Thursday

17-04-2025 Vol 19

संपादकीय कॉलम

समाधान भी तो बताइए!

समाधान भी तो बताइए!

rahul gandhi speech in parliament: अच्छी बात है कि भारत की बढ़ती जा रही आर्थिक समस्याओं के बीच पक्ष और विपक्ष हकीकत से आंखें मिला रहे हैं।
काम आएगी ये तैयारी?

काम आएगी ये तैयारी?

trump tariff: भारत में ऊंचे शुल्क और अमेरिकी कंपनियों के लिए कारोबार में आने वाली मुश्किलों का उदाहरण बताया था।
चिंता वाजिब, हल बताइए!

चिंता वाजिब, हल बताइए!

साल 2024-25 के आर्थिक सर्वेक्षण पर सरसरी नज़र डालें तो यही धारणा बनती है कि अर्थव्यवस्था में ‘सब कुछ ठीक-ठाक है’।
बजट की कुल कहानी

बजट की कुल कहानी

आम बजट (2025-26) की बड़ी हेडलाइन है कि सरकार ने शहरी उपभोग को संभालने के लिए मध्य वर्ग को बड़ी कर रियायत दी है।
महाकुंभ में महा-त्रासदी

महाकुंभ में महा-त्रासदी

मौनी अमावश्या पर अमृत स्नान के लिए भारी भीड़ का उमड़ना अपेक्षित था।
परास्त होता हुआ मकसद

परास्त होता हुआ मकसद

वक्फ़ (संशोधन) विधेयक संबंधी संसदीय समिति की कार्यवाही जिस विवादास्पद ढंग से चली और विपक्षी सांसदों की राय को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया
सुधार और गिरावट भी

सुधार और गिरावट भी

2024 में स्कूलों में सीखने की क्षमता का स्तर कोरोना काल से पहले के स्तर पर आ गया है।
ट्रंप काल एक दुविधा

ट्रंप काल एक दुविधा

donald trump: ट्रंप से संपर्क बनाने की भारत ने कोई समय ना गंवाने का तरीका अपनाया। लेकिन उससे लाभ हुआ नहीं दिखाता।
ये जो उथल-पुथल है

ये जो उथल-पुथल है

भारतीय मीडिया में अक्सर शेयर बाजारों में अचानक हुई बड़ी गिरावट के लिए कत्ल-ए-आम या रक्तपात जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है।
अब कुछ ठोस हासिल

अब कुछ ठोस हासिल

मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हुई मुलाकात के बाद संबंध सुधार की शुरू हुई प्रक्रिया मिसरी की यात्रा से और आगे बढ़ी है।
तब दिया, अब वापस!

तब दिया, अब वापस!

आखिर लड़की बहिन योजना के तहत 30 लाख “अयोग्य” लाभार्थियों को छह महीनों तक 1500 रुपये- यानी नौ हजार रुपयों- का भुगतान हुआ है।
ट्रंपिज्म के साये में

ट्रंपिज्म के साये में

इसके बावजूद वर्ल्ड इकॉनमिक फोरम (डब्लूईएफ) की तरफ से आयोजित चार दिन के सम्मेलन पर ट्रंप का साया हावी रहा।
बांग्लादेश की नई दिशा

बांग्लादेश की नई दिशा

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के विदेश नीति सलाहकार तौहीद हुसैन चीन के दौरे पर हैं।
भारत के सामने प्रश्न

भारत के सामने प्रश्न

अमेरिका में राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद डॉनल्ड ट्रंप ने अपनी पहली बड़ी पहल आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) के क्षेत्र में की है।
भारत की यह महत्त्वाकांक्षा

भारत की यह महत्त्वाकांक्षा

डोनल्ड ट्रंप ने पहले ही चेतावनी दी थी कि ब्रिक्स देश अपने कारोबार के भुगतान में डॉलर का इस्तेमाल घटाएंगे, तो अमेरिका उनसे होने वाले आयात पर 100 फीसदी...
अब प्रतीकात्मक भी नहीं

अब प्रतीकात्मक भी नहीं

डॉनल्ड ट्रंप ने ह्वाइट हाउस में लौटते ही जो फैसले सबसे पहले लिए, उनमें एक जलवायु परिवर्तन पर पेरिस संधि से अमेरिका को निकालने का है।
शीघ्र एवं उचित न्याय

शीघ्र एवं उचित न्याय

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल बलात्कार कांड की जांच टीम ने जिस तेजी से साक्ष्य जुटाए और सियादह अदालत मामले को जैसी प्राथमिकता दी, वह काबिल-ए- तारीफ है।
नाकाम उपाय, चूकता रास्ता

नाकाम उपाय, चूकता रास्ता

निजी निवेश में गिरावट का सिलसिला इस वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में भी जारी रहा।
ट्रंप काल में भारत

ट्रंप काल में भारत

अमेरिका के नए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप चीन के प्रति नरम रुख अपनाते हैं, तो भारत-अमेरिका संबंध प्रभावित हुए बिना नहीं रहेंगे।
पुलिस और आम लोग

पुलिस और आम लोग

क्या सैफ अली खान पर हमले की रहस्यमय परिस्थितियों के कारण आरंभ में पुलिसकर्मी घटना की गंभीरता का अंदाजा नहीं लगा पाए?
मूर्ख बनाने का खेल

मूर्ख बनाने का खेल

राहुल गांधी ने बिहार में 2023 में हुए जातीय सर्वेक्षण को फर्जी बताया है। कहा कि नीतीश कुमार सरकार ने इसे लोगों को मूर्ख बनाने के मकसद से कराया।
भविष्य का सवाल है

भविष्य का सवाल है

भारत का भविष्य संवारने के लिहाज से इससे चिंताजनक खबर और क्या हो सकती है कि देश में एम-टेक कोर्स का आकर्षण घटता ही जा रहा है।
अमन की उम्मीद बढ़ी

अमन की उम्मीद बढ़ी

लेबनान में हिज्बुल्लाह के कमजोर पड़ने और सीरिया में बदले समीकरणों के बाद हमास के लिए भी प्रतिकूल परिस्थितियां बनी हैं।
मेटा ने मांगी माफी

मेटा ने मांगी माफी

लोकसभा चुनाव में भाजपा की चुनावी हार नहीं हुई। मगर अनेक लोगों की राय में उसे राजनीतिक पराजय कहा जाएगा।
जहां ऐसे स्कूल हों!

जहां ऐसे स्कूल हों!

‘विकसित भारत’ बनाने के जारी उद्घोष के बीच ये खबर अहम है कि 2023-24 के शैक्षणिक सत्र में देश में करीब 13 हजार ऐसे स्कूल थे
समस्या की जड़ें गहरी

समस्या की जड़ें गहरी

किसी भारतीय की विदेश में युद्ध मोर्चे पर मौत के बाद देश में नाराजगी पैदा होना स्वाभाविक प्रतिक्रिया है।
एकता में बल है

एकता में बल है

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेताओं की एसकेएम- अराजनीतिक गुट से एकता वार्ता शुरू करना सकारात्मक संकेत है।
महंगाई की भ्रामक सुर्खियां

महंगाई की भ्रामक सुर्खियां

दिसंबर में भी खाद्यों की खरीद पर आम परिवारों को औसतन आठ प्रतिशत से अधिक खर्च करना पड़ा। बढ़ोतरी का ये सिलसिला कोरोना काल के बाद से जारी है।
ये अनावश्यक चर्चा है

ये अनावश्यक चर्चा है

अमेरिकी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में विदेशी राजनेताओं को आमंत्रित करने की परंपरा नहीं है।
‘क्वांटम जंप’ में बाधाएं

‘क्वांटम जंप’ में बाधाएं

देश के विकसित होने का अर्थ आम खुशहाली एवं सबके लिए गरिमामय जीवन स्तर सुनिश्चित करना हो- जिस अर्थ में विकसित श्रेणी में शामिल देशों को यह दर्जा मिला...
सीईओ’ज का ‘विकसित भारत’

सीईओ’ज का ‘विकसित भारत’

वित्त वर्ष 2023-24 में एलएंडटी के सीईओ एसएन सुब्रह्मण्यम की कमाई 51.5 करोड़ रु. रही।
जिम्मेदार आखिर कौन है?

जिम्मेदार आखिर कौन है?

ये खदान राज्य सरकार का उद्यम- एएमडीसी चलाता था, मगर उसे 12 साल पहले बंद कर दिया गया।
इंडिया गठबंधन की इतिश्री!

इंडिया गठबंधन की इतिश्री!

संकेत पहले से थे, मगर दिल्ली विधानसभा चुनाव आते-आते यह साफ हो गया है। इंडिया गठबंधन महज लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों का सीटों का तालमेल भर था।
ट्रंपिज्म से उथल-पुथल

ट्रंपिज्म से उथल-पुथल

डॉनल्ड ट्रंप के अमेरिका का राष्ट्रपति पद संभालने में अभी दस दिन बाकी हैं।
आंकड़ों में असलियत

आंकड़ों में असलियत

एनएसओ के अग्रिम अनुमान में कहा गया है कि 2024-25 में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर चार साल के न्यूनतम स्तर पर रहेगी।
पारदर्शिता पर परदा

पारदर्शिता पर परदा

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से दो हफ्तों के अंदर बताने को कहा है कि सूचना आयुक्तों की नियुक्ति करने की अधिकतम अवधि उसने क्या तय कर रखी है?
गुलाबी तस्वीर का सच

गुलाबी तस्वीर का सच

पिछले हफ्ते जारी दो सरकारी रिपोर्टों में देश की अर्थव्यवस्था की गुलाबी तस्वीर बुनी गई।
जस्टिन ट्रूडो की विदाई

जस्टिन ट्रूडो की विदाई

बढ़ते विरोध का लंबे समय तक मुकाबला करने के बाद आखिरकार कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हथियार डाल दिए हैं।
जड़ तक पहुंची समस्याएं

जड़ तक पहुंची समस्याएं

ऑस्ट्रेलिया दौरे में भारतीय क्रिकेट टीम हार जाए, यह अनहोनी नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट की दुविधा

सुप्रीम कोर्ट की दुविधा

मुद्दा यह है कि जब कोई अपनी मांग मनवाने के लिए भूख हड़ताल का तरीका अपनाता है, तो सरकार का क्या दायित्व है
निजी डेटा निजी रहे

निजी डेटा निजी रहे

समस्या बनी रही यह समझ है कि सरकार को हर तरह के डेटा पर अपना स्वामित्व बनाने का प्रयास कर रही है।
रुपया गिरने के असर

रुपया गिरने के असर

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट जारी है। 27 दिसंबर को खत्म हुए हफ्ते में यह 4.11 अरब घटकर 640.28 अरब डॉलर रहा।
बुनियाद बहुत कमजोर है

बुनियाद बहुत कमजोर है

यूडीआईएसई+ (यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इन्फॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस) की 2023-24 की रिपोर्ट से भारत में स्कूली शिक्षा के कमजोर बुनियाद की कहानी फिर सामने आई है।
किसानों के लिए सरकार!

किसानों के लिए सरकार!

कैबिनेट की बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने नए साल का पहला फैसला किसानों के हित में लिया है।
बांग्लादेशः आपस में टकराव

बांग्लादेशः आपस में टकराव

बांग्लादेश में जिन सियासी ताकतों ने तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ आंदोलन में जबरदस्त एकता दिखाई थी, अब उनके बीच टकराव तीखा हो रहा है।
बातचीत ही रास्ता है

बातचीत ही रास्ता है

चीन के ब्रह्मपुत्र नदी पर दुनिया का सबसे बड़ा बांध बनाने के एलान से पूर्वोत्तर भारत, और यहां तक कि बांग्लादेश में भी चिंता पैदा हुई है।
केजरीवाल के सियासी कार्ड

केजरीवाल के सियासी कार्ड

भाजपा और कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल पर किसी प्रकार चुनाव जीतने के लिए बेताब होने का इल्जाम लगाया है
स्थिरता रिपोर्ट में अस्थिरता

स्थिरता रिपोर्ट में अस्थिरता

भारतीय रिजर्व बैंक की छमाही वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट मौजूद वित्तीय अस्थिरताओं के संकेत देती है।