Monday

10-03-2025 Vol 19

बेबाक विचार

Main Stories, बेबाक विचार, editorial news from india’s best writer and journalists.

ये नतीजे जो बताते हैं

ये नतीजे जो बताते हैं

कर्नाटक विधानसभा के चुनाव परिणाम से ना सिर्फ कांग्रेस, बल्कि पूरे भाजपा विरोधी खेमे का उत्साहित होना लाजिमी है।
जब ब्रिटेन में यह हाल

जब ब्रिटेन में यह हाल

ब्रिटेन में गिग वर्करों पर हुए एक अध्ययन से अर्थव्यवस्था के इस क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों की जैसी दुर्दशा सामने आई है
बांध फूटा! क्या मोदी मानेंगे?

बांध फूटा! क्या मोदी मानेंगे?

भाजपा बह गई। मतदाताओं ने भाजपा को कांग्रेस से अधिक महाभ्रष्ट करार देकर उसे प्रदेश से बेदखल किया। पर मोदी क्या ऐसा मानते हुए होंगे?
इमरान अब पाकिस्तान में मसीहा!

इमरान अब पाकिस्तान में मसीहा!

पाकिस्तान में जनता के आवाज़ तेज और तीखी होती जा रही है। यह आवाज़ देश के मूड और मिजाज को बतला दे रही है।
कर्नाटक के जनादेश का बड़ा मतलब

कर्नाटक के जनादेश का बड़ा मतलब

कर्नाटक में मतदान के दिन यानी 10 मई को मैंने इसी कॉलम में ‘कर्नाटक का चुनाव रास्ता दिखाएगा’ शीर्षक से लेख लिखा था और सचमुच कर्नाटक की जनता ने...
मोदी राज में जात राजनीति वीपी सिंह राज से ज्यादा!

मोदी राज में जात राजनीति वीपी सिंह राज से ज्यादा!

जातिय राजनीति उग्र होते हुए है। मोदी का हिंदू राष्ट्र वैश्विक तौर पर जातियों की ऊंच-नीच की हिंदू बदनामी बना बैठा है।
अदानी चिपका तो ब्राह्मणों पर ठीकरा!

अदानी चिपका तो ब्राह्मणों पर ठीकरा!

कर्नाटक में भाजपा की दुर्दशा क्यों? इसके जवाब में मीडिया और मोदी-शाह के नैरेटिव में जातीय गणित है
अगर राजनीतिक साहस हो

अगर राजनीतिक साहस हो

भारत सरकार के पेट्रोलियम मंत्रालय की सलाहकार समिति ने एक उचित सिफारिश की है।
कहानियों का बंटते जाना

कहानियों का बंटते जाना

फिल्म केरला स्टोरी पर जिस तरह की राजनीतिक प्रतिक्रिया हुई है, उससे एक बार फिर इसी बात की पुष्टि होती है कि भारत में हर कथानक दो खेमों में...
अदालती फैसलों का अच्छा दिन!

अदालती फैसलों का अच्छा दिन!

गुरुवार 11, मई का दिन ऐतिहासिक अदालती फैसलों का दिन रहा। देश की सर्वोच्च अदालत ने संविधान की भावना का मान रखने वाले दो अहम फैसले दिए।
रूस की विजय दिवस परेडः सब कुछ फीका और बेजान!

रूस की विजय दिवस परेडः सब कुछ फीका और बेजान!

नौ मई की रुसी विजय दिवस की परेड इस साल फीकी, बेजान थी।हालातों को बूझ मैंने पिछले हफ्ते लिखा भी था कि इस बार परेड निराशा और खालीपन की...
इस मोर्चाबंदी से सावधान

इस मोर्चाबंदी से सावधान

चीन-पाकिस्तान की सैन्य रणनीति में समरूपता बैठाने की कोशिशों के बीच अब टू फ्रंट वॉर की बात बेमायने हो गई है।
पाकिस्तान उबल पड़ा है

पाकिस्तान उबल पड़ा है

पाकिस्तान की राजनीति के किसी पर्यवेक्षक के मन इस बात को लेकर संभवतः कोई संदेह नहीं होगा कि इमरान खान की लोकप्रियता उनकी अपनी पार्टी के दायरे से काफी...
कोरोना समाप्त हुआ लेकिन आगे क्या?

कोरोना समाप्त हुआ लेकिन आगे क्या?

अगर लैब में इस तरह का घातक वायरस तैयार किया जा रहा है तो इसका मतलब है कि पूरी मानवता का भविष्य किसी एक सनकी व्यक्ति के हाथ में...
इमरान की गिरफ्तारी और कटघरे में पाकिस्तानी सेना!

इमरान की गिरफ्तारी और कटघरे में पाकिस्तानी सेना!

इमरान खान गिरफ्तार है और पाकिस्तान अराजकता की गिरफ्त में। गिरफ़्तारी तो तय थी परन्तु जिस तरह से इमराम खान को हिरासत में लिया गया वह काफी नाटकीय था।
चीन के पसरते पांव

चीन के पसरते पांव

चीन ने अपनी मध्यस्थता कूटनीति को और आगे बढ़ाया है। उसका दावा है कि इस्लामाबाद में चीन, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की हुई बातचीत से त्रिपक्षीय सहयोग...
मुद्दा रुपये की ताकत का

मुद्दा रुपये की ताकत का

अनेक देशों के साथ रुपये में भुगतान के लिए करार हुआ है और उसका सिस्टम भी बन गया है। लेकिन असल में भुगतान हो नहीं रहा है। कारण बहुत...
भारतीय रूपए का अंबार रूस के काम का नहीं!

भारतीय रूपए का अंबार रूस के काम का नहीं!

रूस का खजाना भारत के अरबों-खरबों रुपयों से भरा पड़ा है।और रूस रुपयों के पहाड़ से छुटकारा चाहता है।उसे अब और नहीं चाहिए भारत की लचर-सस्ती करेंसी।
कर्नाटक का चुनाव रास्ता दिखाएगा

कर्नाटक का चुनाव रास्ता दिखाएगा

भारत जैसे विविधता वाले लोकतंत्र में हर चुनाव अलग होता है। उसके मुद्दे अलग होते हैं, नतीजे अलग होते हैं और उनका असर भी अलग अलग होता है।
जीवन से ये हताशा क्यों?

जीवन से ये हताशा क्यों?

अजीब खबर इसलिए अजीब महसूस होती है, क्योंकि इसका संबंध दुनिया के सबसे धनी देशों से है। आम तौर पर समझा यही जाता है कि उन देशों में लोग...
जंतर-मंतर का अखाड़ा

जंतर-मंतर का अखाड़ा

अब जंतर-मंतर सिर्फ विपक्षी राजनेताओं का ही नहीं, बल्कि किसानों और खाप पंचायत समेत तमाम तरह के सामाजिक संगठनों की गोलबंदी का भी केंद्र बन गया है।
क्या अर्दोआन हारेंगे? तुर्की में हवा बदली!

क्या अर्दोआन हारेंगे? तुर्की में हवा बदली!

तुर्की परिवर्तन के मुहाने पर खड़ा है। दुनिया की निगाहें उस पर हैं।रेचेप तैय्यप अर्दोआन, जो एक समय अपनी साफ़-सुथिर छवि के कारण तुर्की की आशा माना जाते थे,...
पवार से पार पाना मुश्किल

पवार से पार पाना मुश्किल

शरद पवार ने भारतीय राजनीति में कई बार सफलतापूर्वक आजमाए जा चुके इस दांव को अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए आजमाया।
भटके विमर्श का नतीजा

भटके विमर्श का नतीजा

आदिवासी संगठनों का कहना है कि ऐसा होने पर मैतेयी समुदाय उसकी जमीन और संसाधनों पर कब्जा कर लेगा।
अजीब किस्म की कूटनीति

अजीब किस्म की कूटनीति

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में भाग लेने आए पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बेशक करारा जवाब दिया।
ब्रिटेन के नए सम्राट की ताजपोशी

ब्रिटेन के नए सम्राट की ताजपोशी

ब्रिटेन को एक नया सम्राट मिला और हमें देखने को मिला अतीत से उधार लिया गया एक भव्य समारोह।
हम राक्षस बनेंगे या खत्म होंगे?

हम राक्षस बनेंगे या खत्म होंगे?

कल्पना करें अब मनुष्य का दिमाग, उसकी भाषा, भाषा से बनी कहानियों का काम मशीन करने लगे तो क्या होगा?
सितमगर से इश्क़ के ख़ब्ती दौर में

सितमगर से इश्क़ के ख़ब्ती दौर में

अपने पर अत्याचार करने वाले को ही प्रेम करते रहने की गाथाएं भारतीय समाज में कोई कम तो नहीं हैं।
उफ! अब बजरंग बली भी दांव पर

उफ! अब बजरंग बली भी दांव पर

ईश्वर ही मालिक है नरेंद्र मोदी और उनकी लंगूर सेना का! आखिर हिंदू इष्ट देवताओं के नाम के कटोरों से वोट मांगना क्या पाप की हद नहीं है
केजरीवाल जेल गए तब भी उनका वोट सुरक्षित!

केजरीवाल जेल गए तब भी उनका वोट सुरक्षित!

भाजपा यदि आम आदमी पार्टी को तोड़ डाले, उसकी मान्यता खत्म कर दे तो अलग बात है वरना दिल्ली और देश में केजरीवाल के जो वोट बने थे वे...
कांग्रेस की किस्मत का क्या यू टर्न?

कांग्रेस की किस्मत का क्या यू टर्न?

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और उनके बेटे प्रियांक खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जो हमला किया उसे बेंगलुरू से लेकर दिल्ली तक सुना गया है।
और बदरंग हुआ चेहरा

और बदरंग हुआ चेहरा

इस बार विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर जारी हुए प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में भारत का चेहरा कुछ और बदरंग दिखा है।
रूसी अपने विजय दिवस से ठिक पहले डरे हुए!

रूसी अपने विजय दिवस से ठिक पहले डरे हुए!

नौ मई को रूस विजय दिवस मनाता है। इस दिन परेड होती है, फौजी ताकत दिखाई जाती है। गर्व और उत्साह के साथ नाजी जर्मनी पर सोवियत संघ की...
राक्षस है भारत में सोशल मीडिया!

राक्षस है भारत में सोशल मीडिया!

सोशल मीडिया किस तरह से राक्षस बन गया है यह समझने के लिए हाल की दो मिसालें देखी जा सकती हैं।
उन्होंने अपनी ड्यूटी निभाई है

उन्होंने अपनी ड्यूटी निभाई है

अमेरिका ने अपने विदेश मंत्रालय के तहत एक अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग बना रखा है, जिसका काम हर साल दुनिया भर के देशों में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति पर...
श्रीलंका में चीनी निवेश

श्रीलंका में चीनी निवेश

यह धारणा अब सिरे से निराधार साबित हो रही है कि कर्ज संकट के अनुभव के बाद श्रीलंका बड़े पैमाने पर चीन के निवेश से गुरेज करेगा।
विपक्ष के गड़बड़ाते समीकरण?

विपक्ष के गड़बड़ाते समीकरण?

एनसीपी की अंदरूनी घटनाओं से अगर किसी एक पार्टी को सबसे ज्यादा राहत मिलेगी, तो वह भाजपा है।
जादुई दुनिया(डिजनी) लगी सत्ता की नजर!

जादुई दुनिया(डिजनी) लगी सत्ता की नजर!

धरती की सबसे बड़ी जादुई दुनिया खतरे में है। मिकी, मिनी, डोनाल्ड डक, प्लूटो, गूफी और उनके उतने ही प्यारे और नटखट साथी खतरे में है।
चुनाव घोषणापत्र और राजनीति का स्तर

चुनाव घोषणापत्र और राजनीति का स्तर

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, जहां प्रचार में नेताओं के भाषण से राजनीति का न्यूनतम स्तर तय हो रहा है।
आमूल बदलाव के संकेत

आमूल बदलाव के संकेत

वैसे यह सच है कि चीन की कुछ नीतियां ही युवान के अंतरराष्ट्रीयकरण की राह में बाधक हैं।
सीमित लोगों के लिए

सीमित लोगों के लिए

कोई समाज कितना सभ्य है, इसे मापने का एक पैमाना यह माना जाता है कि वहां मतभेद या विवादों को किस तरह से हल किया जाता है।
भांग,वीड,गांजे के खिलाफ खत्म हुई जंग!

भांग,वीड,गांजे के खिलाफ खत्म हुई जंग!

गांजा कहे या वीड या चरस, इनके खिलाफ युद्ध खत्म हुआ, सफल हुआ, यह सुनना और जानना बहुत सुखद है।
न्यायिक सक्रियता का नया दौर!

न्यायिक सक्रियता का नया दौर!

आमतौर पर माना जाता है कि कार्यपालिका के कमजोर होने से सरकार और विधायिका दोनों के कामकाज में न्यायपालिका का दखल बढ़ता है।
पहलवानों का ‘राजनीतिक’ संघर्ष

पहलवानों का ‘राजनीतिक’ संघर्ष

चैंपियन पहलवानों का यौन शोषण के खिलाफ संघर्ष का केंद्र बना नई दिल्ली का जंतर-मंतर अब एक सरकार विरोधी राजनीतिक मंच बनता जा रहा है।
आजादी के 75वें साल में चौराहे पर इजराइल

आजादी के 75वें साल में चौराहे पर इजराइल

पिछले एक वर्ष में पहले भारत, फिर श्रीलंका और उसके बाद इजराइल ने अपनी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाई।
ऐसा विकास किस काम का?

ऐसा विकास किस काम का?

सीडीसी हर दो साल पर यूथ रिस्क बिवेवियर सर्वे करता ह। उसमें नौजवानों से उनकी यौन गतिविधियों, मादक पदार्थ सेवन और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े सवाल पूछे जाते हैँ।
चीन से वार्ता का क्या संदेश है?

चीन से वार्ता का क्या संदेश है?

डोकलाम से लेकर अरुणाचल प्रदेश के अंदर तक चीन ने किसी न किसी रूप में दखल देने का प्रयास किया है।
खाई बहुत चौड़ी है

खाई बहुत चौड़ी है

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू के साथ नई दिल्ली में हुई वार्ता का सार यही है कि आपसी रिश्ते को लेकर दोनों देशों...