Tuesday

15-04-2025 Vol 19
रघुराम राजन ने क्या गलत कहा?

रघुराम राजन ने क्या गलत कहा?

भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भारत सरकार और सत्तारूढ़ भाजपा की दुखती रग पर हाथ रखा है।
नेहरू विकास दर कहने से हकीकत नहीं बदल जाएगी

नेहरू विकास दर कहने से हकीकत नहीं बदल जाएगी

रघुराम राजन ने ज्योंहि हिंदू विकास दर का जिक्र किया तो तमाम तरह के लंगूर उन पर टूट पड़े।
जी-20 बैठक: मरी चूहिया भी नहीं!

जी-20 बैठक: मरी चूहिया भी नहीं!

न क्वार्टर-फाइनल में कुछ और न सेमी-फाइनल बैठक में कुछ! देशों के साझे समूह काएक साझा बयानभी नहीं।अब सितंबर में फाइनल है।
अवसर है पर कही लम्हे की खता तो नहीं?

अवसर है पर कही लम्हे की खता तो नहीं?

जी-20 की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सुनहरा मौका है। वे अपनी इमेज को दुनिया में वैसे ही चमका सकते है जैसे इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडोकी चमकी।
चीन-रूस की धुरी पर पूरा दक्षिण एशिया

चीन-रूस की धुरी पर पूरा दक्षिण एशिया

पूर्वी, दक्षिण पूर्वी और मध्य एशियाई देशों की तरह अब पूरा दक्षिण एशिया भी चीन की धुरी पर घूमने लगा है।
रूस से कारोबार करें या उसका विरोध!

रूस से कारोबार करें या उसका विरोध!

दुनिया दो खेमे में बंटगई है। भारत रूस के साथ जुड़ा हुआ है। पिछले एक साल में कारोबार के मामले में रूस से बहुत लेन-देन हो गया है।
जयशंकर की बड़बोली कूटनीति!

जयशंकर की बड़बोली कूटनीति!

विदेश मंत्री एस जयशंकर आजाद भारत के सर्वाधिक बड़बोले विदेश मंत्री हो गए हैं। याद करें उनकी तरह बोलता हुआ विदेश मंत्री पहले कौन था?
खड़गे जी, बात नहीं करके दिखाएं!

खड़गे जी, बात नहीं करके दिखाएं!

शायद ही कोई सियासी जानकार हो जो नगालैंड में मल्लिकार्जुन खड़गे के भाषण के इन वाक्यों पर चौंका नहीं हो कि 2024 में केंद्र में गठबंधन सरकार होगी।
राहुल से काम लें तो जयराम व कन्हैया एंड पार्टी पर अंकुश बनाएं!

राहुल से काम लें तो जयराम व कन्हैया एंड पार्टी पर अंकुश बनाएं!

रायपुर अधिवेशन के साथ मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के रियल मालिक हैं।
पहले कर्नाटक जीत कर दिखाएं

पहले कर्नाटक जीत कर दिखाएं

सवाल है कि क्या खड़गे के कहने या बातचीत करने से विपक्षी पार्टियों का गठबंधन हो जाएगा और वे कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व स्वीकार कर लेंगी?
कांग्रेस की चुनाव की मशीनरी कहां है?

कांग्रेस की चुनाव की मशीनरी कहां है?

विपक्षी पार्टियों के बीच गठबंधन बनाने से पहले मल्लिकार्जुन खड़गे की सबसे बड़ी चुनौती कांग्रेस में चुनाव लड़ने वाली मशीनरी के नहीं होने की है।
मुद्दा एक ही है- अदानी का, उसे घर घर पहुंचाएं

मुद्दा एक ही है- अदानी का, उसे घर घर पहुंचाएं

राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो यात्रा में बार बार वैकल्पिक दृष्टि देने की बात कर रहे थे। लेकिन वह वैकल्पिक दृष्टि क्या है?
सच्चा सिर्फ मॉर्निंग कंसल्ट है

सच्चा सिर्फ मॉर्निंग कंसल्ट है

अमेरिका की एक तकनीकी कंपनी है डिलॉयट। इसने कुछ साल पहले एक बिजनेस इंटेलीजेंस यूनिट बनाई थी। इसका नाम है मॉर्निंग कंसल्ट।
बीबीसीः बकवास, भ्रष्ट कॉरोपोरेशन!

बीबीसीः बकवास, भ्रष्ट कॉरोपोरेशन!

हे भारत माता! इतने झूठों के बाद भी धरती क्यों नहीं फटती!
दुनिया झूठी, संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, ब्रिटेन सभी तो भारत विरोधी साजिशकर्ता!

दुनिया झूठी, संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, ब्रिटेन सभी तो भारत विरोधी साजिशकर्ता!

पिछले आठ सालों में संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों, अमेरिका-ब्रिटेन की संसदीय समितियों या इनके विदेश मंत्रलाय की रिपोर्टों में भारत कितना बदनाम हुआ?
संयुक्त राष्ट्र और अमेरिकी संस्थाएं झूठीं

संयुक्त राष्ट्र और अमेरिकी संस्थाएं झूठीं

संयुक्त राष्ट्र संघ की वर्ल्ड हैपीनेस रिपोर्ट में दुनिया के 146 देशों में से भारत किस स्थान पर है?
भूख, कुपोषण, पर्यावरण की रिपोर्टे भी झूठी!

भूख, कुपोषण, पर्यावरण की रिपोर्टे भी झूठी!

कंसर्न वर्ल्डवाइड और वेल्थंगरहिल्फ हर साल ग्लोबल हंगर इंडेक्स तैयार करते हैं। इसमें विभिन्न देशों में भूख और कुपोषण को लेकर रिपोर्ट तैयार की जाती है।
ताजा तीन इंडेक्स का भारत सत्य

ताजा तीन इंडेक्स का भारत सत्य

फ्रीडम इन द वर्ल्ड इंडेक्स में भारत की स्थिति इतनी खराब बताई गई है कि भारत अब आंशिक रूप से स्वतंत्र और लोकतांत्रिक देश की श्रेणी में है।
एक अकेला अदानी सब पर भारी!

एक अकेला अदानी सब पर भारी!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गलत कहा। गुरूवार को राज्यसभा में विपक्ष की ‘मोदी-अदानी भाई-भाई’ की नारेबाजी पर उनका स्टैंड सही नहीं था।
सन् 1723 में जगत सेठ और 2023 में इंडिया इज अदानी!

सन् 1723 में जगत सेठ और 2023 में इंडिया इज अदानी!

जगत सेठ की संपदा ब्रितानी आर्थिकी से ज्यादा थी तो सन् 2023 के गौतम अदानी भी दुनिया के तीसरी बड़े खरबपति का रिकॉर्ड लिए हैं।
तो अदानी पर लगे आरोप सही हैं!

तो अदानी पर लगे आरोप सही हैं!

संसद के दोनों सदनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुल मिलाकर कोई तीन घंटा बोले लेकिन उन्होंने एक बार भी अदानी का नाम नहीं लिया।
आपत्तियों के बावजूद अदानी को हवाईअड्डे

आपत्तियों के बावजूद अदानी को हवाईअड्डे

अदानी समूह की मौजूदा सरकार से नजदीकी को लेकर कई मिसालें सामने आ रही हैं। राहुल गांधी ने कई सवाल उठाए, जिनकी जांच की जरूरत है।
राहुल और खड़गे उभरे, विपक्ष एकजुट हुआ

राहुल और खड़गे उभरे, विपक्ष एकजुट हुआ

लोकसभा में प्रधानमंत्री ने कहा है कि उनको लगता था क् राजनीति और चुनाव के कारण विपक्ष एकजुट होगा लेकिन ईडी ने विपक्ष को एकजुट कर दिया।
मोदी-शाह समझें, अदानी से छुड़ाएं पिंड, अब और न पालें!

मोदी-शाह समझें, अदानी से छुड़ाएं पिंड, अब और न पालें!

मोदी को भी अपना भरोसा खूटे पर टांग कर अदानी ग्रुप की पड़ताल वैसे ही करानी चाहिए जैसे विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चौकसी आदि की हुई है। 
मोदी के सपने तार-तार

मोदी के सपने तार-तार

विशालकाय हाथी, मतलब दुनिया का नंबर दो अमीर अदानी! और हाथी की पीठ के हौदे पर बैठे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी!
अदानी को बचाने कौन आया?

अदानी को बचाने कौन आया?

सवाल है गौतम अदानी की कंपनी का एफबीओ सब्सक्राइव नहीं हो रहा था तब कौन उनको बचाने आया?
अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से ज्यादा दिक्कत

अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से ज्यादा दिक्कत

आमतौर पर जब कोई बड़ा वित्तीय घोटाला खुलता है तो सरकार की कानून प्रवर्तन एजेंसियां सक्रिय हो जाती हैं और जांच शुरू होती है।
पूंजी में ठगी के बाद कमाई के लिए लूट होगी

पूंजी में ठगी के बाद कमाई के लिए लूट होगी

दुनिया का मीडिया लिख रहा है कि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला खुला है।
यदि अदानी सच्चे हैं तो अमेरिकी कोर्ट में हिंडनबर्ग पर मुकदमा करें!

यदि अदानी सच्चे हैं तो अमेरिकी कोर्ट में हिंडनबर्ग पर मुकदमा करें!

भारत की गरिमा व उसके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की साख दांव पर है तो खुद गौतम अदानी का वैश्विक खरबपति होने का रूतबा भी दांव पर है!
चमका रहेगा चांदी का अदानी जूता!

चमका रहेगा चांदी का अदानी जूता!

क्या हिंडनबर्ग रिसर्च से अदानी ग्रुप के बाजे बजेंगे? कतई नहीं। इसलिए क्योंकि पहली बात भारत लूटने के लिए है।
क्या जवाब देंगे अदानी?

क्या जवाब देंगे अदानी?

दुनिया की प्रतिष्ठित रिसर्च संस्था की ओर से लगाए गए आरोपों का बिंदुवार जवाब दें।
धन शोधन और वित्तीय गड़बड़ी के आरोप गंभीर

धन शोधन और वित्तीय गड़बड़ी के आरोप गंभीर

शेयर बाजार में अपनी कंपनियों के शेयरों के भाव बढ़ाने के लिए जोड़-तोड़ करने के आरोप न अदानी समूह पर नए हैं और न ऐसा है कि यह पहली...
भारतीय एजेंसियां कुछ नहीं करेंगी!

भारतीय एजेंसियां कुछ नहीं करेंगी!

लाख टके का सवाल है कि हिंडनबर्ग रिसर्च में हुए खुलासे के बाद भारत की एजेंसियां क्या करेंगी? मेरा मानना है कुछ नही।
और 400 दिन, चुनाव के!

और 400 दिन, चुनाव के!

सत्ता, पैसे और लाठी का चाहे जो सुख और वैभव मिला हो मगर हैं तो सब राजा नरेंद्र मोदी की पालकी उठाए कहार।
जेसिंडा अर्डर्न भी एक प्रधानमंत्री हैं!

जेसिंडा अर्डर्न भी एक प्रधानमंत्री हैं!

जेसिंडा अर्डर्न की घोषणा कि वे अगला चुनाव नहीं लड़ेंगी क्योंकि उनके पास अगले चार साल योगदान देने के लिए कुछ खास नहीं बचा है।
चार सौ दिन बनाम 31 सौ दिन!

चार सौ दिन बनाम 31 सौ दिन!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साढ़े तीन हजार दिन भी पूरे होंगे, जिसमें से अब तक 31 सौ दिन गुजर चुके है। तो सवाल है गुजरे 31 सौ दिनों में...
क्या हुआ और क्या ढिंढोरा पीटा गया?

क्या हुआ और क्या ढिंढोरा पीटा गया?

निसंदेह मोदी सरकार ने अपनी पार्टी की ओर से किए गए कुछ वादों को पूरा किया है। जैसे जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला।
अभी से चुनाव में सरकार!

अभी से चुनाव में सरकार!

प्रधानमंत्री ने चार सौ दिन का जुमला बोला, जबकि चुनाव की घोषणा में उससे थोड़ा ज्यादा समय बाकी है।
उफ! हाशिए का असल भी खौफनाक!

उफ! हाशिए का असल भी खौफनाक!

मैं बार-बार सोचता हूं कि इस बार गपशप अलग हो। मतलब भारत दुर्दशा को छूने वाली नहीं। उसमें मोदी, उनकी सरकार, हिंदूशाही का जिक्र नहीं आए।
मुख्यधारा और पूर्वोतर के छोटे प्रदेश

मुख्यधारा और पूर्वोतर के छोटे प्रदेश

फरवरी में त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में विधानसभा चुनाव हैं। इनकी राजनीति और नतीजों का मुद्दा महत्व का नहीं है।
हाशिए के मुद्दे आगे बहुत सताएंगे।

हाशिए के मुद्दे आगे बहुत सताएंगे।

भारत के सामाजिक, राजनीतिक विमर्श में पहाड़, नदी, हवा, पानी, जंगल, पर्यावरण, जलवायु आदि की चर्चा नहीं के बराबर होती है।
विपक्षी एकता की परीक्षा भी

विपक्षी एकता की परीक्षा भी

त्रिपुरा में कांग्रेस के साथ तालमेल की घोषणा खुद सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने की है।
पूर्वोत्तर के राज्यों से मिलेगा संकेत

पूर्वोत्तर के राज्यों से मिलेगा संकेत

पूर्वोत्तर के तीन राज्यों- त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में चुनावों का महत्व इसलिए है क्योंकि इससे10 राज्यों के चुनावों की शुरुआत है।
भारत का टर्निंग वर्ष है 2023

भारत का टर्निंग वर्ष है 2023

हां, सन् 2023 के अप्रैल महीने से भारत दुनिया में नंबर एक होगा। पृथ्वी का वह देश, जिसकी सर्वाधिक आबादी।
140-170 करोड़ लोगों में कमाने वाले और खाने वाले!

140-170 करोड़ लोगों में कमाने वाले और खाने वाले!

भारत में पिछले पच्चीस वर्षों में नौजवान आबादी तेजी से बढ़ी है। अगले चालीस सालों में और बढ़ेगी। मतलब काम कर सकने की उम्र की वर्कफोर्स का बढ़ना!
बेरोजगार नौजवानों से बरबादी के खतरे!

बेरोजगार नौजवानों से बरबादी के खतरे!

ध्यान नहीं आ रहा है कि आबादी से जुड़े आंकड़ों के अलावा भारत किसी और मामले में दुनिया में नंबर एक है। भारत में सबसे ज्यादा युवा आबादी है,...
सेहत और स्वास्थ्य का संकट बहुत बड़ा होगा

सेहत और स्वास्थ्य का संकट बहुत बड़ा होगा

भारत बिना तैयारी के सबसे बड़ी आबादी वाला देश बनने जा रहा है। हिसाब सेशिक्षा, कौशल और रोजगार के विकास के साथ स्वास्थ्य-चिकित्सान पर ध्यान बनना चाहिए।
क्या मजदूर सप्लाई करने की फैक्टरी बनेगा?

क्या मजदूर सप्लाई करने की फैक्टरी बनेगा?

आखिर अभी भी प्रवासियों की संख्या के लिहाज से भारत दुनिया का नंबर एक देश है। दुनिया के अलग अलग देशों में रहने वाले प्रवासियों की भारत की संख्या...