संपादकीय कॉलम

November 21, 2024
संपादकीय कॉलम
अब आगे की बात
सेनाओं के बीच आमने-सामने तैनाती की सूरत खत्म हो गई है, इसलिए भारत सरकार की राय में बुनियादी मसला हल हो गया है

November 20, 2024
संपादकीय कॉलम
2024 का सियासी पैगाम
प्यू के सर्वे में 24 देशों में अधिकांश लोगों ने कहा कि लोकतंत्र का आकर्षण कम हो रहा है।

November 20, 2024
संपादकीय कॉलम
वित्तीयकरण का जोर
विभिन्न कंपनियों की सालाना रिपोर्टों का निष्कर्ष है कि भारतीय कारोबार जगत में अब सबसे ज्यादा मुनाफा बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं, और बीमा क्षेत्रों से जुड़ी कंपनियां कमा रही हैं।

November 19, 2024
संपादकीय कॉलम
रिश्तों में बढ़ते पेच
मोहम्मद युनूस ने शेख हसीना को प्रत्यर्पित कराने का इरादा जताया है।

November 19, 2024
संपादकीय कॉलम
मणिपुर की आवाज सुनें
हालात ऐसे बने हैं कि खुद बीरेन सिंह सरकार ने केंद्र से अफस्पा वापस लेने का अनुरोध किया है।

November 18, 2024
संपादकीय कॉलम
इसलिए छाया है धुआं
भारत अब दुनिया प्रति वर्ष सबसे ज्यादा कार्बन उत्सर्जन करने वाला देश बन गया है। भारत का उत्सर्जन चीन की तुलना में 22 गुना तेजी से बढ़ रहा है।

November 18, 2024
संपादकीय कॉलम
अंदेशों के साये में
न्यूनतम अंतरराष्ट्रीय टैक्स व्यवस्था, यूक्रेन और गजा में जारी युद्धों, और अमेरिका-चीन टकराव जैसे मुद्दों पर समूह के अंदर आम सहमति नहीं है।

November 15, 2024
संपादकीय कॉलम
देर से दुरुस्त फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने उचित व्यवस्था दी है कि भले ही कोई व्यक्ति किसी अपराध के लिए दंडित हो चुका हो, लेकिन उसकी वैध संपत्ति को नहीं तोड़ा जा सकता।

November 15, 2024
संपादकीय
डायबिटीज का विकराल रूप
यह अवश्य कहा जाएगा कि डायबिटीज जिस तेजी से फैली है, उसके अनुरूप चिकित्सा सुविधाएं फैलाने के तकाजे को नजरअंदाज किया गया है।

November 14, 2024
संपादकीय कॉलम
महंगाई ने मारा डाला है
कोरोना महामारी के बाद से गणना की जाए, तो तमाम जरूरी चीजें दो से तीन गुना तक महंगी हो चुकी हैं

November 14, 2024
संपादकीय कॉलम
भारतीयों कुछ भी खा लेंगे?
अध्ययन में पाया गया कि भारत जैसे कम आय वाले देशों में जो खाद्य और पेय उत्पाद बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियां बेच रही हैं

November 13, 2024
संपादकीय
निष्पक्ष दिखना जरूरी है
ई-कॉमर्स क्षेत्र की फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसी कंपनियों ने भारतीय कानून को तोड़ा हो, तो बेशक उन पर प्रावधान के अनुरूप सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

November 13, 2024
संपादकीय
क्या मणिपुर बेकाबू है?
मणिपुर में हफ्ते भर के अंदर जैसी हिंसा हुई है, उनसे यह सहज सवाल उठता है कि क्या इस राज्य पर किसी का नियंत्रण नहीं है?

November 12, 2024
संपादकीय कॉलम
वोट खरीदने की होड़
राजनीतिक दल जिस रास्ते पर चले हैं, उससे साफ है कि और कर्ज लेकर ऋण चुकाने के अलावा महाराष्ट्र के सामने कोई विकल्प नहीं रहेगा।

November 12, 2024
संपादकीय कॉलम
रिपोर्ट अनेक, संकेत एक
Economy crisis: देहाती इलाकों में कर्ज के बोझ तले दबे परिवारों की संख्या में साढ़े चार प्रतिशत इजाफा हुआ है।

November 11, 2024
संपादकीय कॉलम
कनाडा में बढ़ती मुश्किलें
ऐसा लगता है कि हालिया घटनाओं की रोशनी में कनाडा और उसके साथी देशों में राय बनी है कि भारत का अंदरूनी सांप्रदायिक टकराव अब निर्यात होकर उनके यहां...

November 11, 2024
संपादकीय कॉलम
जलवायु सम्मेलन का रस्म
ऊर्जा का सबसे ज्यादा उपभोग करने वाले धनिक वर्ग अपने जीवन स्तर में किसी कटौती के लिए तैयार नहीं हैं।

November 08, 2024
संपादकीय कॉलम
ये थाली किसकी चिंता?
महंगाई बढ़ने और उसके अनुरूप आमदनी ना बढ़ने पर पहली कोशिश भोजन को अप्रभावित रखने की होती है।

November 07, 2024
संपादकीय कॉलम
डॉनल्ड ट्रंप की वापसी
जो बाइडेन व कमला हैरिस प्रशासन ने अपने ही कई फैसलों और नीतियों से खुद अपने समर्थन आधार की जड़ें कमजोर की थी।

November 07, 2024
संपादकीय कॉलम
चुनौती बहुत बड़ी है
कनाडा से संबंधित विवाद में फाइव आईज (पंच नेत्र) संधि के सदस्य बाकी चारों देश पूरी तरह कनाडा के साथ हैं।

November 06, 2024
संपादकीय कॉलम
ना गंभीरता, ना ईमानदारी
लोग खुद ही अपनी सेहत को दांव पर लगाने पर आमादा हों, तो उस समाज को आखिर कौन बचा सकता है?

November 06, 2024
संपादकीय कॉलम
खतरनाक बनते हालात
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हिंदू मंदिर के पास हुई हिंसा को अस्वीकार्य बताया है। लेकिन उनकी जिम्मेदारी सिर्फ इसी से पूरी नहीं हो जाती।

November 05, 2024
संपादकीय कॉलम
आशंकाओं से घिरा अमेरिका
आशंका गहरी है कि कल सुबह जो भी नतीजा आएगा, उसे पराजित पक्ष आसानी से स्वीकार नहीं करेगा।

November 05, 2024
संपादकीय कॉलम
चमक पर ग्रहण क्यों?
वित्तीय बाजारों की चमक ही एकमात्र पहलू है, जिस पर भारत के आर्थिक उदय का सारा कथानक टिका हुआ है।

November 04, 2024
संपादकीय कॉलम
टीबी की वापसी क्यों?
टीबी के मामले तेजी से बढ़े हैं। चौंकाने वाली बात है कि जब हमारे पास टीबी को रोकने, पहचानने और इलाज करने के साधन मौजूद हैं

November 04, 2024
संपादकीय कॉलम
मुद्दा दलगत नहीं है
भारत में चुनावी रेवड़ी बांटने की फैलती जा रही आत्मघाती राजनीतिक संस्कृति पर अर्थपूर्ण चर्चा के एक मौके को गंवा दिया गया है।

October 31, 2024
संपादकीय
मां लक्ष्मी कृपा करें!
आज प्रकाश और लक्ष्मी पूजन का दिन है। हिंदू परंपरा में लक्ष्मी धन और समृद्धि की देवी हैं। कहा जाता है कि लक्ष्मी और सरस्वती साथ-साथ नहीं चलतीं।

October 31, 2024
संपादकीय
सोचना कांग्रेस को है
चुनाव की स्वच्छता पर कांग्रेस की ठोस राय क्या है? अगर देश में स्वच्छ चुनाव नहीं हो रहे, तो इस प्रश्न पर उसकी तैयारी क्या है?

October 30, 2024
संपादकीय कॉलम
एक महत्त्वाकांक्षी परियोजना
भारत ने जब विमान निर्माण के क्षेत्र में ऊंची महत्त्वाकांक्षा रखते हुए अब कदम रखा है

October 30, 2024
संपादकीय कॉलम
मीडिया का नया वातावरण
एक अध्ययन रिपोर्ट से संकेत मिला है कि समाज में अपने-अपने “सच” को लेकर लोग किस हद तक दुराग्रहशील होते जा रहे हैं।

October 29, 2024
संपादकीय
जो लोग बेजुबान हैं
गनीमत है कि मुंबई के बांद्रा टर्मिनस स्टेशन पर एक ट्रेन में चढ़ने की धक्का-मुक्की के दौरान मची भगदड़ में 10 मजदूरों के घायल होने की खबर मीडिया की...

October 29, 2024
संपादकीय
जापान में सियासी भूकंप
जापान में नए प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा का मध्यावधि चुनाव कराने का दांव उलटा पड़ा। लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के नेतृत्व वाले सत्ताधारी गठबंधन ने 15 साल बाद बहुमत गंवा...

October 28, 2024
संपादकीय कॉलम
सिकुड़ता हुआ मध्य वर्ग
यह टिप्पणी भारतीय अर्थव्यवस्था की हकीकत बताती है। इससे भाजपा सरकार का “विकसित भारत” का नैरेटिव पंक्चर होता है।

October 28, 2024
संपादकीय कॉलम
इंडिया गठजोड़ का संकट
इंडिया गठबंधन साझा चेहरा और समान मकसद दिखाने में कमजोर पड़ रहा है।

October 25, 2024
संपादकीय कॉलम
कजान में क्या हासिल
शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स देश अपना एक स्वतंत्र सेटलमेंट एवं डिपॉजिट ढांचा बनाने की संभावना का अध्ययन करने के लिए सहमत हुए हैँ।

October 25, 2024
संपादकीय कॉलम
मुलाकात हुई, यही अहम
यह जरूर एक ठोस सहमति है कि सीमा विवाद पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी जल्द ही मिलेंगे।

October 24, 2024
संपादकीय कॉलम
जरूरत राष्ट्रीय बहस की
वैश्विक अनुभव है कि आर्थिक विकास और महिलाओं के सशक्तीकरण के साथ परिवार छोटा रखने की प्रवृत्ति बढ़ जाती है।

October 24, 2024
संपादकीय कॉलम
कमजोर हो रही जड़ें
विश्व में भारत की आज जितनी भी हैसियत है, उसे बनाने में भारत के इंजीनियरों एवं टेक कर्मियों की भूमिका अहम रही है।

October 23, 2024
संपादकीय कॉलम
समाधान के रास्ते पर
भारत- चीन के बीच लद्दाख सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सवा चार साल से जारी गतिरोध के समाधान की दिशा में दोनों देशों ने महत्त्वपूर्ण कदम उठाया...

October 23, 2024
संपादकीय कॉलम
सोने-चांदी का गरम बाजार
दुनिया भर में सोना और चांदी के भाव तेजी से चढ़े हैं। विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंक सोने की थोक भाव में खरीदारी कर रहे हैं।

October 22, 2024
संपादकीय कॉलम
मंडराया आतंक का साया
सुरक्षा के मोर्चे पर चुस्ती और सख्ती के तमाम दावों के बावजूद देश में आतंक का माहौल क्यों लौट रहा है?

October 22, 2024
संपादकीय कॉलम
प्रतिस्पर्धा से क्यों डरे?
असल मुद्दा यह है कि आखिर भारतीय अर्थव्यवस्था में बाहरी कारोबार से प्रतिस्पर्धा एवं मुनाफा देने की क्षमता इतनी कमजोर क्यों बनी हुई है?

October 21, 2024
संपादकीय
मायूस हैं रिटेल निवेशक?
गुजरे हफ्ते दक्षिण कोरियाई कार कंपनी ह्यूंदै ने भारतीय शेयर बाजार का सबसे बड़ा आईपीओ लॉन्च किया।

October 21, 2024
संपादकीय
दो पैमाने, दो निष्कर्ष
बीते हफ्ते के आरंभ में वैश्विक गरीबी पर में विश्व बैंक की रिपोर्ट आई। सप्ताहांत में संयुक्त राष्ट्र ने इसी संबंध में अपनी रिपोर्ट जारी की।

October 18, 2024
संपादकीय कॉलम
स्पेक्ट्रम पर ‘कॉरपोरेट वॉर’
अब सवाल है कि क्या भारत सरकार भारत की दोनों सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनियों को नाराज कर ऐसा फैसला करेगी, जो स्टारलिंक चाहती है?

October 18, 2024
संपादकीय कॉलम
विपक्ष की सुने सरकार
निज्जर मामले में भारत-कनाडा के बिगड़ते संबंधों पर चर्चा के लिए संसद के दोनों सदनों में विपक्षी दलों के नेताओं एवं अन्य सभी राजनीतिक दलों की साझा बैठक बुलाने...

October 17, 2024
संपादकीय कॉलम
हकीकत की रोशनी में
महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम का एलान हो गया है। हकीकत की रोशनी में देखें, तो दोनों राज्यों में मुकाबला बराबरी का है।

October 17, 2024
संपादकीय कॉलम
गरीबी के मारे भारतीय
सार यह कि भारतीय आबादी का बड़ा हिस्सा आज भी गरीबी का मारा है। जबकि गरीबी मापने का विश्व बैंक का पैमाना खुद आलोचनाओं के केंद्र में रहा है।