Tuesday

15-04-2025 Vol 19
कितना रोए? किस-किस पर रोइए?

कितना रोए? किस-किस पर रोइए?

लिखना मेरा कर्म, धर्म और आदत है। मेरा यह शगल 1976 से है। तभी कोई 45 वर्षांत और नव वर्ष! मैं साल-दर-साल देश-दुनिया की समीक्षा में कलम घसीटता आया...
वह मजेदार दिल्ली तब… और अब?

वह मजेदार दिल्ली तब… और अब?

मैं साल पचहत्तर में दिल्ली आया। उसके पांच-आठ साल बाद नरेंद्र मोदी दिल्ली आए होंगे। वे 11, अशोक रोड के पार्टी दफ्तर के पिछवाड़े में रहते छे।
किस किस का जिक्र कीजिए?

किस किस का जिक्र कीजिए?

यह सिर्फ वर्ष 2022 की बात नहीं है, हर साल की बात है। भारत वह देश है जिसे  किसी बात से फर्क नहीं पड़ता।
रोइए जार जार क्या, कीजिए हाय हाय क्यों

रोइए जार जार क्या, कीजिए हाय हाय क्यों

देश के 81 करोड़ लोग इस बात से संतुष्ट और खुश हैं कि उनको पांच किलो अनाज मुफ्त में मिल रहा है और आगे भी मिलता रहेगा।
की फर्क पैंदा!

की फर्क पैंदा!

कोई 42 करोड़ लोग भारत में फेसबुक इस्तेमाल करते हैं। ट्विटर, गूगल और यूट्यूब का इस्तेमाल करने वाले भी करोड़ों में हैं।
भले न माने, सबकुछ खत्म होता हुआ!

भले न माने, सबकुछ खत्म होता हुआ!

ऐसे ही सन् 2022 के भारत में कला और संस्कृति में ऐसा क्या है, जिसे देख कर दुनिया वाह करे? क्या कोई नया एमएफ हुसैन या सैयद हैदर रजा...