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10-03-2025 Vol 19

संपादकीय कॉलम

अब आगे की बात

अब आगे की बात

सेनाओं के बीच आमने-सामने तैनाती की सूरत खत्म हो गई है, इसलिए भारत सरकार की राय में बुनियादी मसला हल हो गया है
2024 का सियासी पैगाम

2024 का सियासी पैगाम

प्यू के सर्वे में 24 देशों में अधिकांश लोगों ने कहा कि लोकतंत्र का आकर्षण कम हो रहा है।
वित्तीयकरण का जोर

वित्तीयकरण का जोर

विभिन्न कंपनियों की सालाना रिपोर्टों का निष्कर्ष है कि भारतीय कारोबार जगत में अब सबसे ज्यादा मुनाफा बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं, और बीमा क्षेत्रों से जुड़ी कंपनियां कमा रही हैं।
रिश्तों में बढ़ते पेच

रिश्तों में बढ़ते पेच

मोहम्मद युनूस ने शेख हसीना को प्रत्यर्पित कराने का इरादा जताया है।
मणिपुर की आवाज सुनें

मणिपुर की आवाज सुनें

हालात ऐसे बने हैं कि खुद बीरेन सिंह सरकार ने केंद्र से अफस्पा वापस लेने का अनुरोध किया है।
इसलिए छाया है धुआं

इसलिए छाया है धुआं

भारत अब दुनिया प्रति वर्ष सबसे ज्यादा कार्बन उत्सर्जन करने वाला देश बन गया है। भारत का उत्सर्जन चीन की तुलना में 22 गुना तेजी से बढ़ रहा है।
अंदेशों के साये में

अंदेशों के साये में

न्यूनतम अंतरराष्ट्रीय टैक्स व्यवस्था, यूक्रेन और गजा में जारी युद्धों, और अमेरिका-चीन टकराव जैसे मुद्दों पर समूह के अंदर आम सहमति नहीं है।
देर से दुरुस्त फैसला

देर से दुरुस्त फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने उचित व्यवस्था दी है कि भले ही कोई व्यक्ति किसी अपराध के लिए दंडित हो चुका हो, लेकिन उसकी वैध संपत्ति को नहीं तोड़ा जा सकता।
डायबिटीज का विकराल रूप

डायबिटीज का विकराल रूप

यह अवश्य कहा जाएगा कि डायबिटीज जिस तेजी से फैली है, उसके अनुरूप चिकित्सा सुविधाएं फैलाने के तकाजे को नजरअंदाज किया गया है।
महंगाई ने मारा डाला है

महंगाई ने मारा डाला है

कोरोना महामारी के बाद से गणना की जाए, तो तमाम जरूरी चीजें दो से तीन गुना तक महंगी हो चुकी हैं
भारतीयों कुछ भी खा लेंगे?

भारतीयों कुछ भी खा लेंगे?

अध्ययन में पाया गया कि भारत जैसे कम आय वाले देशों में जो खाद्य और पेय उत्पाद बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियां बेच रही हैं
निष्पक्ष दिखना जरूरी है

निष्पक्ष दिखना जरूरी है

ई-कॉमर्स क्षेत्र की फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसी कंपनियों ने भारतीय कानून को तोड़ा हो, तो बेशक उन पर प्रावधान के अनुरूप सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
क्या मणिपुर बेकाबू है?

क्या मणिपुर बेकाबू है?

मणिपुर में हफ्ते भर के अंदर जैसी हिंसा हुई है, उनसे यह सहज सवाल उठता है कि क्या इस राज्य पर किसी का नियंत्रण नहीं है?
वोट खरीदने की होड़

वोट खरीदने की होड़

राजनीतिक दल जिस रास्ते पर चले हैं, उससे साफ है कि और कर्ज लेकर ऋण चुकाने के अलावा महाराष्ट्र के सामने कोई विकल्प नहीं रहेगा।
रिपोर्ट अनेक, संकेत एक

रिपोर्ट अनेक, संकेत एक

Economy crisis: देहाती इलाकों में कर्ज के बोझ तले दबे परिवारों की संख्या में साढ़े चार प्रतिशत इजाफा हुआ है।
कनाडा में बढ़ती मुश्किलें

कनाडा में बढ़ती मुश्किलें

ऐसा लगता है कि हालिया घटनाओं की रोशनी में कनाडा और उसके साथी देशों में राय बनी है कि भारत का अंदरूनी सांप्रदायिक टकराव अब निर्यात होकर उनके यहां...
जलवायु सम्मेलन का रस्म

जलवायु सम्मेलन का रस्म

ऊर्जा का सबसे ज्यादा उपभोग करने वाले धनिक वर्ग अपने जीवन स्तर में किसी कटौती के लिए तैयार नहीं हैं।
ये थाली किसकी चिंता?

ये थाली किसकी चिंता?

महंगाई बढ़ने और उसके अनुरूप आमदनी ना बढ़ने पर पहली कोशिश भोजन को अप्रभावित रखने की होती है।
डॉनल्ड ट्रंप की वापसी

डॉनल्ड ट्रंप की वापसी

जो बाइडेन व कमला हैरिस प्रशासन ने अपने ही कई फैसलों और नीतियों से खुद अपने समर्थन आधार की जड़ें कमजोर की थी।
चुनौती बहुत बड़ी है

चुनौती बहुत बड़ी है

कनाडा से संबंधित विवाद में फाइव आईज (पंच नेत्र) संधि के सदस्य बाकी चारों देश पूरी तरह कनाडा के साथ हैं।
ना गंभीरता, ना ईमानदारी

ना गंभीरता, ना ईमानदारी

लोग खुद ही अपनी सेहत को दांव पर लगाने पर आमादा हों, तो उस समाज को आखिर कौन बचा सकता है?
खतरनाक बनते हालात

खतरनाक बनते हालात

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हिंदू मंदिर के पास हुई हिंसा को अस्वीकार्य बताया है। लेकिन उनकी जिम्मेदारी सिर्फ इसी से पूरी नहीं हो जाती।
आशंकाओं से घिरा अमेरिका

आशंकाओं से घिरा अमेरिका

आशंका गहरी है कि कल सुबह जो भी नतीजा आएगा, उसे पराजित पक्ष आसानी से स्वीकार नहीं करेगा।
चमक पर ग्रहण क्यों?

चमक पर ग्रहण क्यों?

वित्तीय बाजारों की चमक ही एकमात्र पहलू है, जिस पर भारत के आर्थिक उदय का सारा कथानक टिका हुआ है।
टीबी की वापसी क्यों?

टीबी की वापसी क्यों?

टीबी के मामले तेजी से बढ़े हैं। चौंकाने वाली बात है कि जब हमारे पास टीबी को रोकने, पहचानने और इलाज करने के साधन मौजूद हैं
मुद्दा दलगत नहीं है

मुद्दा दलगत नहीं है

भारत में चुनावी रेवड़ी बांटने की फैलती जा रही आत्मघाती राजनीतिक संस्कृति पर अर्थपूर्ण चर्चा के एक मौके को गंवा दिया गया है।
मां लक्ष्मी कृपा करें!

मां लक्ष्मी कृपा करें!

आज प्रकाश और लक्ष्मी पूजन का दिन है। हिंदू परंपरा में लक्ष्मी धन और समृद्धि की देवी हैं। कहा जाता है कि लक्ष्मी और सरस्वती साथ-साथ नहीं चलतीं।
सोचना कांग्रेस को है

सोचना कांग्रेस को है

चुनाव की स्वच्छता पर कांग्रेस की ठोस राय क्या है? अगर देश में स्वच्छ चुनाव नहीं हो रहे, तो इस प्रश्न पर उसकी तैयारी क्या है?
एक महत्त्वाकांक्षी परियोजना

एक महत्त्वाकांक्षी परियोजना

भारत ने जब विमान निर्माण के क्षेत्र में ऊंची महत्त्वाकांक्षा रखते हुए अब कदम रखा है
मीडिया का नया वातावरण

मीडिया का नया वातावरण

एक अध्ययन रिपोर्ट से संकेत मिला है कि समाज में अपने-अपने “सच” को लेकर लोग किस हद तक दुराग्रहशील होते जा रहे हैं।
जो लोग बेजुबान हैं

जो लोग बेजुबान हैं

गनीमत है कि मुंबई के बांद्रा टर्मिनस स्टेशन पर एक ट्रेन में चढ़ने की धक्का-मुक्की के दौरान मची भगदड़ में 10 मजदूरों के घायल होने की खबर मीडिया की...
जापान में सियासी भूकंप

जापान में सियासी भूकंप

जापान में नए प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा का मध्यावधि चुनाव कराने का दांव उलटा पड़ा। लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के नेतृत्व वाले सत्ताधारी गठबंधन ने 15 साल बाद बहुमत गंवा...
सिकुड़ता हुआ मध्य वर्ग

सिकुड़ता हुआ मध्य वर्ग

यह टिप्पणी भारतीय अर्थव्यवस्था की हकीकत बताती है। इससे भाजपा सरकार का “विकसित भारत” का नैरेटिव पंक्चर होता है।
इंडिया गठजोड़ का संकट

इंडिया गठजोड़ का संकट

इंडिया गठबंधन साझा चेहरा और समान मकसद दिखाने में कमजोर पड़ रहा है।
कजान में क्या हासिल

कजान में क्या हासिल

शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स देश अपना एक स्वतंत्र सेटलमेंट एवं डिपॉजिट ढांचा बनाने की संभावना का अध्ययन करने के लिए सहमत हुए हैँ।
मुलाकात हुई, यही अहम

मुलाकात हुई, यही अहम

यह जरूर एक ठोस सहमति है कि सीमा विवाद पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी जल्द ही मिलेंगे।
जरूरत राष्ट्रीय बहस की

जरूरत राष्ट्रीय बहस की

वैश्विक अनुभव है कि आर्थिक विकास और महिलाओं के सशक्तीकरण के साथ परिवार छोटा रखने की प्रवृत्ति बढ़ जाती है।
कमजोर हो रही जड़ें

कमजोर हो रही जड़ें

विश्व में भारत की आज जितनी भी हैसियत है, उसे बनाने में भारत के इंजीनियरों एवं टेक कर्मियों की भूमिका अहम रही है।
समाधान के रास्ते पर

समाधान के रास्ते पर

भारत- चीन के बीच लद्दाख सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सवा चार साल से जारी गतिरोध के समाधान की दिशा में दोनों देशों ने महत्त्वपूर्ण कदम उठाया...
सोने-चांदी का गरम बाजार

सोने-चांदी का गरम बाजार

दुनिया भर में सोना और चांदी के भाव तेजी से चढ़े हैं। विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंक सोने की थोक भाव में खरीदारी कर रहे हैं।
मंडराया आतंक का साया

मंडराया आतंक का साया

सुरक्षा के मोर्चे पर चुस्ती और सख्ती के तमाम दावों के बावजूद देश में आतंक का माहौल क्यों लौट रहा है?
प्रतिस्पर्धा से क्यों डरे?

प्रतिस्पर्धा से क्यों डरे?

असल मुद्दा यह है कि आखिर भारतीय अर्थव्यवस्था में बाहरी कारोबार से प्रतिस्पर्धा एवं मुनाफा देने की क्षमता इतनी कमजोर क्यों बनी हुई है?
मायूस हैं रिटेल निवेशक?

मायूस हैं रिटेल निवेशक?

गुजरे हफ्ते दक्षिण कोरियाई कार कंपनी ह्यूंदै ने भारतीय शेयर बाजार का सबसे बड़ा आईपीओ लॉन्च किया।
दो पैमाने, दो निष्कर्ष

दो पैमाने, दो निष्कर्ष

बीते हफ्ते के आरंभ में वैश्विक गरीबी पर में विश्व बैंक की रिपोर्ट आई। सप्ताहांत में संयुक्त राष्ट्र ने इसी संबंध में अपनी रिपोर्ट जारी की।
स्पेक्ट्रम पर ‘कॉरपोरेट वॉर’

स्पेक्ट्रम पर ‘कॉरपोरेट वॉर’

अब सवाल है कि क्या भारत सरकार भारत की दोनों सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनियों को नाराज कर ऐसा फैसला करेगी, जो स्टारलिंक चाहती है?
विपक्ष की सुने सरकार

विपक्ष की सुने सरकार

निज्जर मामले में भारत-कनाडा के बिगड़ते संबंधों पर चर्चा के लिए संसद के दोनों सदनों में विपक्षी दलों के नेताओं एवं अन्य सभी राजनीतिक दलों की साझा बैठक बुलाने...
हकीकत की रोशनी में

हकीकत की रोशनी में

महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम का एलान हो गया है। हकीकत की रोशनी में देखें, तो दोनों राज्यों में मुकाबला बराबरी का है।
गरीबी के मारे भारतीय

गरीबी के मारे भारतीय

सार यह कि भारतीय आबादी का बड़ा हिस्सा आज भी गरीबी का मारा है। जबकि गरीबी मापने का विश्व बैंक का पैमाना खुद आलोचनाओं के केंद्र में रहा है।