Monday

10-03-2025 Vol 19

बेबाक विचार

Main Stories, बेबाक विचार, editorial news from india’s best writer and journalists.

खतरे में जैव विविधता

खतरे में जैव विविधता

जैव विविधता खतरे में है, यह कोई नई जानकारी नहीं है। लेकिन इस बारे में आने वाली हर नई जानकारी चिंता बढ़ाती है, तो इसलिए कि इसका असर मनुष्य...
अब तो खुला खेल है

अब तो खुला खेल है

प्रसार भारती ने अपने सूचना स्रोत के लिए हिंदुस्थान समाचार नाम की एजेंसी का चयन किया, इसे सूचना स्रोतों को विविध बनाने की प्रक्रिया के हिस्से के रूप में...
चीन को लेकर थोड़ी गंभीरता दिखी

चीन को लेकर थोड़ी गंभीरता दिखी

इसे देर आए दुरुस्त आए कह सकते हैं। हाल के दिनों में संभवतः पहली बार चीन के खतरे को लेकर भारत सरकार की गंभीरता दिखी है।
कारोबारी करार की तलाश

कारोबारी करार की तलाश

यह साफ है कि जर्मनी के चांसलर ओलोफ शोल्ज भारत में सौदों की तलाश में आए थे।
कानूनी या सियासी कार्रवाई?

कानूनी या सियासी कार्रवाई?

यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। इससे देश में तनाव और ध्रुवीकरण का माहौल लगातार तीखा हो रहा है।
क्या पंजाब का इतिहास दोहरा रहा है?

क्या पंजाब का इतिहास दोहरा रहा है?

पंजाब पर बुरे दौर का साया सत्तर या अस्सी के दशक में नहीं पड़ा था। उसकी बुनियादी साठ के दशक में ही पड़ गई थी
नेपाल में अस्थिरता का नया दौर

नेपाल में अस्थिरता का नया दौर

नेपाल में नई सरकार को बने मुश्किल से दो माह हुए हैं और वहां के सत्तारुढ़ गठबंधन में जबर्दस्त उठापटक हो गई है।
दुनिया में बढ़ती दूरियां

दुनिया में बढ़ती दूरियां

पश्चिम ने रूस को अलग-थलग करना चाहा, लेकिन नाकाम रहा। दुनिया के हर देश ने यूक्रेन युद्ध पर क्या रुख लिया, इसका विवरण इसमें दिया गया।
इरादों के दस्तावेज

इरादों के दस्तावेज

कांग्रेस पार्टी ने अपने रायपुर महाधिवेशन में “देश को वर्तमान पीड़ा और अंधकार से मुक्त” कराने का संकल्प जताया।
वात्स्यायन जी (अज्ञेय) और दिल्ली

वात्स्यायन जी (अज्ञेय) और दिल्ली

उन का डेरा, या ठौर-ठिकाना सब से अधिक समय और सब से अधिक प्रकार के डेरों में दिल्ली ही रहा।
विपक्षी एकता का कौन सा मॉडल?

विपक्षी एकता का कौन सा मॉडल?

देश के राष्ट्रीय चुनावों में विपक्षी एकता के वैसे तो कई मॉडल आजमाए गए हैं लेकिन तीन मॉडल सफल हुए हैं।
आप पार्टीः भाजपा का बड़ा सिरदर्द

आप पार्टीः भाजपा का बड़ा सिरदर्द

भ्रष्टाचार के आरोप में आप पार्टी के वित्तमंत्री सत्येन्द्र जैन पिछले कई महिनों से जेल काट रहे हैं।
यह कैसे संभव है?

यह कैसे संभव है?

‘वारिस पंजाब दे’ नाम के संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने अपनी उग्र गतिविधियों और बयानों से जरनैल सिंह भिंडरावाले की याद दिला दी है।
यह कैसे संभव है?

यह कैसे संभव है?

पंजाब में एक व्यक्ति खुलेआम खालिस्तान की वकालत करे, उसके एक साथी को रिहा कराने के लिए उसके सैकड़ों समर्थक अमृतसर में एक थाने पर धावा बोल दें
भला भारत में राजनीति से संन्यास!

भला भारत में राजनीति से संन्यास!

रायपुर के कांग्रेस अधिवेशन में सोनिया गांधी ने ‘पारी खत्म’ होने की बात कही। राजनीति से रिटायर होने का संकेत दिया। पर क्या यह संभव है?
भाग्य के भरोसे झूलता विपक्ष

भाग्य के भरोसे झूलता विपक्ष

अपने रायपुर अधिवेशन में सोनिया गांधी ने अपने राजनीतिक संन्यास की घोषणा बहुत ही मर्यादित ढंग से कर दी है
कांग्रेसः ढाक के वही तीन पात!

कांग्रेसः ढाक के वही तीन पात!

कांग्रेस पार्टी का 85 वां अधिवेशन अभी पूरा नहीं हुआ है लेकिन अभी तक रायपुर में जो कुछ हुआ है, उसके बारे में क्या कहें?
खड़गे जी, बात नहीं करके दिखाएं!

खड़गे जी, बात नहीं करके दिखाएं!

शायद ही कोई सियासी जानकार हो जो नगालैंड में मल्लिकार्जुन खड़गे के भाषण के इन वाक्यों पर चौंका नहीं हो कि 2024 में केंद्र में गठबंधन सरकार होगी।
राहुल से काम लें तो जयराम व कन्हैया एंड पार्टी पर अंकुश बनाएं!

राहुल से काम लें तो जयराम व कन्हैया एंड पार्टी पर अंकुश बनाएं!

रायपुर अधिवेशन के साथ मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के रियल मालिक हैं।
पहले कर्नाटक जीत कर दिखाएं

पहले कर्नाटक जीत कर दिखाएं

सवाल है कि क्या खड़गे के कहने या बातचीत करने से विपक्षी पार्टियों का गठबंधन हो जाएगा और वे कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व स्वीकार कर लेंगी?
मोदी का अपमान : उग्र प्रतिक्रिया ?

मोदी का अपमान : उग्र प्रतिक्रिया ?

कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिताजी के लिए जिस नाम का प्रयोग किया है, वह घोर आपत्तिजनक है।
लोकगीत से सरकार का डरना!

लोकगीत से सरकार का डरना!

नेहा को नोटिस इस बात का प्रमाण है कि सरकारी नैरेटिव से अलग कोई बात समाज में जाए, यह सरकार को मंजूर नहीं है।
वाह! यूक्रेन का मानव जज्बा, सलाम

वाह! यूक्रेन का मानव जज्बा, सलाम

कुल मिलाकर यूक्रेन मानव जज्बे की नई मिसाल है तो यूरोपीय संघ और ब्रिटेन, अमेरिका की पश्चिमी सभ्यता के इरादों का खुलासा भी है।
अमेरिका में भी ‘हिंदुआना हरकत’?

अमेरिका में भी ‘हिंदुआना हरकत’?

अमेरिका के सिएटल नामक शहर में जाति-आधारित भेदभाव पर प्रतिबंध लग गया है।
क्या चुनाव से पहले जीएसटी में पेट्रोल-डीज़ल?

क्या चुनाव से पहले जीएसटी में पेट्रोल-डीज़ल?

महंगाई- पेट्रोलियम उत्पादों के जीएसटी में आने से दाम कम होंगे और बढ़ती हुई महंगाई पर सीधा असर पड़ेगा।
चीन की पहलकदमियां

चीन की पहलकदमियां

पिछले साल अप्रैल में चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग ने वैश्विक विकास पहल की धारणा पेश की थी।
खतरा गहराने का संकेत

खतरा गहराने का संकेत

सोवियत संघ के विघटन के बाद रूस में अमेरिका की तर्ज पर स्टेट ऑफ द यूनियन संबोधन की शुरुआत की गई थी।
चुप्पी तोड़िए प्रधानमंत्री जी!

चुप्पी तोड़िए प्रधानमंत्री जी!

अडानी प्रकरण में जब से राहुल गांधी के पूछे सवालों को संसद की कार्यवाही से हटाया गया
यूक्रेन युद्ध का एक साल!

यूक्रेन युद्ध का एक साल!

संभवतः किसी ने सोचा नहीं होगा कि 21वीं सदी में दो देशों के बीच इतना लंबा पारंपरिक युद्ध चल सकता है।
पंजाब से सीखे सारा भारत

पंजाब से सीखे सारा भारत

अब से लगभग 65 साल पहले मैंने इंदौर में एक आंदोलन चलाया था कि सारे दुकानदार अपने नामपट हिंदी में लगाएं।
ब्रिटेन की ये बदहाली

ब्रिटेन की ये बदहाली

यह सुनना आश्चर्यजनक लगता है कि जिस देश के साम्राज्य में कभी सूरज नहीं डूबता था, वहां के लोग आज दाने-दाने के लिए मोहताज हो रहे हैँ।
बस अच्छा-अच्छा देखो!

बस अच्छा-अच्छा देखो!

भारतीय मीडिया के एक हिस्से ने जिस तरह इंटरव्यू में से भारतीय अर्थव्यवस्था की सकारात्मक छवि निकालने की कोशिश की है
विपक्षी एकता का आधा अधूरा प्रयास

विपक्षी एकता का आधा अधूरा प्रयास

विपक्षी पार्टियों की रणनीति को लेकर हाल में कई वक्तव्य आए हैं, जिन पर बारीकी से और वस्तुनिष्ठ तरीके से विचार करने की जरूरत है।
बाइडन की यूक्रेन-यात्रा

बाइडन की यूक्रेन-यात्रा

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की यूक्रेन-यात्रा ने सारी दुनिया को आश्चर्यचकित कर दिया है।
निष्पक्षता पर गहराते प्रश्न

निष्पक्षता पर गहराते प्रश्न

जबकि लोकतंत्र का टिकना न्याय में भरोसे के आम सिद्धांत पर आधारित है। यह भरोसा कमजोर पड़ता दिख रहा है।
संगठन नहीं सांसद, विधायक ही पार्टी हैं!

संगठन नहीं सांसद, विधायक ही पार्टी हैं!

लोकतंत्र में चुनाव लड़ने वाली पार्टी महत्वपूर्ण होती है। कोई भी नेता पार्टी से ऊपर या उससे ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं होता है।
गृह युद्ध का रास्ता

गृह युद्ध का रास्ता

म्यांमार में पहले से गृह युद्ध जैसी स्थितियां हैं। अब ऐसा लगता है कि वहां सैनिक शासकों ने इसे भड़काने की राह चुनी है।
कांग्रेस क्या करे तो बचे ?

कांग्रेस क्या करे तो बचे ?

कांग्रेस पार्टी का वृहद अधिवेशन रायपुर में होने जा रहा है। इसमें कांग्रेस कमेटी के 1800 सदस्य और लगभग 15 हजार प्रतिनिधि भाग लेंगे।
बदहाली का फैलता दायरा

बदहाली का फैलता दायरा

इस खबर की खास चर्चा हुई है कि कैसे बीते पांच साल में भारत के 72 प्रतिशत सूक्ष्म, लघु और मध्यम कारोबारियों की आमदनी बिल्कुल नहीं बढ़ी है।
इतनी नज़ाकत ठीक नहीं

इतनी नज़ाकत ठीक नहीं

अडानी प्रकरण के भारत की राजनीति पर संभावित परिणाम के बारे में सोरस ने जो कहा, वह विशुद्ध रूप से उनकी अपनी राय है, जिससे असहमत हुआ जा सकता...
गुलाम संस्कारों के हिंदुओं के लोकतंत्र की क्यों अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन चिंता करें?

गुलाम संस्कारों के हिंदुओं के लोकतंत्र की क्यों अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन चिंता करें?

दिल्ली में बीबीसी पर छापे के दिन एयर इंडिया के विमान खरीद सौदे के मौके पर अमेरिका के बाइडेन, फ्रांस के मैक्रों और ब्रिटेन के ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री...
आयकर की जगह जायकर क्यों नहीं ?

आयकर की जगह जायकर क्यों नहीं ?

हमारे देश में आयकर याने इनकम टैक्स फार्म भरनेवालों की संख्या 7 करोड़ के आस-पास है लेकिन उनमें से मुश्किल से 3 करोड़ लोग टैक्स भरते हैं।
संतों और नेताओं की मिलीभगत ?

संतों और नेताओं की मिलीभगत ?

भाजपा के अध्यक्ष जगतप्रकाश नड्डा के बयान पर हमारे अखबारों और टीवी चैनलों ने कोई ध्यान नहीं दिया।
बीबीसीः बकवास, भ्रष्ट कॉरोपोरेशन!

बीबीसीः बकवास, भ्रष्ट कॉरोपोरेशन!

हे भारत माता! इतने झूठों के बाद भी धरती क्यों नहीं फटती!
दुनिया झूठी, संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, ब्रिटेन सभी तो भारत विरोधी साजिशकर्ता!

दुनिया झूठी, संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, ब्रिटेन सभी तो भारत विरोधी साजिशकर्ता!

पिछले आठ सालों में संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों, अमेरिका-ब्रिटेन की संसदीय समितियों या इनके विदेश मंत्रलाय की रिपोर्टों में भारत कितना बदनाम हुआ?
संयुक्त राष्ट्र और अमेरिकी संस्थाएं झूठीं

संयुक्त राष्ट्र और अमेरिकी संस्थाएं झूठीं

संयुक्त राष्ट्र संघ की वर्ल्ड हैपीनेस रिपोर्ट में दुनिया के 146 देशों में से भारत किस स्थान पर है?
पाकिस्तान का हाल, बिल्कुल बेहाल

पाकिस्तान का हाल, बिल्कुल बेहाल

पाकिस्तान इस समय दक्षिण एशिया का सबसे गया बीता देश बन गया है। यों तो श्रीलंका, नेपाल, मालदीव और बांग्लादेश की भी हालत अच्छी नहीं है।
उठी आवाजें महत्त्वपूर्ण हैं

उठी आवाजें महत्त्वपूर्ण हैं

प्रेस फ्रीडम के बारे में जब अगली इंडेक्स रिपोर्ट आएगी, तब भारत सरकार उसे फिर चुनौती देगी, यह अनुमान लगाया जा सकता है।