Tuesday

15-04-2025 Vol 19
मोदी राज में जात राजनीति वीपी सिंह राज से ज्यादा!

मोदी राज में जात राजनीति वीपी सिंह राज से ज्यादा!

जातिय राजनीति उग्र होते हुए है। मोदी का हिंदू राष्ट्र वैश्विक तौर पर जातियों की ऊंच-नीच की हिंदू बदनामी बना बैठा है।
अदानी चिपका तो ब्राह्मणों पर ठीकरा!

अदानी चिपका तो ब्राह्मणों पर ठीकरा!

कर्नाटक में भाजपा की दुर्दशा क्यों? इसके जवाब में मीडिया और मोदी-शाह के नैरेटिव में जातीय गणित है
दलित और आदिवासी बनने की होड़

दलित और आदिवासी बनने की होड़

दुनिया के किसी भी दूसरे देश के मुकाबले भारत में जाति गतिशीलता ज्यादा रही है।
सिर्फ जातियों की राजनीति

सिर्फ जातियों की राजनीति

अच्छे दिन लाने के वादे वाली सरकार के नौ साल की एक सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि अब विकास के नाम पर चुनाव नहीं लड़ा जा रहा है...
कहां कहां और कितना आरक्षण होगा?

कहां कहां और कितना आरक्षण होगा?

ओड़िशा में भी सामाजिक, आर्थिक गणना का काम हो रहा है। इसके जरिए जातियों की वास्तविक संख्या का पता लगाया जाएगा और उनको उसी अनुपात में आरक्षण दिया जाएगा।
उफ! अब बजरंग बली भी दांव पर

उफ! अब बजरंग बली भी दांव पर

ईश्वर ही मालिक है नरेंद्र मोदी और उनकी लंगूर सेना का! आखिर हिंदू इष्ट देवताओं के नाम के कटोरों से वोट मांगना क्या पाप की हद नहीं है
केजरीवाल जेल गए तब भी उनका वोट सुरक्षित!

केजरीवाल जेल गए तब भी उनका वोट सुरक्षित!

भाजपा यदि आम आदमी पार्टी को तोड़ डाले, उसकी मान्यता खत्म कर दे तो अलग बात है वरना दिल्ली और देश में केजरीवाल के जो वोट बने थे वे...
कांग्रेस की किस्मत का क्या यू टर्न?

कांग्रेस की किस्मत का क्या यू टर्न?

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और उनके बेटे प्रियांक खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जो हमला किया उसे बेंगलुरू से लेकर दिल्ली तक सुना गया है।
जीत का श्रेय राहुल, प्रियंका को मिलेगा

जीत का श्रेय राहुल, प्रियंका को मिलेगा

कर्नाटक में मतदान की तारीख नजदीक आते आते यह धारणा बन रही है कि कांग्रेस आलाकमान पार्टी को चुनाव लड़ा रहा है।
मोदी मैजिक की कर्नाटक में हो रही परीक्षा

मोदी मैजिक की कर्नाटक में हो रही परीक्षा

जिस तरह से कर्नाटक का चुनाव कांग्रेस आलाकमान के लिए परीक्षा है वैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए भी यह परीक्षा की तरह है।
बदलती राजनीति, प्रमाण कर्नाटक!

बदलती राजनीति, प्रमाण कर्नाटक!

हां, पहले जरा दिसंबर 2022 के गुजरात-हिमाचल चुनाव के माहौल को याद करें। फिर उसके बाद से कर्नाटक चुनाव के मौजूदा माहौल पर गौर करें तो क्या लगेगा नहीं...
भाजपा के पास मोदी और राहुल!

भाजपा के पास मोदी और राहुल!

तभी कर्नाटक और इसके बाद के विधानसभा चुनावों, सन् 2024 के आम चुनाव सिर्फ और सिर्फ नरेंद्र मोदी की नायक या खलनायक इमेज पर होगा।
कांग्रेस हिम्मती और आक्रामक

कांग्रेस हिम्मती और आक्रामक

कर्नाटक चुनाव की खास बात यह है कि पहली बार भाजपा रक्षात्मक है और कांग्रेस आक्रामक अंदाज में राजनीति कर रही है।
भाजपा के एजेंडे पर चुनाव नहीं

भाजपा के एजेंडे पर चुनाव नहीं

सबसे हैरानी की बात है कि भारतीय जनता पार्टी जिन मुद्दों को चुनाव के लिए तैयार कर रही थी उन पर चुनाव नहीं लड रही है।
आरक्षण का जवाब ज्यादा आरक्षण से

आरक्षण का जवाब ज्यादा आरक्षण से

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को तेलंगाना में भाषण दिया तो कहा कि अगर भाजपा राज्य की सत्ता में आएगी तो मुस्लिम आरक्षण खत्म करेगी, जैसा उसने...
योगीः पच्चीस साला हिंदू भविष्य!

योगीः पच्चीस साला हिंदू भविष्य!

मोदी को प्रधानमंत्री होते देख रहा था वैसे ही अब मैं योगी आदित्यनाथ को हिंदू दिमाग में बतौर अवतार अवतरित हुए बूझ रहा हूं।
पर अमित शाह के रहते योगी भला कैसे?

पर अमित शाह के रहते योगी भला कैसे?

हां, स्वाभाविक है सोचना कि दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साये के अमित शाह के रहते भला योगी आदित्यनाथ के प्रधानमंत्री बनने के कहा अवसर हैं?
जात राजनीति का जवाब हैं योगी

जात राजनीति का जवाब हैं योगी

विपक्ष की जात राजनीति का जवाब भाजपा ज्यादा बड़ी जात राजनीति से देगी या उसका जवाब ज्यादा उग्र और आक्रामक हिंदुत्व से दिया जाएगा?
योगी की छवि उनकी ताकत या कमजोरी?

योगी की छवि उनकी ताकत या कमजोरी?

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि को लेकर दो तरह की धारणाएं हैं।
उदार, समावेशी नेता नीतिन, राजनाथसिंह के लिए कितनी जगह?

उदार, समावेशी नेता नीतिन, राजनाथसिंह के लिए कितनी जगह?

भारतीय जनता पार्टी और देश की राजनीति में भी शीर्ष के दो नेता नरेंद्र मोदी और अमित शाह हैं। उनके बाद जो तीसरे नेता उभर रहे हैं वे योगी...
मोदी व विपक्ष में डाल-डाल, पात-पात!

मोदी व विपक्ष में डाल-डाल, पात-पात!

फरवरी में अमृतपाल, मार्च में राहुल गांधी तो अप्रैल में अतीक अहमद और मई में कर्नाटक व यूपी चुनाव। एक के बाद एक मोदी-शाह के मीडिया मैनेजमेंट की इन...
कर्नाटक में हारेंगे, पर यूपी में योगीजी जीता देंगे!

कर्नाटक में हारेंगे, पर यूपी में योगीजी जीता देंगे!

29 मार्च को चुनाव आयोग ने कर्नाटक विधानसभा का चुनाव कार्यक्रम घोषित कर 13 मई नतीजे का दिन तय किया
बिहार और हिंदी पट्टी की राजनीति

बिहार और हिंदी पट्टी की राजनीति

आजाद भारत के इतिहास में दो बार- 1977 और 1989 में विपक्ष ने एकजुट होकर सत्तारूढ़ दल को हराया है। दोनों बार के बदलाव में बिहार की बड़ी भूमिका...
कर्नाटक में शह-मात का खेल

कर्नाटक में शह-मात का खेल

कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व तो खैर कमजोर है लेकिन भाजपा का नेतृत्व नरेंद्र मोदी और अमित शाह संभाल रहे हैं।
महाराष्ट्र से समझें देश की राजनीति

महाराष्ट्र से समझें देश की राजनीति

अब महाराष्ट्र की राजनीति को देखने की जरूरत है। महाराष्ट्र की दोनों क्षेत्रीय पार्टियां कमाल की राजनीति कर रही हैं।
हम हिंदू कितना बरदाश्त कर सकते हैं?

हम हिंदू कितना बरदाश्त कर सकते हैं?

वैश्विक पत्रिका ‘द इकोनॉमिस्ट’ में जलवायु परिवर्तन को ले कर एक रिपोर्ट छपी है। शीर्षक है ‘मानव के सहने की सीमा’ (At the limits of human endurance)।
सिंधु-गंगा घाटी का कड़ाव कितना उबलेगा?

सिंधु-गंगा घाटी का कड़ाव कितना उबलेगा?

लोग क्यों कड़ाव में उबलेंगे? एक उपन्यासकार किम स्टेनली रॉबिन्सन ने जलवायु परिवर्तन पर एक किताब लिखी है। शीर्षक है 'द मिनिस्ट्री फॉर द फ्यूचर'।
भ्रष्टाचार बरदास्त ही नहीं वह तो जीवन!

भ्रष्टाचार बरदास्त ही नहीं वह तो जीवन!

लोगों के लिए रिश्वत लेना और देना दोनों सहज, स्वाभाविक और सार्वजनिक शिष्टाचार का हिस्सा लगता है। 
लावारिश सभी मुश्किलों को बरदास्त भ्रष्टाचार के कारण हैं

लावारिश सभी मुश्किलों को बरदास्त भ्रष्टाचार के कारण हैं

भारत में रिश्वत की लेन-देन ने लोगों का जीवन कुछ मामलों में आसान बनाया है, लेकिन देश की सामूहिक बुद्धी इस बात को नहीं समझती हैं कि उनकी सारी...
गरीबी, बेरोजगारी बरदाश्त करने की अंतहीन सीमा!

गरीबी, बेरोजगारी बरदाश्त करने की अंतहीन सीमा!

इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं तो एक नारा लगता था- आधी रोटी खाएंगे, इंदिरा को जिताएंगे। यानी भूखे रह लेंगे लेकिन इंदिरा गांधी को जिताएंगे। वह दौर अभी तक खत्म...
मोदी की ‘दुकान’ में अमृतपाल का अर्थ?

मोदी की ‘दुकान’ में अमृतपाल का अर्थ?

अमृतपाल और अतीक अहमद के चेहरे भगवा ब्रांड की खरीदारी को कैसे चमकाए हुए हैं यह हम सब जानते है, सामान्य ज्ञान की बात है! 
मोदी का ‘पल’ तो अकाल तख्त, केजरीवाल, राहुल, ममता का भी मोमेंट!

मोदी का ‘पल’ तो अकाल तख्त, केजरीवाल, राहुल, ममता का भी मोमेंट!

जब राष्ट्रसत्ता और राजनीति खरीद फरोख्त की दुकान है तो स्वभाविक जो हर जात, हर धर्म, हर समूह अपने अस्तित्व की चिंता करे।
राहुल के लिए निर्णायक क्षण

राहुल के लिए निर्णायक क्षण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिसे ‘द इंडिया मोमेंट्स’ कहा वह कांग्रेस नेता राहुल गांधी का भी मोमेंट बना है। अमृतकाल राहुल की राजनीति की भी निर्णायक घड़ी है।
ममता का मोमेंट कैसे बनेगा?

ममता का मोमेंट कैसे बनेगा?

तृणमूल कांग्रेस की नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अगले साल यानी 2024 के लोकसभा चुनाव के समय 69 साल की होंगी।
केजरीवाल के ठानने का वक्त

केजरीवाल के ठानने का वक्त

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी राजनीतिक यात्रा के बिल्कुल शुरुआती दिनों में लक्ष्य बनाया था कि उनको नरेंद्र मोदी का विकल्प बनना है।
2024 में भारत बिना विपक्ष का दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र?

2024 में भारत बिना विपक्ष का दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र?

सन् 2024 भारत का टर्निंग प्वाइंट है। दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बिना विपक्ष के होगा। नोट रखें मेरी इस बात को कि सन् 2024 के लोकसभा चुनाव में...
विपक्षी पार्टियां हारेंगी या टूटेंगी!

विपक्षी पार्टियां हारेंगी या टूटेंगी!

भाजपा की पुरानी रणनीति है कि प्रादेशिक पार्टियों को या तो हरा कर खत्म करना है या तोड़ कर खत्म करना है।
बतौर प्रयोगशाला बिहार

बतौर प्रयोगशाला बिहार

भाजपा ने जो काम महाराष्ट्र में शिव सेना के साथ किया वही काम बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में करने की तैयारी थी।
एजेंसियों के जरिए टेंटुआ दबाना है

एजेंसियों के जरिए टेंटुआ दबाना है

कितने विपक्षी या पक्ष-विपक्ष से तटस्थ नेताओं की गर्दन पर केंद्र सरकार यानी प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के पांव हैं।
जो झुकेगा नहीं वह टूटेगा

जो झुकेगा नहीं वह टूटेगा

विपक्ष की जो पार्टी भाजपा के साथ समझौता नहीं करेगी और उसको प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से मदद नहीं पहुंचाएगी उसके नेताओं की खैर नहीं है।
चीन के कारण चौतरफा घिरा भारत

चीन के कारण चौतरफा घिरा भारत

चीन की वजह से भारत का ओवरऑल रक्षा खर्च बढ़ रहा है, भारत का कुल रक्षा बजट 72.6 अरब डॉलर का है, जबकि चीन का रक्षा बजट 225 अरब...
देश, समाज पर कोरोना का बड़ा असर

देश, समाज पर कोरोना का बड़ा असर

देश में आर्थिक असमानता बढ़ी, गरीबी में इजाफा हुआ और सरकार के ऊपर लोगों की निर्भरता बढ़ी, कोरोना महामारी के समय महानगरों और बड़े शहरों में लाखों की संख्या...
कोरोना से बदली आर्थिक व्यवस्था

कोरोना से बदली आर्थिक व्यवस्था

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने छह राज्यों को चिट्ठी लिख कर हिदायत दी है कि उनके यहां कोरोना बढ़ रहा है और ऐहतियात बरतनी चाहिए।
न सतह पर ठीक और न सतह से नीचे! भारत में भी!

न सतह पर ठीक और न सतह से नीचे! भारत में भी!

भारत की हकीकत बूझें। कोविड से भारत में लोगों की लावारिस मौतों का पहलू खौफनाक अनुभव था।
कोविड (चीन) से तबाह, बदली दुनिया!

कोविड (चीन) से तबाह, बदली दुनिया!

एक महामारी ने पूरी पृथ्वी और इक्कीसवीं सदी का कैसा भुर्ता बनाया है, इसकी गहराई में जाएं तो लगेगा मानो बरबादी की सदी, दूसरी बात, वायरस के अलावा चीन...
हिंदू विकास दर पर बिलबिलाना!

हिंदू विकास दर पर बिलबिलाना!

सोचें अमृत काल बनाम हिंदू विकास दर पर! हिंदू विकास दर मतलब हिंदुओं के आगे बढ़ने की कछुआ रफ्तार।
हिंदू विकास दर का सच

हिंदू विकास दर का सच

भारत की सच्चाई का नाम है हिंदू विकास दर! इसका प्रमाण क्या है और इससे विकास हुआ कहां है?
जीडीपी के आंकडे और इंडियागेट, एम्स के चेहरे!

जीडीपी के आंकडे और इंडियागेट, एम्स के चेहरे!

अब जरा करोलबाग-रैगरपुरा के सोमवार बाजार को देंखे। सोमवार की छुट्टी के दिनतीस साल पहले भी फुटपाथ बाजार लगाता था।