Monday

14-04-2025 Vol 19
कांग्रेस को घर ठीक करना है

कांग्रेस को घर ठीक करना है

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कर्नाटक के बेलगावी में कांग्रेस कार्य समिति की विशेष बैठक में कहा कि 2025 का साल कांग्रेस संगठन में बदलाव और मजबूती का होगा।
क्षत्रप करेंगे नेतृत्व का फैसला

क्षत्रप करेंगे नेतृत्व का फैसला

नए साल में कई क्षत्रपों को अपना उत्तराधिकारी तय करना है। ध्यान रहे इस साल दिल्ली में विधानसभा चुनाव हैं और साल के अंत में बिहार में चुनाव होना...
नीतीश, नवीन की पार्टी पर भाजपा की नजर

नीतीश, नवीन की पार्टी पर भाजपा की नजर

नवीन पटनायक इस साल 79 साल के होंगे। तभी इस बात की संभावना कम है कि वे चार साल बाद 2029 के चुनाव में पार्टी का नेतृत्व बहुत सक्रियता...
अरे, कुछ तो सच्चाई बूझो!

अरे, कुछ तो सच्चाई बूझो!

कौम और देश के दिमाग को मानों दीमक ने खा लिया हो! लोगों को समझ ही नहीं आ रहा कि वे किस अनुपात में लूटे जा रहे है!
हवा, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य सब खराब!

हवा, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य सब खराब!

भूल जाए कि भारत निकट भविष्य में विकसित देश बनेगा। लंबे समय तक भारत मध्य आय वाला देश रहेगा क्योंकि पूरी अर्थव्यवस्था उसी के चक्र में फंस गई है।
देश की सेहत और शेयर बाजार!

देश की सेहत और शेयर बाजार!

नरेंद्र मोदी के राज में मध्यवर्ग की संख्या और शेयर बाजार की तेजी का मामला पहेली जैसा है।
ऐसी असमानता और ऐसा शोषण

ऐसी असमानता और ऐसा शोषण

भारत की अर्थव्यवस्था पहले भी पिरामिड की शक्ल में थी, जिसमें शीर्ष पर कुछ लोगों के पास सारी संपत्ति संचित थी, जबकि नीचे के लोग मामूली जरुरतों के मोहताज...
अब सारी राजनीति अडानी के ईर्द गिर्द

अब सारी राजनीति अडानी के ईर्द गिर्द

भारतीय जनता पार्टी के नेता और सोशल मीडिया में भाजपा का इकोसिस्टम यह सवाल उठा सकता है कि गौतम अडानी से जुड़ा हर विवाद संसद के किसी न किसी...
एक कारोबारी कितने देशों में बदनाम

एक कारोबारी कितने देशों में बदनाम

भारत के कारोबारी आमतौर पर दुनिया के दूसरे देशों में कारोबार करने नहीं जाते हैं। उनको पता है कि भारत जैसा क्रोनी कैपिटलिज्म दुनिया के ज्यादातर देशों में नहीं...
चीन के सहारे सौर ऊर्जा में आत्मनिर्भरता

चीन के सहारे सौर ऊर्जा में आत्मनिर्भरता

अमेरिका में जांच के हवाले गौतम अडानी की ग्रीन ऊर्जा कंपनी की जो पोल खुली है उसमें एक पहलू तो रिश्वत देकर राज्यों के साथ पावर परचेज एग्रीमेंट का...
ट्रंप को कितना पटाएंगे?

ट्रंप को कितना पटाएंगे?

जगत गुरू और जगत सेठ को अब अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का आसरा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘दोस्त’ ट्रंप को चुनाव जीतते ही बधाई दी थी।
जांच कैसे होगी, कौन कराएगा?

जांच कैसे होगी, कौन कराएगा?

गौतम अडानी ने जब भारत सरकार के सार्वजनिक उपक्रम सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के साथ करार कर लिया
अमेरिका में हिंदुओं को क्या मिलेगा?

अमेरिका में हिंदुओं को क्या मिलेगा?

US Presidential Election: दुनिया के अधिकतर सभ्य, विकसित और लोकतांत्रिक देशों में जिस एक कौम को सबसे ज्यादा सम्मान और प्रेम के साथ स्वीकार किया जा रहा था
नेपाल में परेशान हैं भारतीय

नेपाल में परेशान हैं भारतीय

नेपाल एक समय हिंदू राष्ट्र था। दोनों देशों के लोगों के बीच रोटी, बेटी का संबंध था। जनकपुर धाम नेपाल में है, जिसे भगवान राम की ससुराल मानते हैं।
कनाडा से हिंदू कब भागेंगे?

कनाडा से हिंदू कब भागेंगे?

हिंदू ध्वजधारी डॉ. कौशिक से बात हुई! वे वानप्रस्थ के उत्तरार्ध में हैं।
बांग्लादेश में हिंदुओं की दुर्दशा

बांग्लादेश में हिंदुओं की दुर्दशा

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार, सात नवंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बांग्लादेश की सरकार से कहा कि वह हिंदुओं पर हमला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई...
सामाजिक सुरक्षा की जगह रेवड़ी

सामाजिक सुरक्षा की जगह रेवड़ी

दुनिया के सभ्य, विकसित और लोकतांत्रिक देशों ने अपने नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा का कवच उपलब्ध कराया है। उन्हें मुफ्त में अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधा मिलती है।
क्या यह शासन है?

क्या यह शासन है?

उफ! यह बदनामी! और वह भी नरेंद्र मोदी और अमित शाह की वैश्विक बदनामी! जबकि इनका अपना शासन है और नरेंद्र मोदी दुनिया के कथित विश्वगुरू हैं।
नीति का तो काम ही क्या!

नीति का तो काम ही क्या!

कभी भारत में एक नीति आयोग हुआ करता था। नीतियों की घोषणाओं की प्रेस कॉन्फ्रेस हुआ करती थी। संसदीय कमेटियों में विचार और जानकारों व जनता की फीडबैक पर...
गैंग्स ऑफ इंडिया

गैंग्स ऑफ इंडिया

भारत के गुंडा गिरोहों का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है। एक समय मुंबई में हाजी मस्तान, करीम लाला, वर्धा भाई आदि के गैंग्स हुआ करते थे।
अंबानी-अडानी, खरबपतियों का चंदा कहां?

अंबानी-अडानी, खरबपतियों का चंदा कहां?

मोटा मोटी मोदी सरकार की इलेक्टोरल बॉन्ड योजना में जुआरियों, सटोरियों, काला बाजारियों और ठेकेदारों से ही चुनाव और राजनीति के नाम पर वसूली हुई दिखती है। Electoral Bonds...
भाजपा में दूसरी पार्टियों पर नजरिया

भाजपा में दूसरी पार्टियों पर नजरिया

भारतीय जनता पार्टी ने राजनीतिक दलों की कई श्रेणियां बना रखी हैं। एक श्रेणी ऐसी पार्टियों की है, जिनके साथ भाजपा के अतीत में अच्छे संबंध रहे हैं
चेहरा ‘कमल’ या नरेंद्र मोदी?

चेहरा ‘कमल’ या नरेंद्र मोदी?

2023-24 के अपने आखिरी चुनाव में वे उलटे और ज्यादा भाजपा को एकेश्वरवादी मतलब एक अकेले मोदी की पार्टी बना दे रहे है।
पुराने ढर्रे की विपक्षी राजनीति

पुराने ढर्रे की विपक्षी राजनीति

कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियां अनगिनत चुनाव हारने के बाद भी समझ नहीं रही हैं कि उनके चुनाव लड़ने के तरीके में कुछ कमी है। वे हर बार कोई...
हत्या का आरोप भारत की शान और नरेंद्र मोदी का अवसर!

हत्या का आरोप भारत की शान और नरेंद्र मोदी का अवसर!

भारत पर हत्या का वैश्विक आरोप है और उस पर भारत का सोशल मीडिया, भक्त हिंदू यह हुंकारा मारते हुए हैं कि भारत बाहुबली! वैश्विक बदनामी भारत के शौर्य...
मोदी की बेफिक्री या गणित?

मोदी की बेफिक्री या गणित?

जस्टिन ट्रूडो से बातचीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर, सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल ने समय रहते संकट प्रबंधन क्यों नहीं किया?
जिसमें दम है वह मारता है!

जिसमें दम है वह मारता है!

खालिस्तानी आतंकवादी और राष्ट्रीय जांच एजेंसी, एनआईए की वांछित सूची में शामिल रहा हरदीप सिंह निज्जर अकेला नहीं है, जो विदेशी धरती पर मारा गया है।
चीन ने पश्चिम को उकसा रहा!

चीन ने पश्चिम को उकसा रहा!

दोनों ने पश्चिमी देशों को उकसाने वाले बयान दिए हैं और भारत को एक दुष्ट देश के रूप में पेश करने का प्रयास किया है।
महात्मा गांधी मजबूरी हैं

महात्मा गांधी मजबूरी हैं

पिछले कुछ बरसों में पंडित जवाहर लाल नेहरू के साथ साथ जिस महान हस्ती को विलेन बनाने की कोशिश की गई है वह महात्मा गांधी हैं।
ब्रिक्स तो चीन का ही फ्रंट है

ब्रिक्स तो चीन का ही फ्रंट है

चंद्रयान-तीन की सफलता, राष्ट्रवाद के उफान और मोदी के विश्व नेतृत्व के बीच यह नहीं देखा जा रहा है कि पांच देशों के समूह ब्रिक्स के विस्तार की कूटनीति...
मणिपुर मामले को स्पिन देना आसान नहीं

मणिपुर मामले को स्पिन देना आसान नहीं

इन दिनों हर पार्टी को ऐसे स्पिन डॉक्टर्स की जरूरत होती है, जो किसी भी घटना को दूसरा टर्न दे सके। मूल घटना पर से ध्यान हटा कर उसके...
हिंदी प्रदेशों में विपक्ष हारेगा!

हिंदी प्रदेशों में विपक्ष हारेगा!

इस गपशप को मई 24 तक सेव रखें। तब हिसाब लगा सकेंगे कि कर्नाटक की जीत के बाद कांग्रेस और विपक्ष ने अपने हाथों अपने पांवों पर कब-कब कुल्हाड़ी...
क्या राजस्थान, मप्र, छतीसगढ़ में कांग्रेस जीतेगी?

क्या राजस्थान, मप्र, छतीसगढ़ में कांग्रेस जीतेगी?

सवाल पर जरा मई 2024 की प्रधानमंत्री मोदी की चुनावी परीक्षा के संदर्भ में सोचें। तो जवाब है कतई नहीं। इन राज्यों में कांग्रेस को लोकसभा की एक सीट...
बिहार, झारखंड में क्या होगा?

बिहार, झारखंड में क्या होगा?

केंद्र में किसी सत्तारूढ़ दल के खिलाफ जब भी साझा राजनीति की बात होती है और बदलाव होजाता है तो सबसे अहम भूमिका बिहार की होती है।
जात और आरक्षण से भाजपा की मुश्किल

जात और आरक्षण से भाजपा की मुश्किल

तीन दशक पहले भारत में मंडल बनाम कमंडल की राजनीति शुरू हुई थी। हैरानी की बात है कि अब भी यह उत्तर भारत की राजनीति का कोर तत्व है।
पुतिन, जिनफिंग से पल्ला छूटा?

पुतिन, जिनफिंग से पल्ला छूटा?

भारत ने रूस-चीन की उस धुरी से पिंड छुड़ाने का वैश्विक मैसेज दिया है, जिससे पश्चिम की ठनी है।
मोदी हों या राहुल,  सबका मक्का अमेरिका-लंदन!

मोदी हों या राहुल, सबका मक्का अमेरिका-लंदन!

भारत की विदेश नीति में जितना पाखंड, दिखावा और विश्वगुरू बनने की जुमलेबाजी हुई वह रिकार्ड है।
मोदी और राहुल का फर्क

मोदी और राहुल का फर्क

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब विदेश दौरे पर जाते हैं तो हर देश में सैकड़ों लोगों की भीड़ उनका स्वागत करने के लिए उमड़ती है।
ऑस्ट्रेलिया यात्रा से क्या हासिल?

ऑस्ट्रेलिया यात्रा से क्या हासिल?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर क्यों गए, यह यक्ष प्रश्न है। उनको चार देशों के समूह क्वाड की बैठक में हिस्सा लेने के लिए ऑस्ट्रेलिया जाना था।
नौ वर्षो की बरबादियां!

नौ वर्षो की बरबादियां!

तय कर सकना मुश्किल है। इसलिए भी क्योंकि मैं नोटबंदी के बाद से प्रधानमंत्री मोदी और उनकी रीति-नीति का आलोचक हूं।
मोदी की नौ उपलब्धियां!

मोदी की नौ उपलब्धियां!

उफ, वक्त ! पल-पल स्यापा, फिर भी गुजर गए नौ वर्ष। पता नहीं नौ वर्षों में 140 करोड़ लोगों में कितनों के दिन अच्छे थे कितनों की रात लंबी।
जुमले गढ़ने में बीते नौ साल

जुमले गढ़ने में बीते नौ साल

नरेंद्र मोदी ने मई 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से वैसे तो सैकड़ों योजनाओं की घोषणा की है।
पीएम, सीएम, डीएम का सत्ता केंद्रीकरण!

पीएम, सीएम, डीएम का सत्ता केंद्रीकरण!

हाल में भारत में लोकतंत्र और विकेंद्रित शासन व्यवस्था के अहम पड़ाव थे। पिछले साल आजादी के 75 साल पूरे हुए। धूमधाम से आजादी का अमृत महोत्सव मना।
सत्ता जनविरोधी और बुद्धीनाशी

सत्ता जनविरोधी और बुद्धीनाशी

व्यंग में वैसे लिखना चाहिए कि अच्छा है जो प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री और रेल मंत्री सब संघ-भाजपा के वोट आधार पर खुद कुल्हाडी चला रहे है।
बुद्धीनाशी राजनीति से रैवडियों का जंजाल!

बुद्धीनाशी राजनीति से रैवडियों का जंजाल!

केंद्र सरकार की गंगौत्री की देखादेखी हर प्रदेश सरकार अपनी-अपनी रैवडियां बना रही है।
जीएसटी वसूली पर बेसुध जनता का जश्न!

जीएसटी वसूली पर बेसुध जनता का जश्न!

भारत संभवतः दुनिया का पहला देश होगा जहां सरकार टैक्स वसूली के भारी भरकम आंकड़े उपलब्धि के तौर पर जारी करती है और भक्त जनता उसका जश्न मनाती है।
एक ही मुर्गी बार-बार कई जगह हलाल!

एक ही मुर्गी बार-बार कई जगह हलाल!

वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स लगाने के बारे में पूछा जाता है तो उसका एक सपाट जवाब होता है कि वह टैक्स के पैसे का इस्तेमाल जनता की भलाई...
जनता के पैसे से बैंक मालामाल!

जनता के पैसे से बैंक मालामाल!

सरकार की ओर से इस बात का जोर शोर से प्रचार है कि पिछले नौ सालों में बैंकों की स्थिति ठीक हुई है। उनकी बैलेंस शीट अच्छी हुई है।