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09-03-2025 Vol 19

अजीत द्विवेदी

जाति गणना होगी और नई राजनीति भी!

जाति गणना होगी और नई राजनीति भी!

ऐसी राजनीति करने वाली पार्टियां सिर्फ जातियों की गिनती से संतुष्ट हो जाएंगी और न जातीय समूह संतुष्ट होंगे।
भाजपा में इतनी बगावत क्यों है?

भाजपा में इतनी बगावत क्यों है?

ऐसा लग रहा है जैसे समय का चक्र वापस घूमने लगा है। संपूर्ण और कठोर अनुशासन वाली भाजपा 10 साल पहले के दौर में लौट रही है।
सख्त कानून से क्या हो जाएगा?

सख्त कानून से क्या हो जाएगा?

खुद ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा कि देश में हर दिन 90 महिलाओं के साथ बलात्कार होते हैं।
मलयालम फिल्म उद्योग का सच ही सबकी सचाई

मलयालम फिल्म उद्योग का सच ही सबकी सचाई

एक बार मलयालम फिल्म उद्योग से सफाई की शुरुआत हुई तो दूसरे फिल्म उद्योग के लोगों को आगे आना चाहिए
पेंशन तो ठीक है लेकिन बाकी आबादी का क्या?

पेंशन तो ठीक है लेकिन बाकी आबादी का क्या?

केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए पेंशन की नई योजना घोषित की है। एकीकृत पेंशन योजना यानी यूपीएस को लेकर पिछले एक हफ्ते से बहस मुबाहिसा चल रहा...
राहुल की यह जाति आसक्ति उन्हे ले डुबेगी!

राहुल की यह जाति आसक्ति उन्हे ले डुबेगी!

अंग्रेजी का एक शब्द है ‘ऑब्सेशन’, जिसका शाब्दिक अर्थ ‘आसक्ति’ होता है। लेकिन शाब्दिक अर्थ से ज्यादा लोग इसके अभिप्राय को समझते हैं।
एक हार से सब कुछ बदल गया

एक हार से सब कुछ बदल गया

लोकसभा में 240 सीट मिलने को हार नहीं कहेंगे लेकिन अगर पैमाना नरेंद्र मोदी का प्रदर्शन हो तो वह हार मानी जाएगी।
140 करोड़ उपभोक्ताओं की बजाय कारोबारियों, अंबानी की चिंता में अमेजन कंपनी को निशाना बनाना!

140 करोड़ उपभोक्ताओं की बजाय कारोबारियों, अंबानी की चिंता में अमेजन कंपनी को निशाना बनाना!

भारत में या दुनिया के दूसरे देशों में भी राजनीति को सर्वाधिक प्रभावित करने वाले कारकों में समाज व्यवस्था के लगभग बराबर या उससे ज्यादा ही भूमिका अर्थव्यवस्था की...
हरियाणा में सोनिया कराएंगी सुलह

हरियाणा में सोनिया कराएंगी सुलह

हरियाणा में चुनाव की घोषणा हो जाने के बाद भी कांग्रेस की आंतरिक कलह समाप्त नहीं हो रही है। पार्टी दो गुटों में बंटी हुई है और दोनों के...
लैटरल एंट्री में आखिर क्या गलत है?

लैटरल एंट्री में आखिर क्या गलत है?

भारत सरकार की शीर्ष नौकरशाही में निजी क्षेत्र के पेशेवरों को सीधे उच्च पदों पर बहाल करने की लैटरल एंट्री की योजना को सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल...
कश्मीर में चुनाव की बड़ी चुनौती

कश्मीर में चुनाव की बड़ी चुनौती

जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। तीन चरण में होने वाले मतदान के पहले चरण की अधिसूचना जारी हो गई है और नामांकन की...
ममता के लिए मुश्किल समय

ममता के लिए मुश्किल समय

ममता बनर्जी मुख्यमंत्री के रूप में अपने सबसे मुश्किल समय से गुजर रही हैं तो उनकी 13 साल पुरानी सरकार सबसे बड़े संकट का सामना कर रही है।
ये चुनाव सबके लिए मुश्किल

ये चुनाव सबके लिए मुश्किल

चार चुनावी राज्यों में दो राज्यों, जम्मू कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनावों की घोषणा हो गई है।
सहयोगियों को एजेंडे से दिक्कत नहीं

सहयोगियों को एजेंडे से दिक्कत नहीं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से अपने 11वें संबोधन में वैसे तो 98 मिनट का भाषण दिया लेकिन बुनियादी रूप से दो उन्होंने दो नीतिगत मुद्दे उठाए। बाकी...
भाजपा के अंदर मुखर होती नाराजगी

भाजपा के अंदर मुखर होती नाराजगी

भारतीय जनता पार्टी एक बेहद अनुशासित पार्टी पहले से मानी जाती है। नरेंद्र मोदी और अमित शाह के इसकी कमान संभालने के बाद तो यह कुछ ज्यादा ही अनुशासित...
सड़ा-गला सिस्टम और इतने असहाय नागरिक

सड़ा-गला सिस्टम और इतने असहाय नागरिक

दुनिया के किसी भी सभ्य और लोकतांत्रिक देश में नागरिक इतने असहाय, बेबस और अरक्षित नहीं होंगे, जितने भारत में हैं।
सिसोदिया की रिहाई से क्या बदलेगा?

सिसोदिया की रिहाई से क्या बदलेगा?

आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई और ईडी दोनों के मामले में जमानत दे दी और वे...
नीट पर फैसला सरकार की जीत नहीं

नीट पर फैसला सरकार की जीत नहीं

मेडिकल में दाखिले के लिए हुई नीट यूजी की 2024 की परीक्षा रद्द नहीं करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को केंद्र सरकार अपनी जीत के तौर पर प्रचारित...
बबूल का पेड़ बो केसीआर अब रो रहे है!

बबूल का पेड़ बो केसीआर अब रो रहे है!

तेलंगाना के मुख्यमंत्री रहे भारत राष्ट्र समिति यानी बीआरएस के नेता चंद्रशेखर राव बेचैन हैं।
बजट रूटिन का बासी या नया?

बजट रूटिन का बासी या नया?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज अपना सातवां बजट पेश करेंगी। इसके साथ ही लगातार सात बजट पेश करने वाली वे देश की पहली वित्त मंत्री बन जाएंगी।
सेवा भाव या सत्ता की लालसा?

सेवा भाव या सत्ता की लालसा?

भारत में नेताओं के अंदर नागरिकों की सेवा करने की भावना इतनी प्रबल है कि एक मुख्यमंत्री जेल में रह कर नागरिकों की सेवा कर रहे हैं।
भारत में शिक्षा और परीक्षा की समस्याएं

भारत में शिक्षा और परीक्षा की समस्याएं

प्रवेश और प्रतियोगिता परीक्षाओं की इन गड़बड़ियों और शिक्षा व्यवस्था पर पड़ते इनके प्रभाव को लेकर सहज रूप से पूरे देश में चिंता है।
जम्मू कश्मीर में बिगड़ते हालात

जम्मू कश्मीर में बिगड़ते हालात

जम्मू कश्मीर के हालात बदल रहे हैं। बाहरी लोगों पर हमले और हत्या के बाद अब सुरक्षा बलों पर हमले का सिलसिला तेज हो गया है।
संविधान हत्या दिवस की जरुरत क्यों?

संविधान हत्या दिवस की जरुरत क्यों?

अंत में यह भी समझना मुश्किल है कि इमरजेंसी लागू करना संविधान की हत्या कैसे है? संविधान के अनुच्छेद 352 में इमरजेंसी लगाने का प्रावधान है
राजनीतिक विभाजन कहां तक पहुंच गया

राजनीतिक विभाजन कहां तक पहुंच गया

भारत की राजनीति इतनी विभाजित कभी नहीं रही, जितनी अभी है। पार्टियां और नेता एक दूसरे को अब राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी नहीं मान रहे हैं, बल्कि शत्रु मान रहे हैं।
क्षत्रपों को काबू में कर पाएंगे राहुल?

क्षत्रपों को काबू में कर पाएंगे राहुल?

कांग्रेस आलाकमान इन राज्यों के चुनाव की कमान सीधे अपने हाथ में लेकर अपने सर्व शक्तिमान होने का संदेश बनवा सकती है।
राजनीतिक और प्रशासनिक जवाबदेही कहां है?

राजनीतिक और प्रशासनिक जवाबदेही कहां है?

इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के टर्मिनल एक की पार्किंग एरिया में कैनोपी यानी छत गिर गई। इस हादसे में आठ गाड़ियां दब गईं।
जनगणना कब तक स्थगित रहेगी?

जनगणना कब तक स्थगित रहेगी?

नई लोकसभा का पहला सत्र संपन्न हो गया है और अब सरकार मानसून सत्र की तैयारी कर रही है, जिसमें वित्त वर्ष 2024-25 का बजट पेश किया जाएगा।
पहला सत्र तो अच्छा नहीं रहा

पहला सत्र तो अच्छा नहीं रहा

राहुल के मन में मोदी के प्रति स्थायी दुश्मनी का भाव बना है और वह राजनीति के दायरे से थोड़ा आगे भी है।
गवाहों,  सबूतों पर इतना खतरा क्यों है?

गवाहों, सबूतों पर इतना खतरा क्यों है?

सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसियां अदालत के सामने खड़े होकर हर आरोपी की जमानत का विरोध करती हैं तो हिंदी फिल्मों का दृश्य सजीव हो जाता है।
परीक्षा सुधारों पर विमर्श कहां है?

परीक्षा सुधारों पर विमर्श कहां है?

क्या एक कमेटी बना देने और उसकी सिफारिशों से परीक्षा की व्यवस्था में सुधार हो जाएगा? यह इतना आसान काम नहीं है।
नए कानून में पुलिस को और ताकत!

नए कानून में पुलिस को और ताकत!

अंग्रेजों के जमाने में, 1861 में बने तीन आपराधिक कानूनों को नया नाम मिल गया है और कई अपराधों की धाराएं बदल गई हैं।
सुलह, सद्भाव के मूड में नहीं सरकार

सुलह, सद्भाव के मूड में नहीं सरकार

ऐसा लग रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी भी तरह से सरकार के या खुद के कमजोर होने का मैसेज नहीं बनने देना चाहते हैं।
कांग्रेस को पुनर्जीवित करने की चुनौती

कांग्रेस को पुनर्जीवित करने की चुनौती

बिना संगठन या बिना कैडर के कैसे पुनर्जीवित होगी? ध्यान रह हर बार जनता चुनाव नहीं लड़ती है। जनता ने एक बार चुनाव लड़ा दिया और अपने पैरों पर...
आरक्षण की सीमा पर नई बहस

आरक्षण की सीमा पर नई बहस

पटना हाई कोर्ट ने बिहार में आरक्षण बढ़ाने के कानून को निरस्त कर दिया है। उच्च अदालत ने फैसले को असंवैधानिक बताते हुए इसे रद्द किया है।
अखाड़ा न बन जाए इस बार संसद

अखाड़ा न बन जाए इस बार संसद

इस बार मतदाताओं ने ऐसा जनादेश दिया है कि हारने वाला जीत की भावना से भरा है और जश्न मना रहा है तो जीतने वाल हार की फीलिंग लिए...
कई प्रादेशिक पार्टियों के अस्तित्व पर खतरा

कई प्रादेशिक पार्टियों के अस्तित्व पर खतरा

इस बार लोकसभा चुनाव के नतीजे कई प्रादेशिक पार्टियों के लिए खतरे की घंटी हैं। कई राज्यों में मजबूत रहीं प्रादेशिक पार्टियों का अस्तित्व खतरे में दिख रहा है।...
केंद्र-राज्य संबंधों के लिए सही जनादेश

केंद्र-राज्य संबंधों के लिए सही जनादेश

गर केंद्र में कोई बहुत मजबूत या ज्यादा बड़े बहुमत वाली सरकार आ जाती है तो शासन के संघीय ढांचे के लिए चुनौती पैदा हो जाती है।
पार्टियां स्पीकर से नहीं मतदाताओं से बचती हैं!

पार्टियां स्पीकर से नहीं मतदाताओं से बचती हैं!

कांग्रेस और लेफ्ट का पूरा इकोसिस्टम भी इस प्रचार में लगा है कि अगर लोकसभा का स्पीकर भाजपा का बना तो नायडू और नीतीश की पार्टी नहीं बचेगी।
नीट परीक्षा में गड़बड़ियां तो है! दोषी कौन?

नीट परीक्षा में गड़बड़ियां तो है! दोषी कौन?

सवाल है कि अगर किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई है और एनटीए में क्लैट की परीक्षा में अपनाए जाने वाले नियम को नीट-यूजी पर लागू किया तो फिर...
शासन की निरंतरता और गठबंधन की मजबूरी

शासन की निरंतरता और गठबंधन की मजबूरी

कुल मिला कर देश की आर्थिक, सामरिक, सामाजिक नीतियों में कम से कम मंत्रियों के जरिए निरंतरता का संदेश दिया गया है।
चुनाव नतीजे की तीन अहम बातें

चुनाव नतीजे की तीन अहम बातें

तीन में सबसे पहली बात है अयोध्या यानी फैजाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा का हार जाना। दूसरी बात है दक्षिण भारत में भाजपा के वोट में बढ़ोतरी
गठबंधन सरकार और मोदी का एजेंडा

गठबंधन सरकार और मोदी का एजेंडा

कुछ राजनीतिक मसले तो गठबंधन की सरकार के बावजूद आगे बढ़ेंगे लेकिन परिसीमन, यूसीसी या धर्म से जुड़े मुद्दों पर सरकार के लिए सहमति बनाने की मजबूरी होगी।
मोदी के तीसरे कार्यकाल की चुनौतियां

मोदी के तीसरे कार्यकाल की चुनौतियां

प्रधानमंत्री स्वंय और भाजपा के अन्य नेता खूब आत्मविश्वास दिखा रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि सरकार के संचालन में कोई समस्या नहीं होगी। परंतु हकीकत उनको...
अबकी बार विपक्ष को मौका

अबकी बार विपक्ष को मौका

इस बार उसने बहुत मजबूत विपक्ष चुना है। इतना मजबूत, जितना आजाद भारत के इतिहास में कभी नहीं रहा है।
सहज राजनीति के दिन लौटे?

सहज राजनीति के दिन लौटे?

क्या अब केंद्र में ज्यादा समावेशी सरकार बनेगी और क्या संघवाद की जिस अवधारणा को पिछले 10 साल से चुनौती मिल रही थी वह चुनौती समाप्त हो जाएगी?
नतीजा जो हो, प्रचार अच्छा नहीं था!

नतीजा जो हो, प्रचार अच्छा नहीं था!

यह अब तक का सबसे लंबा चुनाव प्रचार अभियान था और यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि लोकतांत्रिक मर्यादा के स्थापित पैमानों पर सबसे खराब प्रचार अभियान...
संविधान का मुख्य चुनावी मुद्दा बन जाना

संविधान का मुख्य चुनावी मुद्दा बन जाना

भाजपा का इतिहास भी ऐसा रहा है कि वह संविधान और आरक्षण दोनों की समीक्षा की बात करती रही है।