Monday

10-03-2025 Vol 19

बेबाक विचार

Main Stories, बेबाक विचार, editorial news from india’s best writer and journalists.

साहस कहें या दुस्साहस?

साहस कहें या दुस्साहस?

आप चाहें, तो इसे साहस या आत्म-विश्वास कह सकते हैं। किसी और नजरिए से इसे दुस्साहस या अति आत्म-विश्वास भी कहा जा सकता है।
बुलबुले हैं, तो फूटेंगे ही!

बुलबुले हैं, तो फूटेंगे ही!

हिंडनबर्ग रिसर्च ने गौतम अडानी को की कंपनी पर गंभीर आरोप लगा दिए। इससे विश्वास का संकट खड़ा हुआ और अडानी ग्रुप गहरे संकट में फंस गया है।
अब राहुल, प्रियंका अमेठी-रायबरेली जाएं, लोगों को जोड़े!

अब राहुल, प्रियंका अमेठी-रायबरेली जाएं, लोगों को जोड़े!

राहुल जो पूरी यात्रा में प्रेम का संदेश देते पहुंचे हैं यही उसका सारथा। नफरत, हिंसा खत्म हो। प्रेम भाईचारा, परस्पर विश्वास देश में वापस आए।
मजबूरी में मध्य वर्ग की चिंता

मजबूरी में मध्य वर्ग की चिंता

राजनीतिक दलों साथ आमतौर पर ऐसा होता है कि वे या तो जनादेश की गलत व्याख्या कर लेती हैं या उसे फॉर गारंटेड मान लेती हैं।
बजट काफी अच्छा है लेकिन….

बजट काफी अच्छा है लेकिन….

कोई सरकार कैसा भी बजट पेश करे, विरोधी दल उसकी आलोचना न करें, यह संभव ही नहीं है। विरोधी दलों की आलोचनाएं हमेशा असंगत होती हैं, ऐसा भी नहीं...
म्यांमारः दो साल बाद

म्यांमारः दो साल बाद

अब ऐसा लगता है कि दुनिया म्यांमार के लोगों को उनकी तकदीर के भरोसे छोड़ चुकी है।
चुनावी साल का फीलगुड बजट

चुनावी साल का फीलगुड बजट

केंद्रीय वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2023-24 के आम बजट में ऐलान किया है कि सरकार पूंजीगत खर्च में 33 फीसदी की बढ़ोतरी करेगी।
आसाराम की सजा बहुत कम है

आसाराम की सजा बहुत कम है

यदि आसाराम दस साल और जिंदा रह गया तो आप जरा हिसाब लगाइए कि गरीब करदाताओं का कितना पैसा वह हजम कर जाएगा।
आइडिया चाहिए, एकाउंटिंग नहीं

आइडिया चाहिए, एकाउंटिंग नहीं

आर्थिक सर्वे से अपेक्षा रहती है कि वह चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था का जो हाल रहा, में उसकी ठोस तस्वीर पेश की जाएगी।
पाकिस्तान में लौटा आतंकवाद

पाकिस्तान में लौटा आतंकवाद

पाकिस्तान के पेशावर में मस्जिद में हुए हमले में 60 से ज्यादा लोगों की मौत ने दशक भर पहले के उस दौर की याद ताजा करा दी है, जब...
सवाल संसद की गरिमा का

सवाल संसद की गरिमा का

अब संसद के हर सत्र की शुरुआत पर संसद की गरिमा का सवाल चर्चा में आता है। जाहिरा तौर पर इसकी वजह गुजरे वर्षों में संसद के अंदर दिखी...
मानस के बहाने मंडल राजनीति की वापसी

मानस के बहाने मंडल राजनीति की वापसी

मंडल राजनीति की वापसी हो सकती है और तब कमंडल यानी मंदिर की राजनीति के बरक्स जातियों को खड़ा किया जाएगा
मुसलमानों को मुसलमान मार रहे

मुसलमानों को मुसलमान मार रहे

शाहबाज़ सरकार आर्थिक संकट से पहले ही जूझ रही है, अब इस विस्फोट ने जले पर नमक छिड़क दिया है।
बी.बी.सी. से नाहक नाराजगी!

बी.बी.सी. से नाहक नाराजगी!

एक डॉक्यूमेंटरी बनाने पर बी.बी.सी. से नाराजगी जताना भारत के लिए सम्मान की बात नहीं। वह एक विश्व-प्रतिष्ठित, पुरानी समाचार-सेवा है।
याद रहेगा राहुल का यह सकारात्मक अभियान

याद रहेगा राहुल का यह सकारात्मक अभियान

कन्याकुमारी से कश्मीर तक 135 दिन में साढ़े तीन हजार किलोमीटर से ज्यादा पैदल चलने के बाद राहुल गांधी ने यात्रा को विराम देते हुए कहा कि यह समापन...
प्रभावशाली शुरुआत के बाद

प्रभावशाली शुरुआत के बाद

राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा की समाप्ति के मौके पर कहा कि जो अभियान उन्होंने छेड़ा है, यह उसका अंत नहीं है।
राहुल की यात्रा से कांग्रेस का भला नहीं!

राहुल की यात्रा से कांग्रेस का भला नहीं!

केरल से कश्मीर तक की यह यात्रा शंकराचार्य के अलावा भारत में अब तक राहुल के सिवाय शायद किसी और ने कभी नहीं की।
विकास से उपजी समस्या

विकास से उपजी समस्या

इसके पहले हाल में यह खबर आई थी कि देश में पिछले साल बच्चों के जन्म लेने की संख्या में भारी गिरावट आई।
चीन के आगे लाचार?

चीन के आगे लाचार?

पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक पूर्वी लद्दाख में 65 पेट्रोलिंग प्वाइंट्स में से 26 अब भारत के पास नहीं हैं।
अदानी को बचाने या तो आज सरकार उढेलेगी पैसा या…..

अदानी को बचाने या तो आज सरकार उढेलेगी पैसा या…..

आज या तो मोदी सरकार अपने बैंकों तथा एलआईसी से अदानी ग्रुप के शेयरों की अंधाधुंध खरीद करवाएगी या बैंकों-एलआईसी की बरबादी रोकने के लिए उन्हें अदानी के शेयरों...
हमारे मुसलमान भी हिंदू ही हैं

हमारे मुसलमान भी हिंदू ही हैं

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने इतिहास का एक बहुत ही महत्वपूर्ण पृष्ठ पलटकर सारे देश को दिखा दिया है।
इस अर्थव्यवस्था का अब क्या औचित्य?

इस अर्थव्यवस्था का अब क्या औचित्य?

गैर-सरकारी संस्था ऑक्सफेम ने अपनी ताजा रिपोर्ट- सरवाइवल ऑफ द रिचेस्ट में जो बातें कहीं हैं, वे चौकाने वाली नहीं हैं।
पाकिस्तान अदालत की शरण में

पाकिस्तान अदालत की शरण में

भारत और पाकिस्तान के बीच अब ऐसे मामले पर विवाद उठ खड़ा हुआ है, जिसे सारी दुनिया के देश एक आदर्श संधि मानते रहे हैं।
यदि अदानी सच्चे हैं तो अमेरिकी कोर्ट में हिंडनबर्ग पर मुकदमा करें!

यदि अदानी सच्चे हैं तो अमेरिकी कोर्ट में हिंडनबर्ग पर मुकदमा करें!

भारत की गरिमा व उसके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की साख दांव पर है तो खुद गौतम अदानी का वैश्विक खरबपति होने का रूतबा भी दांव पर है!
चमका रहेगा चांदी का अदानी जूता!

चमका रहेगा चांदी का अदानी जूता!

क्या हिंडनबर्ग रिसर्च से अदानी ग्रुप के बाजे बजेंगे? कतई नहीं। इसलिए क्योंकि पहली बात भारत लूटने के लिए है।
मुलायम को मोदी की रेवड़ी

मुलायम को मोदी की रेवड़ी

स्वर्गीय मुलायमसिंह यादव को पद्मविभूषण सम्मान क्या मिला, देश में बहस छिड़ गई है।
पर्यावरण के प्रति लापरवाही

पर्यावरण के प्रति लापरवाही

हैदरपुर वेटलैंड क्षेत्र में सर्दियों के मौसम में आए हजारों विदेशी पक्षी वहां से समय से पहले ही वापस अपने देश चले गए हैं।
प्रतिबंध तेरे रूप अनेक!

प्रतिबंध तेरे रूप अनेक!

सत्ता पक्ष को डॉक्यूमेंटरी से संबंधित अपनी मौजूदा रणनीति पर पुनर्विचार करना चाहिए।
हम गणतंत्र दिवस कैसे मनाएं?

हम गणतंत्र दिवस कैसे मनाएं?

राष्ट्रपति भवन के सामने इंडिया गेट या अब कर्तव्य पथ पर हम अपनी फौजी क्षमता का प्रदर्शन करते हैं।
विपक्ष अभी मुद्दे तलाश रहा है

विपक्ष अभी मुद्दे तलाश रहा है

भारतीय जनता पार्टी के हिंदुत्व के मुकाबले विपक्ष के पास क्या है? हिंदुत्व बनाम क्या? क्या हिंदुत्व बनाम हिंदुत्व का खुला विरोध लोकसभा चुनाव का केंद्रीय मुद्दा हो सकता...
देसी दवाएः वाजिब सवाल

देसी दवाएः वाजिब सवाल

कोरोना वायरस के खिलाफ एक अभियान के रूप में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पारंपरिक चीनी चिकित्सा को बढ़ावा दिया है।
रोजगार पर गहरी मार

रोजगार पर गहरी मार

यह खबर सचमुच परेशान करने वाली है कि अमेरिका में बड़ी टेक कंपनियों में जा रही नौकरियों का सबसे बड़ा शिकार वहां रहने वाले भारतीय हुए हैँ।
राम के बाद अब मानस पर राजनीति

राम के बाद अब मानस पर राजनीति

भारत में कोई भी चीज राजनीति की परिधि से परे नहीं है और कोई भी चीज इतनी पवित्र नहीं है कि उस पर राजनीति न हो।
मोदी पर बी.बी.सी. का हमला

मोदी पर बी.बी.सी. का हमला

बी.बी.सी. की फिल्म को लेकर जमकर विवाद छिड़ा हुआ है। फिल्म का नाम है- ‘‘इंडियाः द मोदी क्वेश्चन’’! यह फिल्म गुजरात में 2002 में हुए दंगों पर बनी है।
आर-पार की जंग?

आर-पार की जंग?

ऐसा लगता है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने जजों की नियुक्ति के मामले में न्यायपालिका की स्वायत्तता को लेकर आर-पार की जंग छेड़ रखी है।
एक नए बाबा की जरूरत थी

एक नए बाबा की जरूरत थी

देश को एक नए और चमत्कारिक बाबा की जरूरत थी। बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने वह जरूरत पूरी की है।
अमेरिका हिंसामुक्त कैसे हो?

अमेरिका हिंसामुक्त कैसे हो?

अमेरिका दुनिया का सबसे संपन्न और शक्तिशाली देश है लेकिन यह भी सच है कि वह सबसे बड़ा हिंसक देश भी है।
तो कैसे होगा मुक्त व्यापार?

तो कैसे होगा मुक्त व्यापार?

बेडेनोच पिछले महीने भारत आई थीं और यहां मुक्त व्यापार समझौते को लेकर उनकी वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से बातचीत हुई थी।
पाकिस्तान की बदहाली

पाकिस्तान की बदहाली

कपड़ा उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के मुताबिक ये कारोबार बंद होने के कगार पर है। इस कारण हजारों की संख्या में कर्मचारी निकाले जा रहे हैं।
अब वृंदावन में कॉरिडोर का बवाल

अब वृंदावन में कॉरिडोर का बवाल

आंदोलनकारी गोस्वामियों ने घोषणा की है कि वे ठाकुर बाँके बिहारी के विग्रह को यहाँ से उठा कर ले जाएँगे
दिल्ली सत्ता है ही हिंदूओं की गुलामी के लिए!

दिल्ली सत्ता है ही हिंदूओं की गुलामी के लिए!

सत्ता के अनुभव का ऐसा इतिहास। तभी कौम को क्या यह सामूहिक संकल्प नहीं बनाना चाहिए कि कुछ भी हो जाए वे दिल्ली की सत्ता को सर्वशक्तिमान नहीं बनने...
उठे सवाल जायज हैं

उठे सवाल जायज हैं

बीबीसी ने 2002 के गुजरात दंगों की पृष्ठभूमि में नरेद्र मोदी के राजनीतिक जीवन पर अभी डॉक्यूमेंटरी क्यों बनाई, यह सवाल जायज है।
क्या प्रधानमंत्री ऐसे भी होते हैं?

क्या प्रधानमंत्री ऐसे भी होते हैं?

भारत और पाकिस्तान के लोग ऐसे कई प्रधानमंत्रियों को जानते हैं, जो अपनी कुर्सी पर बने रहने के लिए क्या-क्या जुगाड़ नहीं करते हैं।
प्रधानमंत्री पर जुर्माना

प्रधानमंत्री पर जुर्माना

कानून का पालन हर आदमी करे, चाहे वह राष्ट्रपति हो या प्रधानमंत्री, इसे ही ‘कानून का राज’ कहते हैं।
और 400 दिन, चुनाव के!

और 400 दिन, चुनाव के!

सत्ता, पैसे और लाठी का चाहे जो सुख और वैभव मिला हो मगर हैं तो सब राजा नरेंद्र मोदी की पालकी उठाए कहार।
जेसिंडा अर्डर्न भी एक प्रधानमंत्री हैं!

जेसिंडा अर्डर्न भी एक प्रधानमंत्री हैं!

जेसिंडा अर्डर्न की घोषणा कि वे अगला चुनाव नहीं लड़ेंगी क्योंकि उनके पास अगले चार साल योगदान देने के लिए कुछ खास नहीं बचा है।
चार सौ दिन बनाम 31 सौ दिन!

चार सौ दिन बनाम 31 सौ दिन!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साढ़े तीन हजार दिन भी पूरे होंगे, जिसमें से अब तक 31 सौ दिन गुजर चुके है। तो सवाल है गुजरे 31 सौ दिनों में...
अदालत और सरकार की मुठभेड़

अदालत और सरकार की मुठभेड़

हमारे सर्वोच्च न्यायालय और केंद्र सरकार के बीच जजों की नियुक्ति पर जो खींचातानी चल रही थी, वह खुले-आम बाजार में आ गई है।