्ता साफ हो जाएगा।
संसद ठप्प है, बिल पास हो रहे हैं!

संसद ठप्प है, बिल पास हो रहे हैं!

बहुत दिलचस्प संयोग है क्योंकि हर बार ऐसे हंगामे के बीच सरकार बिना किसी बहस से बेहद जरूरी और करोड़ों लोगों के जीवन पर असर डालने वाले विधेयक पास...
चुप रह जाने के भी कुछ फायदे हैं

चुप रह जाने के भी कुछ फायदे हैं

बोलने के लिए सिर्फ वाणी की जरूरत होती है लेकिन चुप रहने के लिए वाणी और विवेक दोनों की जरूरत होती है
विपक्ष के दिग्गजों की परीक्षा

विपक्ष के दिग्गजों की परीक्षा

भाजपा के गठबंधन एनडीए और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की एक ही दिन हुई बैठक की तस्वीरों की तुलना में एक दिलचस्प राजनीतिक नैरेटिव दिखता है।
भाजपा की गठबंधन राजनीति के मायने

भाजपा की गठबंधन राजनीति के मायने

भाजपा ने जब से 38 पार्टियों को जुटाया है तब से इसे लेकर कुछ राजनीतिक निष्कर्ष निकाले जा रहे है
पाबंदी लगाना एक गलत नीति है

पाबंदी लगाना एक गलत नीति है

मणिपुर में तीन मई से इंटरनेट पर पाबंदी है। तभी सवाल है क्या इससे मणिपुर में हिंसा नियंत्रित करने या शांति बहाल करने में कोई मदद मिली है?
देश में क्या है शर्म? सभी है दोषी!

देश में क्या है शर्म? सभी है दोषी!

क्या कांगपोक्पी जिले की पुलिस दोषी नहीं है, जिसने 18 मई को एफआईआर दर्ज किया और ठीक दो महीने बाद वीडियो वायरल होने तक कोई कार्रवाई नहीं की?
मुकाबले का मैदान सज गया

मुकाबले का मैदान सज गया

एक तरफ भाजपा के नेतृत्व में 38 पार्टियों का एनडीए है तो दूसरी ओर अघोषित रूप से कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष की 26 पार्टियां हैं
भाजपा को अपनी चुनौतियां पता हैं

भाजपा को अपनी चुनौतियां पता हैं

मोदी का दूसरा कार्यकाल लोगों की उम्मीदें पूरी करने वाला नहीं साबित हुआ, बल्कि विवादित राजनीतिक फैसलों का रहा और विपक्षी पार्टियों की साख बिगाड़ने और उनके खिलाफ कार्रवाई...
सोनिया गांधी क्या सूत्रधार बनेंगी?

सोनिया गांधी क्या सूत्रधार बनेंगी?

पटना में 23 जून को हुई विपक्षी पार्टियों की बैठक के बाद से देश की राजनीति में ऐसा क्या हुआ है, जिसकी वजह से विपक्षी पार्टियों की बेंगलुरू बैठक...
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सबक

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सबक

इस साल दूसरी बार हुआ है, जब संवैधानिक और प्रशासनिक नियुक्तियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसले सुनाए हैं।
राजनीतिक हिंसा लोकतंत्र में शर्मनाक है

राजनीतिक हिंसा लोकतंत्र में शर्मनाक है

अगर किसी लोकतंत्र में राजनीति या चुनावी प्रक्रिया हिंसा का शिकार होती है तो वह शर्मनाक है।
राजनीति की ‘छोटी-छोटी दुकानों’ के फायदे

राजनीति की ‘छोटी-छोटी दुकानों’ के फायदे

बिहार में पिछले दिनों सत्तारूढ़ गठबंधन की एक पार्टी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा अलग हुई और एनडीए में शामिल हो गई।
आपदा से सबक नहीं लेती हैं सरकारें

आपदा से सबक नहीं लेती हैं सरकारें

उत्तर भारत के सात राज्यों में 48 घंटे के भीतर 56 लोगों की मौत हो गई। सैकड़ों घर टूटे हैं, गाड़ियां नदियों में बह गई हैं और हजारों लोग...
केजरीवाल को कांग्रेस की जरूरत!

केजरीवाल को कांग्रेस की जरूरत!

कांग्रेस से लड़ते लड़ते अरविंद केजरीवाल को अब कांग्रेस की जरूरत महसूस होने लगी है। असल में आम आदमी पार्टी की पूरी राजनीति कांग्रेस के साथ किसी न किसी...
विपक्षी गठबंधन की चुनौतियां

विपक्षी गठबंधन की चुनौतियां

भाजपा को हराने के लिए एक साथ चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही पार्टियां अब 17 और 18 जुलाई को बेंगलुरू में मिलेंगी। इसके दो दिन के बाद संसद...
भाजपा के एजेंडे पर कांग्रेस की दुविधा

भाजपा के एजेंडे पर कांग्रेस की दुविधा

कांग्रेस पार्टी समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर दुविधा में है। इस पर विचार के लिए पार्टी के आला नेताओं की बैठक हुई थी, जिसमें किसी रणनीति पर सहमति...
राज्यपालों को संविधान पढ़ना चाहिए

राज्यपालों को संविधान पढ़ना चाहिए

वैसे तो देश के हर नागरिक को संविधान पढ़ना चाहिए। यह अच्छी बात है कि कई राज्यों में सरकारों ने स्कूल में संविधान की प्रस्तावना पढ़वाने का फैसला किया...
घाटे का सौदा हैं अजित पवार!

घाटे का सौदा हैं अजित पवार!

अजित पवार के बारे में पिछले ढाई दशक से भाजपा यह धारणा बना रही थी कि वे भ्रष्टाचार का प्रतीक हैं उनको अपनी पार्टी के साथ जोड़ कर और...
सामाजिक, आर्थिक समानताओं का क्या?

सामाजिक, आर्थिक समानताओं का क्या?

सबके लिए समान कानून होने चाहिए और कानून के समक्ष सबको समान होना चाहिए, यह एक आदर्श स्थिति है।
मणिपुर का संकट गहरा रहा है

मणिपुर का संकट गहरा रहा है

कुकी और मैती समुदाय के बीच दशकों के प्रयास से जो भरोसा बना था वह समाप्त हो गया है।
रिजर्व बैंक की ऐसी मेहरबानी क्यों?

रिजर्व बैंक की ऐसी मेहरबानी क्यों?

वित्त मंत्री ने बताया नहीं लेकिन कई दूसरे स्रोत से आई खबरों से पता चलता है कि बट्टे खाते में डाली गई ज्यादातर रकम बड़ी कंपनियों और बड़े कारोबारियों...
विपक्ष के लिए पटना का महत्व

विपक्ष के लिए पटना का महत्व

जयप्रकाश नारायण के आंदोलन के बाद से गंगा जमुना में बहुत पानी बह चुका है। फिर भी दिल्ली की सत्ता के खिलाफ पटना से बिगुल फूंकने का कुछ प्रतीकात्मक...