Saturday

29-03-2025 Vol 19

श्रुति व्यास

संवाददाता/स्तंभकार/ संपादक नया इंडिया में संवाददता और स्तंभकार। प्रबंध संपादक- www.nayaindia.com राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय राजनीति के समसामयिक विषयों पर रिपोर्टिंग और कॉलम लेखन। स्कॉटलेंड की सेंट एंड्रियूज विश्वविधालय में इंटरनेशनल रिलेशन व मेनेजमेंट के अध्ययन के साथ बीबीसी, दिल्ली आदि में वर्क अनुभव ले पत्रकारिता और भारत की राजनीति की राजनीति में दिलचस्पी से समसामयिक विषयों पर लिखना शुरू किया। लोकसभा तथा विधानसभा चुनावों की ग्राउंड रिपोर्टिंग, यूट्यूब तथा सोशल मीडिया के साथ अंग्रेजी वेबसाइट दिप्रिंट, रिडिफ आदि में लेखन योगदान। लिखने का पसंदीदा विषय लोकसभा-विधानसभा चुनावों को कवर करते हुए लोगों के मूड़, उनमें चरचे-चरखे और जमीनी हकीकत को समझना-बूझना।

2023: दुनिया बिखरी,और बर्बर!

मैं आपके बारे में नहीं जानती लेकिन मेरे लिए 2023 बहुत जल्दी बीत गया। मेरा अनुमान है कि 2020 से 2022 तक की थकान, पीड़ा और दुःख के बाद,...

ट्रंप क्या चुनाव भी लड़ पाएंगे?

अब इस मामले की सुनवाई अमेरिकी सर्वोच्च न्यायालय में होगी और उसका फैसला आने तक कॉलोरोडो में ट्रंप की उम्मीदवारी वैध रहेगी।

चीन की अपने ही हाथों बदनामी!

लाई हांगकांग का एक जाना-माना नाम था और है। उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अंतर्गत विदेशी शक्तियों से मिलीभगत के साथ ही राजद्रोह का आरोप भी लगाया गया...

नेतन्याहू फंस गए चक्रव्यूह में!

युद्ध शुरू हुए 70 दिन बीत चुके हैं, मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है, इजराइल से अगवा किए गए बहुत से लोग अभी भी गाजा में बंधक हैं लेकिन...

लाल सागर भी मैदान-ए-जंग!

लाल सागर मैदान-ए-जंग बन गया है। इजराइल-हमास युद्ध 70वें दिन में प्रवेश कर चुका है और हर दिन और गंभीर रूप लेता जा रहा है।

खरी बात करने वाले राष्ट्रपति!

उन्होंने अपने नेतृत्व में देश को दशकों की ‘‘अवनति और गिरावट” की स्थिति से बाहर लाने का संकल्प किया है, लेकिन उन्होंने कोई लुभावने वायदे या आशाएं नहीं जगाई...

पर पेट्रोल, कोयला ईधन क्या खत्म होगा?

सीओपी28 जलवायु सम्मेलन में एक समझौता मंजूर हुआ  है। इसमें दुनिया को तेल, गैस और कोयले जैसे फॉसिल फ्यूल से दूर रहने का स्पष्ट आव्हान है।

जेलेंस्कीः साल पहले तब और अब

2023 में दुनिया का ध्यान इजराइल-हमास युद्ध की ओर केन्द्रित हो गया। इससे यूक्रेन और जेलेंस्की का भविष्य अनिश्चितता के भंवर में फंसा है।

अकेले पड़े सीसी तीसरी बार भी जीतेंगे!

सीसी ने पिछले 10 वर्षों में ऐसे हर व्यक्ति और हर संस्था को समाज से खदेड़ा है जो जरा सा भी उनके खिलाफ हो।

लडाकू वक्ता है भारतीय मूल की निक्की!

विश्लेषक यह मानकर चल रहे हैं कि डोनाल्ड ट्रंप ही रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार होंगे और संभवतः चुनाव जीतकर दूसरे कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति बनेंगे।

ब्रिटेनः कुऑ और खाई!

ऋषि सुनक की सरकार दुनिया भर से ब्रिटेन आने वाले शरणार्थियों को मध्य अफ्रीका भेजने की योजना पर दृढ है।

जो बाइडन: कठिन है डगर पनघट की

अमेरिका एक बड़ा तबका परेशानहाल है। कारण: हाल में हुए जनमत सर्वेक्षणों के नतीजे। जो बाइडन अपने रिपब्लिकन प्रतिद्वंदी डोनाल्ड ट्रंप से पिछड़ रहे हैं।

यूक्रेनः आल इज़ नॉट वेल!

पिछली सर्दियों में शुरू हुआ रूस-यूक्रेन संघर्ष इन सर्दियों में दम तोड़ता सा लग रहा है।

कंट्री में मोदी,स्टेट में भी मोदी!

जनादेश आ गया है। लोगों ने अपने मन की बात बता दी है। राजस्थान से लेकर मध्यप्रदेश और वहां से लेकर छत्तीगढ़ तक सब तरफ मोदी ही मोदी हैं।प्रदेशों...

किसिंजर नायक थे तो खलनायक भी!

किसिंजर हमेशा याद रहेंगे। उनकी चर्चा होगी। उनकी किताबें, उनके लेख, उनके अनुभवों को दोहराने की कोशिशें होंगीं। उनका तिरस्कार भी होगा लेकिन उनकी प्रशंसा भी होगी।

दुबई की सीओपी बैठक में होगा क्या?

हम अपनी पृथ्वी का क्या बुरा हाल कर रहे हैं, इस बारे में खतरे की घंटी पेरिस में सन 2015की सीओपी (कांफ्रेंस ऑफ़ पार्टीज) शिखर बैठत में बजा दी...

राजस्थानः या तो जांत या बालकनाथ!

एक शब्द में राजस्थान चुनाव 2023 का लबोलुआब है-‘दिलचस्प’, ‘हैरानीभरा’।इसलिए क्योंकि जो पहले माना जा रहा था, जो पुराना ढर्राथा उस पर चुनाव नहीं हुआ। 

मेवाड़ से होगी उलटफेर?

आज मतदान है। और निश्चित ही मेवाड़ में मुकाबलाकांटे का है। उदयपुर, चित्तोडगढ, भीलवाडा व बांसवाड़ा के मेवाड-वाघड़ इलाके में मतदान वैसा नहीं होता लगता है जैसा 2018 या...

गौभक्त जीतेगा या मोदी?

बाईस तारीख की रात भीलवाड़ा का माहौल अचानक अफवाहभरा हुआ। चुनाव प्रचार समाप्त होने के एक दिन पहले शहर में जो घटा, वह कतई शुभ नहीं था।

सीपी जोशी का काम, वही बाहरी गौरव वल्लभ में दम और खम!

राजसमंद जिले के नाथद्वारा में घुसते ही आपको कांग्रेस के वरिष्ठ नेता-स्पीकर सीपी जोशी की विशाल होर्डिंग दिखतीं है। इन होर्डिंग में वे एक भले और सहज मिजाजी नज़र...

यूनिवर्सिटी चुनाव से भी फीका माहौल!

राजस्थान के इस आदिवासी इलाके में न होर्डिंग हैं, न झंडे और ना ही शोरगुल। शहर में चुनावी सन्नाटा है! मूड कहीं नज़र नहीं आता।

हर 25-50 किलोमीटर पर बदला हुआ मूड!

एक ही प्रदेश, उसमें भी हर जिले में हर 25-50 किलोमीटर पर ही लोगों का मूड बदल जाता है। जैसे बोली बदलती है वैसे लोगों का चुनावी मिजाज बदला...

भीड़ न राजकुमारी (दीया) के लिए और न पीएम (मोदी) के लिए!

उन्हें देखने, मिलने और सुनने वालों की संख्या कम ही रहती है। वे राजकुमारी हैं लेकिन अब राजपरिवार के प्रति लोगों का आकर्षण कम हो गया है।

रंगीले राजस्थान के धोद में लाल परचम!

कम्युनिस्ट लाल झंडे, सीपीआई (एम) के झंडे लहराती कारें, ट्रेक्टर और मोटरसाईकिलें गांवों और सड़कों पर घूमती हुई दिखती हैं। ऐसा दृश्य उत्तर भारत में अब शायद ही कहीं...

सचिन में वह जोश नहीं और “गहलोत तुझसे बैर नहीं…

सचिन पायलट अपना जोश खो चुके हैं। जो दृढ़ संकल्प और उत्साह मैंने उनमें 2018 के चुनाव के दौरान देखा था वह अब कहीं नजर नहीं आता।

‘फाइट’ तो बतौर धारणा दिमाग में ड्रील!

असल में आम वोटर मोटा मोटी चुनाव को लेकर, भाजपा व कांग्रेस को ले कर, मुकाबले को ले करअपनी धारणा अनुसार सोचता-बूझता और देखता हुआ है।

इंदौर में,कैलाश विजयवर्गीय के लिए मोदी का रोड शौ!

भाजपा के गढ़ इंदौर में कैलाश विजयनर्गीय की जीत सुनिश्चित करने के लिए नरेंद्र मोदी को इंदौर में रोड शौ करना पड़ा! कैलाश विजयनर्गीय इस बार सचमुच मुश्किल लड़ाई...

बुधनी में कुछ खास नहीं पर शिवराज का!

लाल पत्थर का एक विशाल और भव्य प्रवेशद्वार बुधनी में आपका स्वागत करता है। ऐसे ही द्वार भाजपा के कई आला नेताओं की भी पसंद हैं।

भोपालः ‘इलेक्शन टाईट’और कंफ्यूजन!

मध्यप्रदेश की राजधानी पहुँचते ही जो पहली बात सुनाई पड़ती है वह है ‘इलेक्शन टाईट है’।उस नाते मध्यप्रदेश में भी चुनावी माहौल छत्तीसगढ़ जैसा ही है।

वोटर यूपी और बिहार से ज्यादा जागरूक!

छतीसगढ़ के चुनावी माहौल की असल बात मतदाताओं का या तो भूपेश बघेल के पक्ष में होना है या मौन रहना है।

भूपेश बघेल के लिए क्यों कड़ा मुकाबला?

दो दिन पहले मैंने लिखा था कि छत्तीसगढ़ के चुनाव में कांग्रेस को हालांकि बढ़त है, लेकिन मुकाबला कडा है। वह बात पहले दौर का मतदान होने के बाद...

कसही (पाटन) तो “भूपेश बघेल की काशी।”

पाटन से चौंकाने वाले नतीजे आ सकते हैं। मतलब भूपेश बघेल के लिए भी मुकाबला कड़ा हैं।

कांग्रेस के पक्ष में सब कुछ फिर भी मुकाबला!

पिछला चुनाव भाजपा ने गफलतों में लड़ा था। तभी भूपेश बघेल बाजी मार ले गए थे लेकिन इस बार भाजपा हर चीज़ में उनके बराबर है।

विधानसभा चुनाव 2023: जैसा माना जा रहा वैसा नहीं माहौल!

त्तीसगढ़ में लोगों का चुनावी मूड वैसा नहीं है जैसा राज्य के बाहर और खासकर दिल्ली में बैठे लोग मान कर चल रहे हैं।

युद्ध बाद क्या करेगा?

युद्ध उग्र रूप लेता जा रहा है, नेतान्याहू जमे हुए हैं और पश्चिम उनके साथ है। ऐसे में दुनिया का संयम कब तक बना रहता है यह देखने वाली...

पाक निकाल रहा अफगानों को!

पाकिस्तान के आदेश मेंएक नवंबर तक की मोहलत दी गई थी। मकान मालिक अफगानी किरायेदारों से मकान खाली करवा रहे हैं क्योंकि उन्हें भय है कि ऐसा न करने...

गुडबॉय ‘फ्रेंड’ मैथ्यू पैरी

रोबिन विलियम्स के बाद मैथ्यू पैरी हमेशा के लिए चले गए। दोनों अपनी मज़ाकिया अदाकारी के लिए दुनिया में जाने जाते थे। दोनों खूब हँसते थे और दूसरों को...

80 वर्षीय बाइडन मुसीबतों का पहाड़!

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का आगे का रास्ता कांटो भरा है।इसका अर्थ यह नहीं है कि सन 2020 में ट्रंप की हार के बाद से अब तक उनकी...

न करूणा, न संवेदना!

जराइल और गाजा के घटनाक्रम का एक सबक साफ है। अगर उन्होंने दस बच्चे मारे हैं तो हम बीस बच्चे मारेंगे। जाहिर है21वीं सदी में शायद ही कोई राह...

उफ! पत्रकार अल-दहदू का परिवार, क्या निर्बल के लिए ही युद्ध नियम?

क्या वाईल अल-दहदू के परिवारजनों और असंख्य नागरिक फिलिस्तीनियों की हत्या करने युद्ध अपराधी नहीं है?

ऋषि सुनक का एक साल

ऋषि सुनक को यूके की सत्ता सम्हाले एक साल पूरे हो गए।वे पिछली दीवाली पर ब्रिटेन के पहले अश्वेत और पहले हिन्दू प्रधानमंत्री बने थे।

गुस्साएं 45 करोड अरबी, आशंकित हुक्मरान

अरब लोग नाराज़ हैं।ये दो दर्जन से ज्यादा देशों में फैलेकोई 45 करोड़ है। उनकी सहानुभूति फिलिस्तीन के साथ है। अरबी लोग फिलिस्तीनके पक्ष में खुल कर बोल रहे...

पुतिन की नकल मध्यपूर्व का गहराता संकट

इजराइल-हमास युद्ध का आज 16वां दिन है। गाजा पट्टी मलबे और धुएं से अटी पड़ी है और धरती खून और आंसूओं से भीगी हुई।

पुतिन की बांछें खिली चैन से चीन में!

हमारी धरती दो खोमों में बंट गई है। इजराइल, यूक्रेन और पश्चिम एक ओर और चीन, रूस और दुनिया के अन्य तटस्थ देश दूसरी ओर।

बाइडेन के लिए बाधा बन रही इजराइल की जंग

जॉर्डन ने इस ‘जघन्य युद्ध अपराध’ की निंदा करते हुए उसकी मेजबानी में अम्मान में होने वाली बाइडेन और फिलस्तीन व मिस्र के नेताओं की वार्ता रद्द करने की...

पोलैंड ने दुनिया को रास्ता दिखाया है

पोलैंड में पहले कम्युनिस्ट शासन था, उसके बाद निरंकुश लोक-लुभावन शासन था और इस पूरे दौर में वह एक असहिष्णु और अनुदार लोकतंत्र बना रहा।

ईरान ने इजराइल को दी धमकी

ईरान ने कहा है कि अगर गाजा में हमले तुरंत नहीं रोके जाते हैं तो मुस्लिम सेना को रोकना मुश्किल होगा।

इजराइल-हमास जंग से गड़बड़ाया अमेरिकी गणित

मध्य-पूर्व रिवर्स गियर में चला गया है– खून-खराबे, अविश्वास और अदावत के पुराने दौर में। हमास के हमले पर कुछ अरब देश और मुसलमानों का एक तबका तालियां बजा...