Monday

10-03-2025 Vol 19

अशोक 'प्रवृद्ध'

सनातन धर्मं और वैद-पुराण ग्रंथों के गंभीर अध्ययनकर्ता और लेखक। धर्मं-कर्म, तीज-त्यौहार, लोकपरंपराओं पर लिखने की धुन में नया इंडिया में लगातार बहुत लेखन।

सरस्वती: अंतःप्रेरणा की वाणी

वैदिक मतानुसार सरस्वती सत्यचेतना से निकलकर बहने वाली अंतःप्रेरणा की नदी है। सरस्वती गतिशीला है, गतिमती है।

सत्य ज्ञान, वाणी की देवी सरस्वती

सरस्वती का व्युत्पत्यर्थ है- गतिशीला, गतिमती। गतिशीलता के आधार पर ही सरस्वती प्रतीक ज्ञान, अंतःप्रेरणा की वाणी, ज्योति आदि अर्थों में स्वीकृत है।

डार्विन का विकासवाद कहानी है!

डार्विन के विकासवाद के सिद्धांत को पाठ्यक्रम से हटाने पर देश के कुछ विद्वानों व शिक्षकों ने हैरानी जताते हुए कहा है कि डार्विन का सिद्धांत छात्रों के लिए...

शिव और विष्णु का तिल से पूजन

भारतीय पंचांग के बारह महीनों में अलग-अलग चीजों का विशेष महत्व होता है।

वैष्णव साधना के प्रवर्त्तक स्वामी रामानन्द

यह सभी द्वारे ब्राह्मण कुल के शिष्यों के द्वारा स्थापित किए गए हैं, इनमें से एक पीपासेन क्षत्रिय कुल थे। संप्रदाय की शर्त अनुसार सभी का ब्रह्मचारी होना आवश्यक...

कुष्ठ से मानवता बहुत रही प्रभावित

माइकोबैक्टिरिअम लेप्राई और माइकोबैक्टेरियम लेप्रोमेटॉसिस जैसे जीवाणुओं के कारण होने वाला कुष्ठ रोग एक दीर्घकालिक रोग है।

नेताजी ने बजाया था पूर्ण स्वतंत्रता का बिगुल

देशवासियों के आगे रहस्यमय रहे इतिहास के कई अध्यायों का अनावरण हो रहा है। गांधी और नेहरू ने कांग्रेस के प्रभावशाली व्यक्तित्वों को दबाने और उपेक्षित करने का भरसक...

शुभ दिन है कूर्म द्वादशी

भारतीय पंचांग के अनुसार पौष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को कूर्म द्वादशी कहा जाता है। यह दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु के द्वितीय अवतार कच्छप...

सबको शिक्षा से ही समानता संभव

दैनन्दिन जीवन में मनुष्य का पाला जड़ और चेतन दोनों ही वस्तुओं से पड़ता है। जड़ वस्तुओं से व्यवहार करते समय मनुष्य उसे जैसा चाहता है, वैसा व्यवहार कर...

वेद (ज्ञान) के सत्प्रभाव में सभी सम्प्रदाय व पन्थ

वेद का शाब्दिक अर्थ ज्ञान है और सृष्टि के आरम्भिक काल में सभी मानव सनातन वैदिक धर्म पद्धति पर ही आलम्बित थे अर्थात परमेश्वरोक्त ग्रन्थ वेद में कहे अनुसार...

रोम का वसंतोत्सव था क्रिसमस त्यौहार ?

ईसाई जगत यीशु मसीह का जन्मदिन 25 दिसम्बर मानता है, परन्तु विलियम ड्यूरेंट ने यीशु मसीह का जन्म वर्ष ईसापूर्व चौथा वर्ष लिखा है।

पंच महाभूतों में एक अग्नि

 आधुनिक विज्ञान के अनुसार भी विभिन्न प्रकार की ऊर्जाओं का एक दूसरे में रूपांतरण किया जा सकता है। कार्य होने पर ऊर्जा एक रूप से दूसरी रूप में रूपांतरित...

दुष्टों को दंड देने वाले वैदिक देवता रूद्र

वेदों में दुष्ट और हिंसक प्राणी को दण्डित करने का उपदेश देते और दुष्टों को दंड देकर रूलाने वाले देवता के रूप में रुद्र की प्रार्थना के अनेक मंत्र...

शत्रु व संकट नाशक काल भैरव

शत्रुओं के नाश और जीवन में सफलता, शांति व समृद्धि प्राप्ति के लिए मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव की पूजा करने की पौराणिक...

अखंड सौभाग्य के लिए सौभाग्य सुंदरी व्रत

माता गौरी अथवा भगवान शिव और उनकी अर्द्धांगिनी पार्वती की संयुक्त पूजन से संबंधित अनेक व्रत, पर्व व त्योहार तृतीया तिथि को मनाई जाती है।

शालिग्राम रूपी विष्णु से तुलसी विवाह का दिन

दैवीय गुणों से अभिपूरित तुलसी औषधियों की भंडार है। तुलसी को अथर्ववेद में महाऔषधि की संज्ञा प्रदान की गई है। तुलसी को संस्कृत में हरिप्रिया कहा जाता है।

सूर्य की उपासना का पर्व छठ पूजा

सर्वकामना पूर्ति के उद्देश्य से सूर्योपासना का अनुपम लोकपर्व छठ व्रत किए जाने की पौराणिक परिपाटी है। यह पर्व चैत्र व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को...

गायत्री मंत्र के द्रष्टा, उपदेष्टा ऋषि विश्वामित्र

कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को महर्षि विश्वामित्र का जन्म हुआ था। इसलिए प्रतिवर्ष इस तिथि को विश्वामित्र जयंती के रूप में मनाया जाता है।

गौ पूजन की सजीव परंपरा

भगवान श्रीकृष्ण ने कार्तिक शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन इन्द्र का मानमर्दन कर गिरियज्ञ अर्थात गिरिराज पूजन किया था। और गोवत्स पूजन अर्थात गौ पूजन की सजीव परंपरा आरंभ...

सभी कामनाओं की अभीष्ट प्रदात्री श्रीलक्ष्मी

गौ आदि पशु एवं विभिन्न प्रकार के अन्न भोग्य पदार्थों के रूप में, यश के रूप में श्री लक्ष्मी के गृह में आगमन हेतु अधिकांश भारतीय इनकी आराधना में...

यम को दीपदान के बहाने यमी की आलंकारिक कथा

यम अर्थात यमराज मृत्यु के देवता हैं, जो नरक चतुर्दशी की सायंकाल में दीपदान करने वाले को असमय अकाल मृत्यु कष्ट से बचाते हैं।

अमृत कलशधारी धन्वन्तरि

पौराणिक मान्यताओं में भगवान विष्णु का रूप कहे जाने वाले धन्वन्तरि की चार भुजायें  हैं। उपर की दोंनों भुजाओं में शंख और चक्र धारण किए हुए हैं।

धन्वंतरि जैसे ही थे वैद्य अश्विनी कुमार

प्राचीन चिकित्सकों में असाध्य रोग-दोष का शमन करने वाले प्रसिद्ध वैद्य अश्विनी कुमार का नाम सर्वाधिक प्राचीन है।

लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल

लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई झावेरभाई पटेल की 148वीं जयंती आज 31 अक्टूबर 2023 को पूरा देश राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मना रहा है।

जल और उर्वरता की पूजा का दिन

चातुर्मास में भगवान विष्णु क्षीरसागर में शेषनाग की शय्या पर शयन करते हैं। विष्णु की इस विश्राम अवस्था को पद्मनाभ कहा जाता है।

विजयदशमीः क्यों होती है आयुध पूजा?

शक्ति और शक्ति के समन्वय का पर्व नवरात्र और विजयादशमी शारीरिक- मानसिक शुद्धता के साथ विजय का त्योहार है।

परम पद प्रदात्री देवी सिद्धिदात्री

आठ दिनों तक भगवती के विभिन्न अष्ट स्वरूपों का पूजन करने के बाद नवरात्र के नौवें और अंतिम दिन नवदुर्गा के नवम स्वरूप माता सिद्धिदात्री की पूजा करने का...

ज्ञान व चेतना की देवी स्कन्दमाता

माता भगवती दुर्गा के पंचम स्वरूप देवी स्कन्दमाता की पूजा– अर्चना नवरात्रि के पांचवें दिन किए जाने की परिपाटी है।

सुख, समृद्धि देने वाली मां कूष्माण्डा

इस वर्ष 2023 में शारदीय नवरात्र का चौथा दिन 18 अक्टूबर दिन बुधवार को पड़ रहा है।

तप, त्याग, सदाचार, प्रदात्री ब्रह्मचारिणी

जीवन के कठिन संघर्षों में भी उसका मन कर्त्तव्य पथ से विचलित नहीं होता। माता  ब्रह्मचारिणी की कृपा से उसे सर्वत्र सिद्धि और विजय प्राप्त होती है।

शिक्षक से नींव, संस्कार, चरित्र निर्माण

इस संसार का दर्शन कराने वाले माता- पिता का स्थान जीवन में कभी कोई नहीं ले सकता। माता- पिता ही प्रथम गुरू होते हैं, जो हमें इस जीवन संघर्ष...

अहिंसा हैश्रेष्ठ दैवीय वृत्ति

आदि काल से ही मानव जीवन के साथ दैवी (दैवीय) और आसुरी वृत्तियों का संघर्ष निरंतर चला आ रहा है। जीवन संग्राम में आसुरी वृत्तियों के विजय होने पर...

सर्वकामना के लिए अनंत चतुर्दशी

जिसकी कोई सीमा न हो, जिसका कोई अंत न हो, उसे अनन्त (अनंत) कहा जाता है। यह शब्द उन राशियों के लिए प्रयुक्त किया जाता है, जिनकी माप अथवा...

अग्नि, वाणी व छंद के प्रथम ज्ञाता

दिव्य अध्यात्मज्ञान, योगबल, तप साधना एवं मन्त्रशक्ति के लिए विशेष रूप से प्रतिष्ठित ऋग्वेद के प्रसिद्ध ऋषि अंगिरा ब्रह्मा के मानस पुत्र थे।

जगत तो निराकार ईश्वरीय शक्ति से

वैदिक मतानुसार ईश्वर, जीव और प्रकृति तीनों कारण, स्वयंसिद्ध और अनादि हैं। ईश्वर अर्थात परमात्मा में परम+ आत्मा तथा जीवात्मा में जीव+ आत्मा दो शब्द हैं।

दुनिया में कृष्णभावनामृत प्रर्णेता श्रील प्रभुपाद

भारतीय परंपराओं, वैदिक अनुष्ठानों का भी अंतिम मंत्र यही होता है- इदम् न ममम् अर्थात- ये मेरा नहीं है। यह अखिल ब्रह्मांड के लिए है, सम्पूर्ण सृष्टि के हित...

सम्यक दृष्टि वाले चक्रधारी श्रीकृष्ण

वैष्णव परंपरा में श्रीकृष्ण भक्ति का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। द्वापर युग के अंत काल में जन्म और मृत्यु को प्राप्त श्रीकृष्ण आज भी पूज्य हैं। लोग आज भी...

बलवानों में श्रेष्ठ बलभद्र

ये अपने शरीर पर नीला वस्त्र और हाथों में हल धारण करते हैं। इनके अस्त्र हल व गदा हैं। इनको नागराज अनंत का अवतार और क‍िसानों का देवता भी...

निराकार व सर्वव्यापी ईश्वर

आस्तिक लोग स्वभावतः ईश्वर भक्त होते हैं। और नास्तिक तो अजीब जीव हैं, वे न तो परमात्मा को मानते हैं, और न ही परमात्मा के द्वारा दिए ज्ञान को।

भारतीय संस्कृति का परिदर्शक ऋग्वेद उपाकर्म

उपाकर्म का मुख्य उद्देश्य वेद के बारे में मानवजाति को ज्ञान देने वाले अर्थात मानव के लिए सामने लेकर आने वाले ऋषि- मुनियों को धन्यवाद करते हुए श्रद्धा सुमन...

मनोरथ के लिए दामोदर द्वादशी व्रत

श्रावण मास शिव को समर्पित होते हुए भी सभी देवी- देवताओं की पूजार्चना करने का सौभाग्य प्रदान करने वाला महीना के रूप में प्रसिद्ध है।

श्रीराम भक्त गोस्वामी तुलसीदास

हिन्दी साहित्याकाश के परम नक्षत्र, भक्तिकाल की सगुण धारा की रामभक्ति शाखा के प्रतिनिधि कवि गोस्वामी तुलसीदास (1511 - 1623) एक साथ कवि, भक्त तथा समाज सुधारक तीनों रूपों...

कलियुग और कल्कि अवतार मान्यता

श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को कल्कि जयंती मनाई जाती है। इस वर्ष 2023 में कल्कि अवतार की जयंती 22 अगस्त को मनाई जाएगी।

सूर्य आश्लेषा नक्षत्र और नागपूजा

सर्वकामना पूर्ति के उद्देश्य से श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को नागपंचमी का प्रमुख त्योहार मनाए जाने की पौराणिक परिपाटी है। इस दिन भारत में नाग देवता...

विदेश में फाँसी पर चढ़े क्रान्तिकारी मदनलान धींगरा

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की चिनगारी को धधकती ज्वाला में बदलने वाले महान बलिदानी मदन लाल धींगरा (ढींगरा) का जन्म 18 सितंबर 1883 को पंजाब प्रान्त के अमृतसर में एक...

वेदों में पृथ्वी की कल्याण कामना

धर्म हमारे राष्ट्र के कण-कण में संव्याप्त होने के कारण ही भारतीय राष्ट्रवाद आध्यात्मिक राष्ट्रीयता के रूप में जाना जाता रहा है। यही कारण रहा है कि हमारे आदि...

जीवनदात्री प्रकृति का संरक्षण आवश्यक

एक स्वस्थ पर्यावरण एक स्थिर और स्वस्थ मानव समाज की नींव है। इसलिए प्रकृति को संरक्षित करने की जिम्मेवारी संसार के प्रत्येक व्यक्ति की है।

आदि महादेव का अलौकिक नृत्य ताण्डव

भारतीय संगीत में चौदह प्रमुख तालभेद में वीर तथा बीभत्स रस के सम्मिश्रण से बने ताण्डवीय ताल का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है।