Tuesday

25-03-2025 Vol 19

NI Editorial

The Nayaindia editorial desk offers a platform for thought-provoking opinions, featuring news and articles rooted in the unique perspectives of its authors.

फेल हो गया पीएलआई!

नरेंद्र मोदी सररकार की अन्य कई योजनाओं की तरह प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव (पीएलआई) स्कीम की शुरुआत भी खूब शोर-शराबे के साथ हुई।

ठुकराए जाने की खिन्नता

russia ukraine war : यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोमीर जेलेन्स्की का सुझाव है कि रूस से रक्षा के लिए “यूरोप की सेना” का गठन किया जाए।

बदइंतजामियों की इंतहा

delhi railway station stampede : महापर्व महाकुंभ को जन-भावनाओं के अनियंत्रित उभार का अवसर बना दिया गया है। नतीजतन, प्रयागराज जाने का रेला चल पड़ा।

ये जो रोजगार है

भारत में पिछले अनेक वर्षों से जिस काम की चर्चा के साथ रोजगार पैदा होने का खूब ढिंढोरा पीटा गया है, उसकी असलियत क्या है, उस पर एक ताजा...

ज्यादा कुछ हासिल नहीं

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) के क्षेत्र में इस वक्त सर्व प्रमुख चिंता बंटते प्रतिमान हैं।

भारत सरकार की सफलता?

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने अपने अटार्नी जनरल को विदेश भ्रष्ट आचरण अधिनियम (एफसीपीए) के तहत जारी तमाम मुकदमों की समीक्षा का आदेश दिया है।

झटकों के बीच यात्रा

अमेरिका ने अवैध आव्रजकों को जिस अपमानजनक ढंग से भारत लौटाया, उससे देश में नरेंद्र मोदी सरकार की भारी किरकिरी हुई।

सॉफ्ट पॉवर पर डंडा

अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास सहायता एजेंसी (यूएसएड) की फंडिंग रोकने के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के फैसले से देश के कूटनीतिक और लिबरल हलकों में मची बेचैनी को समझा जा सकता...

नया चुनाव ही रास्ता

आखिरकार भारतीय जनता पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को हटाने पर राजी हुआ।

‘नई’ राजनीति की इतिश्री?

delhi election bjp तमाम संकेत हैं कि ‘आप’ ने जो वोट हासिल किए, उनमें ज्यादातर हिस्सा गरीब तबकों का है।

नौ दिन में ढाई कोस!

rahul gandhi: नौ दिन चले ढाई कोस- यह आम कहावत है। फिलहाल, यह दिल्ली में कांग्रेस पर लागू होती दिखी है।

क्रूर और अपमानजनक

illegal immigrants: किसी देश में किसी को अवैध रूप से रहने का अधिकार है, यह तर्क कोई विवेकशील व्यक्ति नहीं दे सकता।

भरोसा बना नहीं है

budget 2025: केंद्र ने अगले साल के बजट में उपभोग बढ़ाने के लिए आय कर टैक्स में बड़ी छूट दी है, मगर एफएमसीजी कंपनियां इससे आश्वस्त नहीं दिखतीं।

अपना-अपना मैदान है!

india alliance: कांग्रेस ने सबकी पार्टी होने की अपनी पहचान गंवाते हुए जातीय राजनीति की तरफ कदम बढ़ाया। मगर उस वह मैदान खाली नहीं है।

डील मेकर डॉन

Donald Trump: मेक्सिको का दावा है कि अमेरिकी हथियारों की आसानी से उपलब्धता के कारण वहां अपराध की दर बढ़ी है। डील की खबरें आते ही अमेरिकी शेयर बाजारों...

समाधान भी तो बताइए!

rahul gandhi speech in parliament: अच्छी बात है कि भारत की बढ़ती जा रही आर्थिक समस्याओं के बीच पक्ष और विपक्ष हकीकत से आंखें मिला रहे हैं।

काम आएगी ये तैयारी?

trump tariff: भारत में ऊंचे शुल्क और अमेरिकी कंपनियों के लिए कारोबार में आने वाली मुश्किलों का उदाहरण बताया था।

आगे क्या प्रोग्राम है?

तेलंगाना की कांग्रेस सरकार ने जातीय सर्वेक्षण कराया। सामने आए आंकड़ों को अब सार्वजनिक कर दिया गया है।

चिंता वाजिब, हल बताइए!

साल 2024-25 के आर्थिक सर्वेक्षण पर सरसरी नज़र डालें तो यही धारणा बनती है कि अर्थव्यवस्था में ‘सब कुछ ठीक-ठाक है’।

बजट की कुल कहानी

आम बजट (2025-26) की बड़ी हेडलाइन है कि सरकार ने शहरी उपभोग को संभालने के लिए मध्य वर्ग को बड़ी कर रियायत दी है।

महाकुंभ में महा-त्रासदी

मौनी अमावश्या पर अमृत स्नान के लिए भारी भीड़ का उमड़ना अपेक्षित था।

परास्त होता हुआ मकसद

वक्फ़ (संशोधन) विधेयक संबंधी संसदीय समिति की कार्यवाही जिस विवादास्पद ढंग से चली और विपक्षी सांसदों की राय को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया

सुधार और गिरावट भी

2024 में स्कूलों में सीखने की क्षमता का स्तर कोरोना काल से पहले के स्तर पर आ गया है।

ट्रंप काल एक दुविधा

donald trump: ट्रंप से संपर्क बनाने की भारत ने कोई समय ना गंवाने का तरीका अपनाया। लेकिन उससे लाभ हुआ नहीं दिखाता।

ये जो उथल-पुथल है

भारतीय मीडिया में अक्सर शेयर बाजारों में अचानक हुई बड़ी गिरावट के लिए कत्ल-ए-आम या रक्तपात जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है।

अब कुछ ठोस हासिल

मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हुई मुलाकात के बाद संबंध सुधार की शुरू हुई प्रक्रिया मिसरी की यात्रा से और आगे बढ़ी है।

तब दिया, अब वापस!

आखिर लड़की बहिन योजना के तहत 30 लाख “अयोग्य” लाभार्थियों को छह महीनों तक 1500 रुपये- यानी नौ हजार रुपयों- का भुगतान हुआ है।

ट्रंपिज्म के साये में

इसके बावजूद वर्ल्ड इकॉनमिक फोरम (डब्लूईएफ) की तरफ से आयोजित चार दिन के सम्मेलन पर ट्रंप का साया हावी रहा।

बांग्लादेश की नई दिशा

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के विदेश नीति सलाहकार तौहीद हुसैन चीन के दौरे पर हैं।

भारत के सामने प्रश्न

अमेरिका में राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद डॉनल्ड ट्रंप ने अपनी पहली बड़ी पहल आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) के क्षेत्र में की है।

भारत की यह महत्त्वाकांक्षा

डोनल्ड ट्रंप ने पहले ही चेतावनी दी थी कि ब्रिक्स देश अपने कारोबार के भुगतान में डॉलर का इस्तेमाल घटाएंगे, तो अमेरिका उनसे होने वाले आयात पर 100 फीसदी...

अब प्रतीकात्मक भी नहीं

डॉनल्ड ट्रंप ने ह्वाइट हाउस में लौटते ही जो फैसले सबसे पहले लिए, उनमें एक जलवायु परिवर्तन पर पेरिस संधि से अमेरिका को निकालने का है।

शीघ्र एवं उचित न्याय

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल बलात्कार कांड की जांच टीम ने जिस तेजी से साक्ष्य जुटाए और सियादह अदालत मामले को जैसी प्राथमिकता दी, वह काबिल-ए- तारीफ है।

नाकाम उपाय, चूकता रास्ता

निजी निवेश में गिरावट का सिलसिला इस वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में भी जारी रहा।

ट्रंप काल में भारत

अमेरिका के नए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप चीन के प्रति नरम रुख अपनाते हैं, तो भारत-अमेरिका संबंध प्रभावित हुए बिना नहीं रहेंगे।

पुलिस और आम लोग

क्या सैफ अली खान पर हमले की रहस्यमय परिस्थितियों के कारण आरंभ में पुलिसकर्मी घटना की गंभीरता का अंदाजा नहीं लगा पाए?

मूर्ख बनाने का खेल

राहुल गांधी ने बिहार में 2023 में हुए जातीय सर्वेक्षण को फर्जी बताया है। कहा कि नीतीश कुमार सरकार ने इसे लोगों को मूर्ख बनाने के मकसद से कराया।

भविष्य का सवाल है

भारत का भविष्य संवारने के लिहाज से इससे चिंताजनक खबर और क्या हो सकती है कि देश में एम-टेक कोर्स का आकर्षण घटता ही जा रहा है।

अमन की उम्मीद बढ़ी

लेबनान में हिज्बुल्लाह के कमजोर पड़ने और सीरिया में बदले समीकरणों के बाद हमास के लिए भी प्रतिकूल परिस्थितियां बनी हैं।

मेटा ने मांगी माफी

लोकसभा चुनाव में भाजपा की चुनावी हार नहीं हुई। मगर अनेक लोगों की राय में उसे राजनीतिक पराजय कहा जाएगा।

जहां ऐसे स्कूल हों!

‘विकसित भारत’ बनाने के जारी उद्घोष के बीच ये खबर अहम है कि 2023-24 के शैक्षणिक सत्र में देश में करीब 13 हजार ऐसे स्कूल थे

समस्या की जड़ें गहरी

किसी भारतीय की विदेश में युद्ध मोर्चे पर मौत के बाद देश में नाराजगी पैदा होना स्वाभाविक प्रतिक्रिया है।

एकता में बल है

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेताओं की एसकेएम- अराजनीतिक गुट से एकता वार्ता शुरू करना सकारात्मक संकेत है।

महंगाई की भ्रामक सुर्खियां

दिसंबर में भी खाद्यों की खरीद पर आम परिवारों को औसतन आठ प्रतिशत से अधिक खर्च करना पड़ा। बढ़ोतरी का ये सिलसिला कोरोना काल के बाद से जारी है।

ये अनावश्यक चर्चा है

अमेरिकी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में विदेशी राजनेताओं को आमंत्रित करने की परंपरा नहीं है।

‘क्वांटम जंप’ में बाधाएं

देश के विकसित होने का अर्थ आम खुशहाली एवं सबके लिए गरिमामय जीवन स्तर सुनिश्चित करना हो- जिस अर्थ में विकसित श्रेणी में शामिल देशों को यह दर्जा मिला...

सीईओ’ज का ‘विकसित भारत’

वित्त वर्ष 2023-24 में एलएंडटी के सीईओ एसएन सुब्रह्मण्यम की कमाई 51.5 करोड़ रु. रही।

जिम्मेदार आखिर कौन है?

ये खदान राज्य सरकार का उद्यम- एएमडीसी चलाता था, मगर उसे 12 साल पहले बंद कर दिया गया।