Monday

10-03-2025 Vol 19

संपादकीय कॉलम

ब्रिटेन में ये हाल क्यों?

ब्रिटेन में ये हाल क्यों?

ब्रिटेन जैसे विकसित समाज में नफरती जज्बातों से भरपूर दंगे होंगे, कभी यह सोचना मुश्किल हो सकता था।
बाघ भी शिकार बने

बाघ भी शिकार बने

हेडलाइन मैनेजमेंट और अवधारणा प्रबंधन के इस दौर का शिकार भारत के बाघ भी बने हैं।
ढाका से लेगोस तक

ढाका से लेगोस तक

इन घटनाओं से संदेश मिला है कि जिन नीतियों पर वर्षों में सत्ता प्रतिष्ठानों ने अमल किया, साधारण जनता उनसे बुरी तरह प्रभावित हुई है।
शासकीय औचित्य का प्रश्न

शासकीय औचित्य का प्रश्न

बांग्लादेश में फिर भड़की हिंसा का संदेश है कि देश की आबादी के एक बड़े तबके ने प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजेद और उनकी सरकार के शासकीय औचित्य को ठुकरा...
हाथ से निकलते हालात

हाथ से निकलते हालात

यह तो साल भर पहले ही जाहिर होने लगा था कि केंद्र की लापरवाही के कारण मणिपुर में हालात हाथ से निकल रहे हैं।
टैक्स नोटिस का आतंक

टैक्स नोटिस का आतंक

यह तो इंफोसिस कंपनी का रुतबा और सत्ता के ऊंचे हलकों तक पहुंच है, जिससे उसे भेजे गए जीएसटी नोटिस से राहत मिलती दिख रही है।
बदले वक्त का तकाजा

बदले वक्त का तकाजा

एससी/एसटी आरक्षण के अंदर जातियों के वर्गीकरण से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर “सामाजिक न्याय” की पैरोकार पार्टियों के बीच मतभेद देखने को मिला है।
असहज करने वाली बात

असहज करने वाली बात

हाल में बांग्लादेश के छात्र आंदोलन के दौरान भारतवासियों को असहज कर देने वाले इस तथ्य पर रोशनी पड़ी कि अब बड़ी संख्या में भारतीय छात्र मेडिकल की पढ़ाई...
गडकरी की जायज मांग

गडकरी की जायज मांग

गुजरे दस साल में यह शायद पहला मौका है, जब नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल के एक वरिष्ठ सदस्य ने एक सरकारी कदम को वापस लेने की अपनी मांग को सार्वजनिक...
वायनाड की त्रासदी

वायनाड की त्रासदी

पर्यावरण विशेषज्ञ दशकों से चेतावनी दे रहे हैं कि उस क्षेत्र में मानवीय गतिविधियों- खासकर निर्माण कार्यों से प्राकृतिक संतुलन पर खराब असर पड़ा है।
सरकार इतनी लाचार क्यों?

सरकार इतनी लाचार क्यों?

अब भारतीय उद्योगपति ही इन उत्पादों को इस्तेमाल के लायक नहीं मानते, तो विदेशी बाजारों में उन्हें कितना वजन मिलेगा?
मास्को से टोक्यो तक

मास्को से टोक्यो तक

प्रधानमंत्री ने इस महीने रूस की यात्रा की, जिस पर अमेरिका में तीखी प्रतिक्रिया देखी गई।
राहुल गांधी का आगमन

राहुल गांधी का आगमन

भारत के राजनीतिक परिदृश्य पर केंद्रीय भूमिका वाले एक नेता के रूप में राहुल गांधी का आगमन हो गया है
लापरवाही आपराधिक है

लापरवाही आपराधिक है

नई दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में राउ आईएएस कोचिंग सेंटर में घुसा सीवर का पानी भारत में भ्रष्टाचार और जवाबदेही के अभाव के कारण दांव पर लगती जिंदगियों...
यकीन है, उम्मीद है!

यकीन है, उम्मीद है!

वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने एक मीडिया इंटरव्यू में भरोसा जताया है कि केंद्रीय बजट में घोषित रोजगार और कौशल प्रशिक्षण की योजनाएं इसी वित्त वर्ष में शुरू हो...
उपयोगिता का सवाल है

उपयोगिता का सवाल है

ममता बनर्जी ने नीति आयोग की बैठक में जाने का फैसला किया। मगर वे बीच में ही बैठक से वॉकआउट कर गईं।
ऐसी असहनशीलता!

ऐसी असहनशीलता!

बिहार में इसलिए एमएलसी सदस्य सुनील सिंह की विधान परिषद सदस्यता रद्द कर दी गई कि उन्होंने कथित तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मखौल उड़ाया था।
वो पैमाना याद रहे

वो पैमाना याद रहे

शुक्रवार से पेरिस में 29वें ओलिंपिक खेल शुरू होंगे, तो स्वाभाविक है कि भारत में लोगों का ध्यान अपने देश के पदक दावेदारों पर होगा।
ग्रोथ पर यकीन नहीं?

ग्रोथ पर यकीन नहीं?

उनकी बातों का मतलब है कि भारत की वृद्धि दर पर संदेह मुख्यधारा राजनीति और उसके माध्यम से अब संसद के अंदर तक पहुंच गया है।
खुशनुमा सुर्खियों के नीचे

खुशनुमा सुर्खियों के नीचे

आर्थिक सर्वेक्षण (2023-24) रिपोर्ट में दिए गए विवरण आम जन की बढ़ती मुसीबतों से मुलाकात करा देते हैं।
भारत की चीन दुविधा

भारत की चीन दुविधा

सर्वे में राय जताई गई है कि सामग्रियों के आयात पर पूरी निर्भरता के बजाय बेहतर होगा कि वहां की पूंजी को भी भारत आने दिया जाए।
क्राउड-‘स्ट्राइक’ के बाद

क्राउड-‘स्ट्राइक’ के बाद

पिछले हफ्ते माइक्रोसॉफ्ट विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम से संचालित कंप्यूटर सिस्टम्स के अवरुद्ध होने से कितना नुकसान हुआ, इसका आकलन धीरे-धीरे सामने आ रहा है।
बाइडेन ने देरी की

बाइडेन ने देरी की

बाइडेन ने कमला हैरिस को अपना समर्थन देने की घोषणा की है। लेकिन अभी इस बारे में बहुत दांव खेले जाने हैं।
बांग्लादेश से सबक लें

बांग्लादेश से सबक लें

बांग्लादेश का नेतृत्व दो साल पहले श्रीलंका में हुई राजनीतिक उथल-पुथल से सबक लेता, तो संभवतः फिलहाल वहां आज जैसी हिंसक परिस्थितियां पैदा नहीं होतीं।
वक्त बर्बाद ना करें

वक्त बर्बाद ना करें

संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है, तो सामान्य यही अपेक्षा होगी कि इसमें चर्चा आर्थिक मुद्दों पर केंद्रित रहे।
अंधेरे में सारे तीर

अंधेरे में सारे तीर

मोटे तौर पर उन्होंने उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में हार और कुछ राज्यों में लगे झटकों की वजह भाजपा की अंदरूनी कमजोरियों को माना है।
संदेह के दायरे में

संदेह के दायरे में

यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश के सर्वोच्च प्रशासनिक पदों पर नियुक्ति का दायित्व निभाने वाला संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) पर भी अब संदेह से साये पड़ गए हैं।
हाल इतना बदहाल है!

हाल इतना बदहाल है!

थाली दूर होने की बड़ी वजह खाद्य पदार्थों की महंगाई है, जिसकी दर लगातार लगभग नौ प्रतिशत के करीब बनी हुई है।
गलत दवा से इलाज

गलत दवा से इलाज

बेरोजगारी का ठोस हल सिर्फ यह है कि वास्तविक अर्थव्यवस्था में निवेश बढ़े, जिससे धीमा पड़े आर्थिक चक्र में गति आएगी।
चांद लाने जैसी बात

चांद लाने जैसी बात

गरीबों को पहले तो चंद्र बाबू नायडू का शुक्रगुज़ार होना चाहिए कि उन्होंने उनके वजूद से इनकार नहीं किया।
ट्रंप की कार्बन कॉपी

ट्रंप की कार्बन कॉपी

वे अमेरिकी ईसाइयों को याद दिलाते हैं कि ईसा मसीह का जन्म आज की ‘इजराइली भूमि’ पर ही हुआ था। उस स्थान की पवित्रता बनी रहे, इसलिए वहां इजराइल...
कुदरती इंसाफ के खिलाफ

कुदरती इंसाफ के खिलाफ

नक्सल या ऐसी किसी गतिविधि के खिलाफ कदम उठाना सरकार की जिम्मेदारी है, जिसमें सशस्त्र तरीके से भारतीय राज्य को चुनौती दी जाती हो।
रुख सबको बताना होगा

रुख सबको बताना होगा

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री से वेल्थ टैक्स प्रस्ताव पर रुख साफ करने को कहा है। यह उचित मांग है, क्योंकि इस वर्ष के जी-20 शिखर सम्मेलन में यह मुद्दा विचार...
जब माहौल ज़हरीला हो

जब माहौल ज़हरीला हो

अमेरिका में तीखे राजनीतिक ध्रुवीकरण के कारण माहौल जिस हद तक ज़हरीला बना हुआ है, उसके बीच ऐसे आरोपों का दूरगामी प्रभाव हो सकता है।
नाराजगी अब ट्रेंड है

नाराजगी अब ट्रेंड है

महंगाई, बेरोजगारी और सामान्य अवसरहीनता अब आम मतदाताओं के राजनीतिक निर्णय को प्रेरित कर रहे हैं।
हताशा का ये आलम

हताशा का ये आलम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मास्को यात्रा के दौरान उन भारतीय नौजवानों का मामला उठाया, जिन्हें रूस ले जाकर वहां यूक्रेन के खिलाफ लड़ाई में झोंक दिया गया।
प्रगति की दिशा में

प्रगति की दिशा में

अल्पसंख्यक समुदाय का कोई व्यक्ति इसके तहत न्याय पाना चाहे, तो अदालतें उसकी अर्जी को स्वीकार करेंगी।
मास्को यात्रा का सार

मास्को यात्रा का सार

भारत-रूस दोनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मास्को यात्रा को सफल बताया है। लेकिन सफलता को मापने के दोनों के संभवतः अलग-अलग पैमाने हैं।
यही तो समस्या है

यही तो समस्या है

भारत में वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान विभिन्न कारोबारों में बाजार केंद्रीकरण और बढ़ा।
कुलगाम के बाद कठुआ

कुलगाम के बाद कठुआ

दो दिन बाद- आठ जुलाई की रात कठुआ में सेना के कारवां पर आतंकवादियों ने और भी ज्यादा घातक हमला किया।
बिगड़ती हालत की तस्वीर

बिगड़ती हालत की तस्वीर

भारत के रोजगार की हालत खराब है, लेकिन यह बदहाली सिर्फ औपचारिक क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है। अनौपचारिक क्षेत्र में हालत बदतर है।
फ्रांस ने दिया फॉर्मूला

फ्रांस ने दिया फॉर्मूला

पहले दौर के मतदान में नेशनल रैली ही पहले नंबर पर रही, मगर दूसरा स्थान एनपीएफ ने हासिल कर लिया।
अब भी गर्व है?

अब भी गर्व है?

यह उस देश का हाल है, जहां “तेजी से विकसित होते इन्फ्रास्ट्रक्चर” की कहानियां इस तरह फैली हैं कि देशवासी अक्सर उस पर गर्व करते दिखते हैं।
मोदी की रूस यात्रा

मोदी की रूस यात्रा

यूक्रेन में रूस की विशेष सैनिक कार्रवाई शुरू होने के बाद यह मोदी का पहला रूस दौरा है।
इल्जाम में दम है

इल्जाम में दम है

कांग्रेस ने सेल फोन और इंटरनेट सेवा क्षेत्र में ऑलिगोपॉली कायम होने का संगीन इल्जाम लगाया है।
धार चूक गई है

धार चूक गई है

संभवतः चर्चा के इसी स्तर के कारण चूकी हुई धार के साथ भी नरेंद्र मोदी सत्ता के समीकरण में सबसे आगे बने हुए हैँ।
नेपाल में सियासी प्रहसन

नेपाल में सियासी प्रहसन

नेपाल में फिर नई सरकार बनने जा रही है। नवंबर 2022 में जब पिछला आम चुनाव हुआ, तब उसके बाद से- यानी डेढ़ साल में यह पांचवीं सरकार होगी।
मानव की गरिमा नहीं

मानव की गरिमा नहीं

हाथरस में भक्ति भाव से प्रवचन सुनने गए हजारों लोगों के बीच भगदड़ मचने के बाद जो दृश्य वहां से सामने आए, वे हृदयविदारक हैं।