
गिरिजा शंकर
Sep 17, 2024
Columnist
श्रीवर्धन के रंगकर्म की ‘सनसनी’
“सनसनी“ के अपने अनुभव से श्रीवर्धन पूरी तौर पर संतुष्ट है। उनका मानना है कि इस शो के जरिये अभिनय करने का शौक भी पूरा हो रहा है और...
Jul 23, 2024
Columnist
‘शरबत-ए-आज़म’ यानी कुंए का मीठा पानी
सचिन का फोन आया कि उनके नये नाटक का मंचन है और आपको आना है। अन्य व्यस्तताओं के कारण मेरा जाना संभव नहीं था।
Apr 23, 2024
Columnist
“यूं ही साथ-साथ चलते”
यह नाटक यानी नाटक की कथावस्तु उनके और उनके जैसे अनगिनत मध्यवर्गीय दंपत्तियों की कहानी है जो पारिवारिक व अन्य जिम्मेदारियों के चलते सहज प्रेम को भूल से गये...
Feb 27, 2024
Columnist
संवाद और संवाद अदायगी का सम्मोहन
मंच पर रोशनी होती है और नाटक की नायिका प्रवेश लेती है। प्रवेश लेते ही वह दर्शकों से एकालाप करने लगती है। salim arif gudamba
Feb 21, 2024
Columnist
अभिनय इसी का नाम है
इस नाटक की एक और खूबी रिपीट वेल्यू है, यानी दर्शक इसे बार-बार देखना चाहेगा। यानी यह पूरी तरह पेशेवर रंगमंच है।
Jan 9, 2024
Columnist
नफरत को मोहब्बत में बदलता नाटक
इस बेहद संवेदनशील कथानक को अपने नाटक में पूरी संवेदना के साथ प्रस्तुत करने का साहसिक काम निदेशक दौलत वैद ने किया है।
Oct 17, 2023
Columnist
यायावरी रंगमंच का सितारा
लकीजी की स्कूली बच्चों तक नाटक को पहुंचाने की रंगयात्रा बदस्तूर जारी है, बिना किसी सरकारी या संस्थागत आर्थिक सहायता के।
Oct 3, 2023
Columnist
एक्शन, लाइट, डायरेक्शन…
1990 में पटना के निर्माण कला मंच द्वारा संगीत नाटक अकादमी और संस्कृति विभाग बिहार सरकार के सहयोग से स्लम बस्तियों में रहने वाले बच्चों के लिये रंगमंच कार्यशाला...
Sep 26, 2023
Columnist
‘अंधा युग’ पेशेवर नाटक की आहट
भोपाल के रंगमंच में बरसों बाद या कहूं पहली बार किसी निजी नाट्य संस्था द्वारा पेशेवर अंदाज में नाटक की प्रस्तुति की गई।
Sep 19, 2023
Columnist
हबीब तनवीर की याद में
रजा फाऊंडेशन द्वारा छत्तीसगढ़ शासन के संस्कृति अकादमी के सहयोग से रायपुर में हबीब साहब की स्मृति में दो दिवसीय आयोजन किया गया।
Aug 8, 2023
Columnist
‘किलकारी’ की रंगमंचीय गूंज
कुछ साल पहले चर्चित फिल्म ’सुपर-30’ का निर्माण हुआ था। इस फिल्म में कलाकारों के चयन के लिये प्रसिद्ध कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा पटना आये हुए थे।
Jun 27, 2023
Columnist
एक जुनूनी रंगकर्मी का रंग आंदोलन
देव के रंगमंच की शुरुआत दिल्ली में अस्मिता थियेटर की एक कार्यशाला से हुई।
Jun 6, 2023
गेस्ट कॉलम
दो दशक बाद फिर बज्जू भाई का ‘अंधा युग’
आवाज और संवाद का जादू का असर कलाकारों के परिपक्व अभिनय से और बढ़ गया था। सवा दो घंटे की लंबी अवधि का होने के बाद भी नाटक एक...
May 30, 2023
गेस्ट कॉलम
थियेटर की महक है “कटहल” में
थियेटर व फिल्मों का जितना करीबी रिष्ता इन दिनों देखने को मिलता है, वैसा पहले शायद नहीं रहा।
May 23, 2023
गेस्ट कॉलम
दमन का कॉमिक प्रतिकार है ‘बागी अलबेले’
मैं किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में सोचता हूँ जिसे हंसी ही नहीं आती और जो कभी हंसा ही नहीं। क्या वह नाटक ’बागी अलबेले’ देखते हुए भी ऐसा...