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09-03-2025 Vol 19

बेबाक विचार

Main Stories, बेबाक विचार, editorial news from india’s best writer and journalists.

डाटा लीक की हकीकत क्या है?

डाटा लीक की हकीकत क्या है?

सुरक्षा के विशेषज्ञ एक फायरवाल तैयार करते हैं और हैकर्स उसमें सेंध लगाने के रास्ते तलाशते हैं। यह सतत चलने वाली प्रक्रिया है।
बर्लुस्कोनीः ट्रंप का इतावली पितामह!

बर्लुस्कोनीः ट्रंप का इतावली पितामह!

सिल्वियो बर्लुस्कोनी की कहानी बहुत दिलचस्प है। उन्होने एक रंगीन और भड़कीला परंपरागत इटेलियन जीवन जीया, जिससे इटली की जनता से उनकी केमेस्ट्री बनी।
डेटा सुरक्षा में बड़ी सेंध

डेटा सुरक्षा में बड़ी सेंध

कोविन एप के जरिए स्टोर हुए लोगों के निजी डेटा की हैकिंग पर सरकार ने जो बयान दिए हैं, उससे कहीं यह भरोसा नहीं बंधता की ऐसी घटना नहीं...
मायूसी एक भ्रम है!

मायूसी एक भ्रम है!

इस सर्वे के दौरान ज्यादातर लोगों ने यही राय जताई कि बीते छह-सात दशकों में नैतिकता में भारी गिरावट आई है।
ब्रिटेन में भी ट्रंप जैसा बोरिस का हल्ला

ब्रिटेन में भी ट्रंप जैसा बोरिस का हल्ला

बोरिस जॉनसन के कई झूठ सामने आ रहे हैं। कोविड लाकडाउन के दौरान हुए पार्टीगेट कांड की पार्टी की योजना उन्होंने ही बनाई थी और कानून तोड़ा था।
मणिपुर की चिंता करनी चाहिए

मणिपुर की चिंता करनी चाहिए

अगर सरकार मैती समुदाय को एसटी में शामिल करने पर दिए गए हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करती है तो मैती समुदाय के लोग भड़केंगे और हिंसा...
एआई से चिंतित दुनिया!

एआई से चिंतित दुनिया!

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने उनकी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) संबंधी योजना को स्वीकार कर लिया।
डायबिटीजः स्वास्थ्य इमरजेंसी

डायबिटीजः स्वास्थ्य इमरजेंसी

देश की 15.3 फीसदी या लगभग 13.6 करोड़ आबादी प्री-डायबिटीक हैं। यानी अगले कुछ सालों में ऐसे लोगों के डायबिटीज की चपेट में आने की ठोस आशंका है।
ट्रंप की डींगें और 420 साल की सजा वाले आरोप!

ट्रंप की डींगें और 420 साल की सजा वाले आरोप!

डोनाल्ड ट्रंप अब अमेरिका के सभी पूर्ववर्ती राष्ट्रपतियों में सबसे अलग बन गए हैं। वे पहले ऐसे पूर्व राष्ट्रपति हो गए है जिन पर फ़ेडरल कानूनों को तोड़ने के...
हवाई बातों से क्या होगा?

हवाई बातों से क्या होगा?

भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कुछ ऊंचे दावे किए हैं और साथ ही यूनिवर्सल बेसिक इनकम (यूबीआई) की भारत में जरूरत को सिरे से...
पाकिस्तान में खतरनाक खेल

पाकिस्तान में खतरनाक खेल

अब यह साफ है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सियासी रूप से नष्ट करने में वहां का ‘ऐस्टैबलिशमेंट’ (सेना+खुफिया नेतृत्व) फिलहाल सफल हो गया है।
हिंदी प्रदेशों में विपक्ष हारेगा!

हिंदी प्रदेशों में विपक्ष हारेगा!

इस गपशप को मई 24 तक सेव रखें। तब हिसाब लगा सकेंगे कि कर्नाटक की जीत के बाद कांग्रेस और विपक्ष ने अपने हाथों अपने पांवों पर कब-कब कुल्हाड़ी...
क्या राजस्थान, मप्र, छतीसगढ़ में कांग्रेस जीतेगी?

क्या राजस्थान, मप्र, छतीसगढ़ में कांग्रेस जीतेगी?

सवाल पर जरा मई 2024 की प्रधानमंत्री मोदी की चुनावी परीक्षा के संदर्भ में सोचें। तो जवाब है कतई नहीं। इन राज्यों में कांग्रेस को लोकसभा की एक सीट...
बिहार, झारखंड में क्या होगा?

बिहार, झारखंड में क्या होगा?

केंद्र में किसी सत्तारूढ़ दल के खिलाफ जब भी साझा राजनीति की बात होती है और बदलाव होजाता है तो सबसे अहम भूमिका बिहार की होती है।
कांग्रेस की गारंटियां हो रही लागू! क्या जवाब है?

कांग्रेस की गारंटियां हो रही लागू! क्या जवाब है?

कर्नाटक में सरकार बनते ही पहली कैबिनेट बैठक में कांग्रेस की सरकार ने चुनाव में किए गए पांच वादों को पूरा करने का फैसला किया।
मणिपुर में कोई हल नहीं?

मणिपुर में कोई हल नहीं?

मणिपुर में हिंसा और अविश्वास के माहौल का कोई समाधान निकलता नहीं दिख रहा है। बल्कि अगर मैतयी और कुकी समुदायों के बीच अविश्वास की बात करें, तो हालत...
उत्तराखंड में खतरनाक संकेत

उत्तराखंड में खतरनाक संकेत

खबरों के मुताबिक उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के पुरोला में नाबालिग लड़की को अगवा करने के प्रयास के बाद तनाव का माहौल बना हुआ है।
माइक पेंस: दरबारी बना प्रतिस्पर्धी!

माइक पेंस: दरबारी बना प्रतिस्पर्धी!

अमेरिका में अगले राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी में मुकाबला मजेदारबन रहा है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को उनके अपने खेमें में से चुनौती मिल रही है।
हर विरोध को मोदी सरकार क्यों प्रतिष्ठा का सवाल बनाती?

हर विरोध को मोदी सरकार क्यों प्रतिष्ठा का सवाल बनाती?

लोकतंत्र हर पांच साल पर मतदान करने का नाम नहीं है और कोई भी देश सिर्फ इस आधार पर लोकतांत्रिक नहीं बनता है कि वहां चुनी हुई सरकार चल...
आंदोलन मैनेज हो गया?

आंदोलन मैनेज हो गया?

नौ जून को आंदोलन का प्रस्तावित कार्यक्रम स्थगित हो चुका है, तो दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस ने आरोपी बृजभूषण शरण सिंह से उनके घर जाकर पूछताछ की है।
सवाल सुरक्षित यात्रा का

सवाल सुरक्षित यात्रा का

दिसंबर 2022 में संसद में पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया कि इन दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण रेलवे पटरियों पर रखरखाव की कमी है।
यूक्रेन का शुरू जवाबी हमला!

यूक्रेन का शुरू जवाबी हमला!

रूस-यूक्रेन युद्ध के 468वें दिन अंततः यूक्रेन जवाबी हमले के मूड में दिखा। पश्चिमी देशों को कम से कम दो हफ्ते पहले इसके शुरू हो जाने की उम्मीद थी।
कांग्रेस लौटी धर्मनिरपेक्षता के एजेंडे में!

कांग्रेस लौटी धर्मनिरपेक्षता के एजेंडे में!

एंटनी कमेटी की रिपोर्ट ने कांग्रेस की दुविधा खत्म की थी और वह खुल कर हिंदू राजनीति करने लगी थी।
भागलपुर का पुल

भागलपुर का पुल

भारत के लिए ना तो ट्रेनों का पटरी से उतरना कोई असामान्य घटना है, ना निर्माणाधीन या बन चुके पुलों का गिरना।
भारत आकर क्यों घिरे?

भारत आकर क्यों घिरे?

नेपाल के विपक्षी दलों के साथ-साथ बुद्धिजीवियों और मीडिया का एक बड़ा हिस्सा भी प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल को घेरने में जुट गया है।
हादसों से सबक नहीं लेतीं सरकारें

हादसों से सबक नहीं लेतीं सरकारें

कायदे से इस बात को स्वीकार करना चाहिए कि रेलवे की सेहत ठीक नहीं है। पिछले कई दशक से रेलवे का इस्तेमाल राजनीति चमकाने के लिए ज्यादा हुआ है।
मौसम डरावना, धान संकट में!

मौसम डरावना, धान संकट में!

परन्तु धान की फसल क्लाइमेट चेंज की केवल पीड़ित ही नहीं है बल्कि उसका कारण भी है। धान के खेतों से बड़े पैमाने पर मीथेन निकलती है जो कि...
रेल दुर्घटनाः जवाबदेही है ही नहीं!

रेल दुर्घटनाः जवाबदेही है ही नहीं!

ओडिशा के बालासोर में हुई भीषण ट्रेन दुर्घटना की जांच सीबीआई को सौंपने की खबर अगर बहुत से लोगों के गले नहीं उतरी है, तो उसका कारण है।
नीतिगत अस्थिरता ठीक नहीं

नीतिगत अस्थिरता ठीक नहीं

ऊंचे शुल्क की वजह से इन उत्पादों की देश में कमी हो गई और सौर परियोजनाओं का काम धीमा पड़ गया।
तियानमेन नरसंहार की जिंदा है याद!

तियानमेन नरसंहार की जिंदा है याद!

बीजिंग के तियानमेन चौक के नरसंहार को 34 साल हो गए हैं। चार जून 1989 को हुए उस बेरहम दमन ने पूरी दुनिया को स्तंभित कर दिया था।
सरकार की यह कैसी नैतिकता?

सरकार की यह कैसी नैतिकता?

सरकार अब तक इस मामले में अपेक्षित फुर्ती दिखाने में नाकाम रही है, इसलिए उसके नैतिक मानदंडों पर प्रश्न खड़े करना लाजिमी हो गया है। सवाल यही है कि...
भारत-चीनः सूचना आवाजाही पर रोक

भारत-चीनः सूचना आवाजाही पर रोक

चीन ने बीते हफ्ते आरोप लगाया कि भारत सरकार ने चीनी पत्रकारों के वीजा की अवधि बेवजह ही कम कर दी और मई 2020 के बाद से वीजा जारी...
पुतिन, जिनफिंग से पल्ला छूटा?

पुतिन, जिनफिंग से पल्ला छूटा?

भारत ने रूस-चीन की उस धुरी से पिंड छुड़ाने का वैश्विक मैसेज दिया है, जिससे पश्चिम की ठनी है।
मोदी हों या राहुल,  सबका मक्का अमेरिका-लंदन!

मोदी हों या राहुल, सबका मक्का अमेरिका-लंदन!

भारत की विदेश नीति में जितना पाखंड, दिखावा और विश्वगुरू बनने की जुमलेबाजी हुई वह रिकार्ड है।
उत्तर कोरिया जब चाहे बढ़ा देगा घबराहट!

उत्तर कोरिया जब चाहे बढ़ा देगा घबराहट!

अभी एक दिन पहले, चीखते सायरनों की आवाज़ से दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल के रहवासियों की देर रात नींद टूटी। लोगों से कहा जा रहा था कि वे...
मोदी को वोट के मूड का आधार क्या?

मोदी को वोट के मूड का आधार क्या?

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने के मौके पर कई तरह के सर्वेक्षण हुए, जिनसे मोदी सरकार की लोकप्रियता बरकरार रहने का निष्कर्ष जाहिर हुआ।
भारत के लिए मौसम होगा बड़ी चुनौती

भारत के लिए मौसम होगा बड़ी चुनौती

एक ताजा शोध में कहा गया है कि अगर दुनिया का तापमान बढ़ता रहा, तो सबसे ज्यादा असर भारत पर होगा।
बेरोजगारी है विकराल, गंभीर बने!

बेरोजगारी है विकराल, गंभीर बने!

भारत सरकार के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में वेतनभोगी महिला कर्मियों की संख्या दो साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है।
एवरेस्ट भी जलवायु परिवर्तन का मारा!

एवरेस्ट भी जलवायु परिवर्तन का मारा!

इंसान ने 70 साल पहले दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर विजय पताका फहराई थी। लेकिन अब वहा भी जलवायु परिवर्तन का संकट है।
भारत असेंबलिंग करेगा या उत्पादन?

भारत असेंबलिंग करेगा या उत्पादन?

भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने उचित ही इस बारे में बनी धारणाओं को लेकर आगाह किया है। उन्होंने कहा है कि असल में भारत मैनुफैक्चरिंग...
एमपी, एमएलए की ऐसे सदस्यता जाने लगी तो आगे क्या?

एमपी, एमएलए की ऐसे सदस्यता जाने लगी तो आगे क्या?

आजम खान की हेट स्पीच मामले में रिहाई ने विधायकों, सांसदों की आनन-फानन में सदस्यता समाप्त करने, उनकी सीटों को खाली घोषित करने और उपचुनाव कराने की जल्दी पर...
रूसियों में पहली बार, अब जंग का खौफ!

रूसियों में पहली बार, अब जंग का खौफ!

अब तक रूस और विशेषकर मास्को के रहवासियों को लग ही नहीं रहा था कि उनका देश एक लम्बी और कठिन जंग में फंसा हुआ है।
कब शांत होगा मणिपुर?

कब शांत होगा मणिपुर?

मणिपुर में महीने भर से जारी हिंसा और आगजनी के बीच आखिरकार गृह मंत्री अमित शाह ने चार दिन का राज्य का दौरा शुरू किया है।
विवाद ना उठें, तो बेहतर

विवाद ना उठें, तो बेहतर

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल की बुधवार से शुरू हो रही भारत कई मायनों में बेहद अहम है।
‘युद्ध अपराधी’ असद की अरब लीग में वापसी!

‘युद्ध अपराधी’ असद की अरब लीग में वापसी!

करीब बारह साल पहले, सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद से दुनिया ने किनारा कर लिया था। अपने देश के नागरिकों को कुचलने के लिए उन्हें जम कर लताड़ा गया।
एकता दिखाने की नहीं बनाने की जरूरत

एकता दिखाने की नहीं बनाने की जरूरत

जदयू के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने के प्रयास के तहत 12 जून को पटना में एक बड़ी बैठक होने वाली...
यह एक नई मुश्किल

यह एक नई मुश्किल

इनसान ने अपने अनुभव और बार-बार के परीक्षणों से एक महत्त्वपूर्ण ज्ञान हासिल किया, उनमें एक मौसम का अनुमान लगाना शामिल है। यह ज्ञान कभी दोषमुक्त नहीं रहा।
टूटती सहमतियां, बंटती धारणाएं

टूटती सहमतियां, बंटती धारणाएं

नई दिल्ली रविवार को दो तरह की कहानियां का गवाह बना। एक तरफ भव्यता और कुछ बड़ा हासिल कर लेने के गर्व का नजारा था।